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UP: जल शक्ति मंत्री के यहां भी जल 'संकट', गड्ढे का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

बुंदेलखंड के कई इलाके लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. तिंदवारी इलाके के त्रिवेणी गांव के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. पानी की किल्लत के चलते यहां के लोग गड्ढा खोदकर पीने के पानी का इंतजाम करते हैं, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है.

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गंदा पानी पीने को मजबूर त्रिवेणी गांव के लोग
गंदा पानी पीने को मजबूर त्रिवेणी गांव के लोग

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में जलसंकट की कहानी सालों पुरानी है. एक समय ऐसा भी था जब यहां ट्रेनों से पानी भेजा जाता था. लेकिन 2014 के बाद यहां पानी की समस्या को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू किया गया. खटान पेयजल योजना और 'हर घर जल योजना' का काम जोरशोर से चल रहा है. प्रशासन का दावा है कि अगले कुछ महीनों में गांव के लोगों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा.

हालांकि तिंदवारी इलाके के त्रिवेणी गांव के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है. पानी की गंभीर समस्या के चलते यहां रहने वाले लोग गड्ढा खोदकर पीने के लिए गंदा पानी अपने घरों में ले जा रहे हैं. 

त्रिवेणी गांव के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर

त्रिवेणी गांव के लोगों का कहना है कि पानी के बिना जिंदा नहीं रहा जा सकता. तहसील से लेकर डीएम तक पानी की मांग की गई. लेकिन पिछले 2 सालों से आज तक पानी तो छोड़िए किसी ने ढंग से समस्या तक नहीं सुनी. लोग गंदा पानी पीने की वजह से बीमार हो रहे हैं. बावजूद इसके कोई सुनने वाला नहीं है. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इसी इलाके से भाजपा विधायक हैं और सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री भी हैं, वो भी इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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बताया जा रहा है कि सरकारी पाइपलाइन तो बिछ गई है, लेकिन पिछले 2 सालों से आधे गांव में पानी की एक बूंद तक नहीं आई है. गांव के इस हिस्से में लगे चंद हैंडपंप भी जवाब दे चुके हैं. 

महिलाएं दूर-दूर से पानी माने को मजबूर
महिलाओं दूर-दूर से पानी लाने के लिए मजबूर

ग्रामीणों का कहना है कि गांव के सैकड़ों परिवार गंदा पानी पीनों को मजबूर हैं. पानी न होने के चलते गड्ढा खोदकर गंदा पानी निकालने पर मजूबर हैं. महिलाएं दूर-दूर से पानी भरकर लाती हैं फिर छानकर उसे पिया जाता है. दूषित पानी की वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. गांव के मुखिया रामबिहारी वर्मा का कहना है कि उनकी समस्या को कोई नहीं सुन रहा है.

महिलाओं ने खुद फावड़े से गड्ढा खोदकर पानी निकाला

महिलाओं का कहना है कि दो साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक उनके मोहल्ले में पानी नहीं आया है. पानी के लिए हम मर रहे हैं. डीएम के यहां गए, रैली में भी गए लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. गांव के प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि यह समस्या यहां कई सालों से बनी हुई है. हम

लोग गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर
लोग गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर

ने काफी प्रयास किया, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. अफसरों से लेकर मंत्री तक से शिकायत की गई. आश्वासन के अलावा कुछ और नहीं मिला. महिलाओं ने खुद फावड़े से गड्ढा खोदकर पानी निकाला. यहां के लोग गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं.

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वहीं, नमामि गंगे के ADM एमपी सिंह ने बताया कि जलजीवन मिशन के तहत सभी को शुद्ध पानी मिलेगा. कुएं, तालाब की समस्या भी खत्म हो जाएगी. गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल उनके दरवाजे पर टोंटी पहुंचाया जाएगा. दो सालों से गंदा पानी पीने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो सीडीओ और जल निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी. साथ ही उच्च अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत कराया जाएगा.

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