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सहारनपुर: निवेश के नाम पर इंस्पेक्टर की पत्नी से साइबर ठगी, ठगों ने ऐंठे 66 लाख रुपये

सहारनपुर में साइबर ठगों ने एक इंस्पेक्टर की पत्नी से 66 लाख रुपये ठग लिए. यह ठगी निवेश के नाम पर की गई. फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.

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इंस्पेक्टर की पत्नी से साइबर ठगी. (Photo: Representational )
इंस्पेक्टर की पत्नी से साइबर ठगी. (Photo: Representational )

सहारनपुर में ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मामला सदर बाजार थाने में तैनात इंस्पेक्टर दिनेश कुमार की पत्नी से जुड़ा है. जिन्हें निवेश का झांसा देकर 66 लाख रुपये ठग लिए गए. पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार दिसंबर 2024 में शामली निवासी डॉ. विक्की और बागपत के अनिल ने संपर्क साधा और उन्हें शेयर बाजार में निवेश का लालच दिया.

शुरुआत में इंस्पेक्टर ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, लेकिन इसके बाद आरोपियों ने उनकी पत्नी को निशाना बनाया. महिला को मेरठ स्थित विनर विजन ग्लोबल कंपनी के दफ्तर ले जाया गया. जहां शक्ति सिंह उपाध्याय ने खुद को कंपनी का एमडी बताते हुए दावा किया कि निवेश की रकम 22 महीनों में दोगुनी हो जाएगी. 

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आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

आरोपियों ने पहले 46500 रुपये लेकर एक आईडी बनाई और फर्जी सॉफ्टवेयर के जरिए ट्रेडिंग का खेल दिखाकर भरोसा जीता. इसके बाद धीरे-धीरे महिला से लाखों रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर, चेक और नकद के जरिए वसूले गए. पीड़िता ने कुल 66.36 लाख रुपये इस कंपनी में निवेश कर दिए. जब उन्होंने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) की वेबसाइट पर जांच की तो पता चला कि कंपनियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी एक संगठित सिंडिकेट चला रहे थे. जिसमें मैनेजर, सचिव, कैशियर और नेटवर्क जैसे पदों पर लोग तैनात थे. इस गिरोह में शक्ति सिंह, राजकुमार, सविता, अनिल, मनजीत गौड़, अनिल मोटा, डॉ. विक्की, ओम सिंह, राखी और आयशा समेत कई लोग शामिल पाए गए. पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब उनकी तलाश शुरू कर दी है.

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि शक्ति सिंह कई बार सहारनपुर आया और अलग-अलग होटलों में मिलकर लाखों रुपये ले गया. ठगी के दौरान एक लड़की आयशा को भी शामिल किया गया, ताकि भरोसे में लिया जा सके. पुलिस के मुताबिक बाद में जब पीड़िता ने कंपनी के दस्तावेज और मालिकों से मिलने की बात कही तो मना कर दिया गया.

पहले जीतते थे विश्वास, फिर करते थे ठगी

पुलिस की मानें तो आरोपी पहले लोगों को छोटे निवेश से लालच देते हैं और नकली मुनाफे दिखाकर विश्वास जीतते हैं. इसके बाद बड़ी रकम वसूल लेते हैं. ठगी का शिकार होने के बाद जब पीड़िता ने कंपनी से पैसे वापस मांगने की कोशिश की तो पूरा ऑफिस बंद मिला और आरोपी फरार हो गए.

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पुलिस ने बताया कि यह एक बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड का मामला है. जिसमें फर्जी कंपनियां बनाकर लोगों को दोगुना लाभ का लालच दिया जाता था. एसपी सिटी व्योम बिंदल ने जानकारी दी कि इंस्पेक्टर की पत्नी की मेहनत की कमाई ठगी गई है और मामले में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

इस तरह की घटनाएं सबक हैं कि किसी भी लालचपूर्ण ऑफर पर भरोसा नहीं करना चाहिए. आम जनता को चेताते हुए एसपी सिटी व्योम बिंदल ने कहा कि निवेश से पहले कंपनी की पूरी जानकारी और कागजात जांचना बेहद जरूरी है. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कई जिलों में सक्रिय रहे हैं और लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

पुलिस ने जनता से की ये अपील

पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है और उनके बैंक खातों की जांच कर रही है. पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के तार विदेश तक फैले हो सकते हैं और दुबई में रहने वाले विशाल सुजुडू का नाम भी सामने आया है. 

कुल मिलाकर यह मामला बताता है कि लालच में आकर निवेश करने से पहले सतर्कता और समझदारी बेहद जरूरी है. पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि कोई इस तरह के ऑफर दे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. जांच टीम अब डिजिटल सबूतों, बैंकिंग लेन-देन और मोबाइल डेटा खंगाल रही है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके.
 

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