अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे (एजम और अबान) किस बाल संरक्षण गृह में हैं, इस मामले में पुलिस की ओर से रिपोर्ट दाखिल न करने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 मार्च की तारीख तय की. 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने बीते दिनों कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इसमें उन्होंने कहा कि उसके दो नाबालिग बेटे किस बाल संरक्षण गृह में हैं, पुलिस इसका जवाब दे.
अतीक के बेटे लावारिस हालत में मिले थे- पुलिस
इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि अतीक के बेटे लावारिस हालत में मिले थे. नाबालिग होने की वजह से उन्हें बाल संरक्षण गृह में दाखिल करा दिया गया था. मगर, शाइस्ता की अर्जी में कहा गया है कि पुलिस इस मामले में झूठ बोल रही है और उनके बेटे बाल संरक्षण गृह में नहीं हैं.
24 फरवरी को कर दी गई थी उमेश पाल की हत्या
दरअसल, 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था. मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है.
मोहम्मद गुलाम के मकान और दुकान पर चला बुलडोजर
सोमवार को प्रयागराज के शिवकुटी थाना क्षेत्र के महदौल इलाके में स्थित शूटर मोहम्मद गुलाम के पुश्तैनी मकान और दुकान को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा पास होने के चलते जमींदोज कर दिया. बुलडोजर के एक्शन को देखते हुए एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था.
पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची तो घरवाले खुद ही सामान को निकालने में लग गए. गुलाम की मां और भाई मिलकर घर की जमा गृहस्थी को पड़ोसी के घर में पहुंचाने लगे. मोहम्मद गुलाम की मां का कहना है कि उनका यह मकान तो सास ससुर ने दिया था, मोहम्मद गुलाम का इस मकान से कोई वास्ता नहीं है, बंटवारे में मोहम्मद गुलाम को जो हिस्सा दिया था, वह मोहम्मद गुलाम बेच कर चले गए और अब अपनी ससुराल के पास रहते हैं.
मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन का कहना है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कभी उनको कोई नोटिस नहीं दिया, मीडिया से पता चला कि प्राधिकरण के लोग मकान गिराने आ रहे हैं. मोहम्मद गुलाम से उनका लंबे समय से कोई वास्ता नहीं है.