scorecardresearch
 

1930 हेल्पलाइन का झांसा देकर करता था ठगी, साइबर फ्रॉड पीड़ितों को फिर बना रहा था शिकार, हुआ गिरफ्तार

मुंबई में एक व्यक्ति को उन लोगों से ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जो पहले ही साइबर अपराधों का शिकार हो चुके थे. आरोपी खुद को साइबर हेल्पलाइन 1930 और नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल का सदस्य बताकर पीड़ितों को पैसे वापस दिलाने का झांसा देता था. फिर कोर्ट फीस और वकील के नाम पर पैसे ठगता था. मुंबई साइबर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

Advertisement
X
ठग हुआ गिरफ्तार (Photo: AI-generated)
ठग हुआ गिरफ्तार (Photo: AI-generated)

मुंबई पुलिस ने एक ऐसे शातिर व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो पहले से ही साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके लोगों को झांसा देकर दोबारा ठग रहा था. आरोपी का नाम अनिल मधुकर दरेकर है, जो नवी मुंबई के पनवेल का रहने वाला है. उसे वेस्ट रीजन साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने गुरुवार को गिरफ्तार किया.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि अनिल दरेकर खुद को 1930 साइबर हेल्पलाइन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का हिस्सा बताता था. वह सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप के जरिए पीड़ितों से संपर्क करता और उन्हें भरोसा दिलाता कि वह उनका ठगा गया पैसा वापस दिला सकता है.

आरोपी पीड़ितों को अपना नकली पहचान पत्र (I-card) व्हाट्सऐप पर भेजता था, जिससे वो आसानी से उसकी बातों में आ जाते थे. इसके बाद वह उन्हें अपने बैंक खाते या UPI नंबर भेजकर अलग-अलग बहानों से पैसे मंगवाता था. जैसे कोर्ट फीस, दस्तावेज़ीकरण, वकील की फीस आदि.

मुंबई पुलिस को जब ऐसे कई मामलों की शिकायतें मिलीं तो साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत धोखाधड़ी और फर्जी पहचान बनाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

Advertisement

यह मामला दर्शाता है कि किस तरह से अपराधी अब पीड़ितों की मजबूरी और भरोसे का फायदा उठाकर ठगी के नए तरीके अपना रहे हैं. मुंबई पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को सरकारी एजेंसी का सदस्य बताकर पैसे मांगे, तो उसकी पूरी जांच-पड़ताल करें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement