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यूपी: मैनपुरी में हिंसक हुआ ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन, पत्थरबाजी रोकने के लिए पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में भी चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों ने एक्सप्रेसवे पर चल रहे वाहनों को रोकने के लिए पत्थरबाजी की. पुलिस ने प्रदर्शनकारी ड्राइवरों को पत्थरबाजी से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

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मैनपुरी में ट्रक ड्राइवरों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
मैनपुरी में ट्रक ड्राइवरों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

हिट एंड रन से जुड़े कानून में बदलाव को लेकर देशभर में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन हड़ताल पर है. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में भी चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों ने एक्सप्रेसवे पर चल रहे वाहनों को रोकने के लिए पत्थरबाजी की. पुलिस ने प्रदर्शनकारी ड्राइवरों को पत्थरबाजी से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

दरअसल, नए हिट एंड रन कानून का देशभर में विरोध हो रहा है. हड़ताल का मंगलवार को दूसरा दिन है. दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश में ड्रक ड्राइवरों ने चक्काजाम किया हुआ है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं. इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई हैं. 

मैनपुरी पुलिस के मुताबिक करहल में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कुछ ट्रक ड्राइवरों ने प्रदर्शन के दौरान वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों पर पत्थरबाजी कर दी. ट्रक ड्राइवर सभी वाहनों को एक्सप्रेसवे पर रुकने को मजबूर कर रहे थे. ऐसा करते देख पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया. लेकिन जब वह नहीं माने तो पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. स्थिति फिलहाल काबू में बताई जा रही है है.

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क्यों विरोध कर रहे हैं ड्राइवर?

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने रोड रेज या हिट एंड रन (रोड एक्सीडेंट) करके भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़े बदलाव किए हैं. ये कानून जल्द ही लागू होने वाला है. नए कानून के तहत, अब कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग नहीं सकता है. अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल तक की सजा होगी. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है. हालांकि, मानवीयता दिखाने पर कुछ राहत का भी प्रावधान किया गया है.

अगर एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी. सरकार का कहना है कि इससे मौतों की संख्या में कमी आएगी और लोगों को सही समय पर उपचार मिल सकेगा.

वहीं, ट्रक-टैंकर और अन्य ड्राइवर्स का कहना है कि हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए खतरा बन सकता है. किसी भी हादसे के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिलती है और भीड़ की शक्ल में लोग तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट और आगजनी तक पर उतारू हो जाते हैं. ऐसे में अगर भीड़ ने घेर लिया तो जान मुसीबत में आ सकती है.

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