यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. इस बीच एक युवक का वीडियो चर्चा में है, जो अपने बूढ़े माता-पिता को कंधे पर बैठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला है. लोग उसे कलयुग का 'श्रवण कुमार' कह रहे हैं. वह हरिद्वार से गंगाजल लेकर मेरठ के लिए रवाना हुआ है.
इस युवक का नाम बिट्टू है. बिट्टू मेरठ जिले के एक गांव का निवासी है. वह हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर और अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर चल रहा है. बिट्टू करीब 180 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करेगा. उसके माता-पिता बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि ऐसा 'श्रवण कुमार' सबके घरों में पैदा हो.
मुजफ्फरनगर पहुंचे कांवड़िए बिट्टू ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि मैं मेरठ के गांव डेरी दोषाती जाऊंगा. दूरी लगभग 180 किलोमीटर है, इसलिए 12-13 किलोमीटर रोज चलता हूं. मैंने श्रवण कुमार के बारे में पढ़ा और सुना था. हरिद्वार में भी देखा कि लोग अपने मां-बाप को ऐसे ही कांवड़ यात्रा के लिए ले जा रहे हैं. ये सब देखकर मेरे मन में भी वही करने का ख्याल आया.
बिट्टू की मां ने कहा की बेटा हमें तीर्थ करा कर लाया है. हमारी सेवा कर रहा है. वह श्रवण कुमार जैसा है. घर-घर में ऐसे श्रवण कुमार पैदा हों., जो अपने माता-पिता की दिल से सेवा करें.
वहीं, बिट्टू के पिता रणवीर ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. बहुत अच्छा लग रहा है. बेटा ऐसा करेगा कि सोचा नहीं था. सुना था कि अपने माता-पिता को ऐसे ही श्रवण कुमार लेकर गए थे, वैसे ही हमारी सेवा हो रही है. सब बेटों को मां-बाप की सेवा करनी चाहिए.
बता दें कि इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा. कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो गई है. सावन माह की शिवरात्रि इस बार 2 अगस्त को है. ऐसे में इस दिन सभी कांवड़िए जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. कांवड़ यात्रा करने वाले शिव भक्तों को कांवड़िया कहा जाता है.