करीब तीन महीने से जारी युद्ध के बाद यूक्रेन ने अपना दक्षिणी किला मारियुपोल गंवा दिया है. रूस के सामने यूक्रेन की आखिरी टुकड़ी ने भी सरेंडर कर दिया गया है. रूसी सेना का दावा है कि अब तक करीब 1 हजार यूक्रेनी सैनिक मारियुपोल छोड़ चुके हैं.
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने बुधवार को कहा कि अजोवस्टल स्टील प्लांट में पिछले 24 घंटे में 694 यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सैनिकों के सामने सरेंडर किया है. सोमवार से अब तक कुल 959 सैनिक सरेंडर कर चुके हैं. हालांकि यूक्रेन ने रूस के इस दावे की पुष्टि नहीं की है. यूक्रेनी अधिकारियों ने संयंत्र छोड़ने वाले सैनिकों की संख्या अभी तक जारी नहीं की है.
3000 लोगों को अपने साथ ले गए रूसी सैनिक
यूक्रेन के मानवाधिकार लोकपाल ल्यूडमिला डेनिसोवा ने कहा कि रूसी सेना ने मारियुपोल से 3,000 से ज्यादा लोगों को पकड़कर पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में Olenivka के पास स्थित एक कॉलोनी में रखा है.
मारियुपोल स्टील प्लांट से सात बसों से कई यूक्रेनी सैनिकों को भी यहीं लाया गया है. उन्होंने दावा किया कि ज्यादा नागरिकों को यहां एक महीने रखा जाता है, लेकिन पूर्व सैनिकों और लड़ाकों को दो महीने के लिए रखा जाता है.
रूस ने फ्रांस दूतावास के 34 कर्मचारियों को निकाला
रूस ने बुधवार को फ्रांस दूतावास के 34 कर्मचारियों को अपने देश से निकालने का आदेश दे दिया है. उसने कहा कि रूस पर यूरोपीय देशों द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में इनको निष्कासित किया है.
रूस से फ्रांस के राजदूत पियरे लेवी को तलब कर कहा कि उनके पास देश छोड़ने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रूसी राजनयिक मिशनों के 41 कर्मचारियों का निष्कासन निर्णय गलत था.
US ने यूक्रेन को EU से तीन गुना ज्यादा मदद भेजी
अमेरिका ने यूरोपीय संघ से करीब तीन गुना ज्यादा यूक्रेन को समर्थन दिया है. यह दावा जर्मन के थिंक टैंक ने किया है. कील इंस्टिट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने यूक्रेन के लिए सहायता पैकेज जारी कर 24 जनवरी से 10 मई के बीच अमेरिकी सैन्य, वित्तीय और मानवीय सहायता के लिए करीब 45 बिलियन डॉलर की मदद पहुंचाई.
थिंक टैंक ने बताया कि जबकि इसी दौरान यूरोपीय संघ से सहायता केवल 16.8 बिलियन डॉलर की ही मदद दी. वहीं 27 देशों के गुट में कुछ ऐसे भी देश हैं, जो यूक्रेन को विशेष रूप से हथियारों की आपूर्ति के लिए मदद पहुंचाने से कतराते रहे.
NOTA की सदस्य के लिए फिनलैंड-स्वीडन का आवेदन
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने बताया कि फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा, "मैं नाटो में शामिल होने के लिए दोनों के आवेदनों का स्वागत करता हूं. अब 30 सदस्य देश इस आवेदन पर विचार करेंगे.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल होने पर आपत्ति जताई है. अगर उनकी आपत्ति दूर हो जाता है और इस संबंध में वार्ता ठीक राह पर रही तो दोनों देश कुछ महीने के भीतर नाटो के सदस्य बन सकते हैं. इस प्रक्रिया में आमतौर पर आठ से 12 महीने लगते हैं, लेकिन रूस के खतरे को देखते हुए दोनों देश नाटो में जल्द से जल्द शामिल होना चाहते हैं.