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पहले मिमिक्री कर चर्चा में आए, फिर वक्फ पर JPC मीटिंग में चोटिल और अब साथी सांसदों से भिड़े कल्याण बनर्जी की पूरी कहानी

TMC सांसद कल्याण बनर्जी पिछले साल पार्लियामेंट कैंपस में मिमिक्री करके चर्चा में आए थे. उनकी मिमिक्री का वीडियो लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रिकॉर्ड किया था. उसके बाद कल्याण फिर तब चर्चा में आए, जब उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC मीटिंग में खुद को कांच की बोतल से चोटिल कर लिया था

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संसद के बाहर तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद, महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी. (फाइल फोटो)
संसद के बाहर तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद, महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी. (फाइल फोटो)

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी फिर चर्चा में हैं. पश्चिम बंगाल की श्रीरामपुर सीट से चौथी बार सांसद चुने गए बनर्जी सदन में तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, इस बार वे अपनी ही पार्टी के सांसदों से भिड़ गए हैं और ये विवाद गहराता जा रहा है. पार्टी हाईकमान भी मामले पर नजर रखे है और कल्याण बनर्जी के तीखे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

कल्याण बनर्जी पिछले साल पार्लियामेंट कैंपस में मिमिक्री करके चर्चा में आए थे. उनकी मिमिक्री का वीडियो लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रिकॉर्ड किया था. उसके बाद कल्याण फिर तब चर्चा में आए, जब उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC मीटिंग में खुद को कांच की बोतल से चोटिल कर लिया था और अब टीएमसी के साथी सांसदों से भिड़ने की वजह से कल्याण चर्चा में हैं.

कल्याण बनर्जी के बारे में जानिए

कल्याण बनर्जी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं. उन्होंने बी.कॉम और एलएलबी किया है और सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की है. वे चौथी बार संसद के सदस्य चुने गए हैं. उन्होंने 2009, 2014, 2019 और 2024 के आम चुनाव में श्रीरामपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. कल्याण तृणमूल कांग्रेस के लिए कई मामलों को अक्सर उठाते रहे हैं.

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अब नया विवाद क्या है?

सूत्रों के अनुसार, 4 अप्रैल को टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के मुख्यालय पहुंचा था. यहां EVM और डुप्लिकेट वोटर आईडी नंबरों को लेकर शिकायत की गई. उसके बाद संसद तक मार्च निकाला गया. प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी के दोनों सदनों के सांसद थे. सूत्रों के मुताबिक वहां लोकसभा के दो सांसद और कल्याण बनर्जी के बीच काफी तू-तू, मैं-मैं हो गई. नौबत चोर और किसी निजी एजेंसी के लिए कम करने, राजनीति करने और दलबदलू तक पहुंच गई.

सूत्र कहते हैं कि कल्याण बनर्जी को एक ज्ञापन पर तृणमूल सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम दिया गया था और यह ज्ञापन पार्टी को चुनाव आयोग को सौंपना था. दोनों सदनों के लगभग सभी सांसद एकत्रित हो गए और हस्ताक्षर करने को ज्ञापन की प्रति मांगी. तब उनको बताया गया कि वो कल्याण बनर्जी के पास है. बनर्जी सीधे आयोग के दफ्तर पहुंचेंगे. ऐसे में जब सांसद चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे तो उन्होंने कल्याण बनर्जी पर नाराजगी जताई. बनर्जी ने भी उन्हीं के तेवर में जवाब दिया. बात आगे बढ़ चली. आवाजें ऊंची होते-होते तनातनी बढ़ने लगी.

साथी सांसदों ने समझा-बुझाकर शांत किया

कल्याण बनर्जी ने कहा कि मैं यहां किसी कोटे से नहीं आया हूं. ना ही किसी एजेंसी के लिए काम करने आया हूं. बात इतनी बिगड़ी कि पुलिस को बुलाकर बनर्जी के खिलाफ महिला को सताने की शिकायत करने की आवाज उठी और मुकदमा दर्ज करने तक कह दिया. बनर्जी को गिरफ्तार तक करवाने की धमकी दे दी. हालांकि वहां मौजूद अन्य साथी सांसदों ने दोनों को समझा-बुझा कर शांत किया. इसके बाद सभी आयोग में ज्ञापन देने एक साथ गए. इस घटना की जानकारी तुरंत पार्टी आलाकमान तक पहुंचा दी गई. यह पूरा घटनाक्रम तब सामने आया, जब बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक दिन पहले विवाद से जुड़े स्क्रीनशॉट शेयर किए. इसमें कीर्ति आजाद और कल्याण बनर्जी की ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप में विवाद से जुड़ी बातचीत का दावा किया गया.

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घटना के सामने आने के बाद टीएमसी के एक अन्य वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा, विवाद के बाद महुआ मोइत्रा रोने लगी थीं. उन्होंने जो किया है, उससे पार्टी की छवि खराब हुई है. उन्हें (कल्याण) तुरंत मुख्य सचेतक (लोकसभा) के पद से हटा दिया जाना चाहिए. कल्याण बनर्जी अपने असंयमित और असभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. 

'महुआ को रोते देखा...'

हालांकि, रॉय ने यह भी कहा कि वे चुनाव आयोग कार्यालय में झगड़े के दौरान मौजूद नहीं थे, लेकिन उन्होंने मोइत्रा को विजय चौक पर रोते और अन्य सांसदों से शिकायत करते देखा. अन्य सांसदों से कहा कि उन्होंने असभ्य तरीके से व्यवहार किया. उनका इतिहास रहा है.

सौगत रॉय ने और क्या कहा...

सौगत रॉय का कहना था कि उन्होंने (कल्याण) ज्योतिरादित्य सिंधिया (केंद्रीय मंत्री) को ‘लेडी किलर’ कहा था. बाद में उनसे माफी भी मांगी थी. वक्फ पर जेपीसी की बैठक के दौरान उन्होंने (कल्याण) एक बोतल तोड़ दी थी और कमेटी के अध्यक्ष पर फेंक दी थी. कल्याण अपने असंयमित और असभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. अब तक मैंने इसके बारे में नहीं बोला, क्योंकि यह मेरी गरिमा के खिलाफ है. मैंने आपसे सुना है कि उन्होंने मेरे खिलाफ कुछ कहा है और इसलिए मैंने जवाब दिया है.

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कल्याण ने सफाई में क्या कहा...

वहीं, सांसद कल्याण बनर्जी ने इस मुद्दे पर सफाई दी और कहा, मैं पिछले 40 सालों से राजनीति में हूं. यह महिला सांसद (महुआ) चुनाव आयोग के बाहर सुरक्षाकर्मियों से मुझे गिरफ्तार करने के लिए कह रही थी. वे कौन होते हैं मुझे जेल भेजने वाले? उन्होंने मुझे गालियां दीं. मैं संसद में लड़ता हूं. मैं किसी एक औद्योगिक घराने से जुड़ा नहीं हूं. मोइत्रा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, सिर्फ इसलिए कि महिला सांसद धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वो किसी का अपमान कर सकती हैं. वहीं, मोइत्रा ने इस प्रकरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 

जब मिमिक्री से मच गया था बवाल

बात दिसंबर 2023 की है. कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. उनका यह व्यंग्यात्मक प्रदर्शन कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. विपक्षी दलों ने इसे मर्यादा का उल्लंघन बताया तो खुद उपराष्ट्रपति ने इसे संविधान और पद की गरिमा का अपमान कहा था. इस घटना के बाद टीएमसी को भी बैकफुट पर आना पड़ा था.

वक्फ बिल पर JPC मीटिंग में आई हाथ में चोट

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बात अक्टूबर 2024 की है. वक्फ (संशोधन) बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान हालात बिगड़ गए थे. बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय से तीखी बहस में कल्याण बनर्जी इस कदर नाराज हो गए थे कि गुस्से में उन्होंने कांच की पानी की बोतल टेबल पर पटक दी. दुर्भाग्य से इससे उनके हाथ में चोट लग गई और चार टांके आए. इस उग्र व्यवहार को देखते हुए उन्हें समिति से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.

जब शिवराज को लेकर कहा, 'अमीरों का दलाल'

बात मार्च 2025 की है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पार्लियामेंट कैंपस में पत्रकारों से बातचीत में केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा, शिवराज चौहान 'अमीरों के दलाल' हैं. वे गरीबों के लिए काम नहीं करते और इसीलिए उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया.  ने अपना "दलाल" वाला कटाक्ष कई बार दोहराया.

उन्होंने कहा, शिवराज चौहान और पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल के खिलाफ हैं. वे वहां सरकार बनाना चाहते हैं और बार-बार विफल हो रहे हैं. वे वहां कभी सत्ता में नहीं आएंगे. BJP नेता कहते हैं कि बंगाल को फंड मत दो.

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