UP News: पीलीभीत में वनकर्मियों की लापरवाही का खामियाजा एक ग्रामीण को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है. आरोप है कि वन कर्मियों ने साफ-सफाई के नाम पर ग्रामीणों को जंगल के अंदर भेजा था. इसमें एक ग्रामीण को टाइगर उठाकर ले गया. दूसरे दिन जंगल के अंदर अधखाया शव मिला. बाघ दो दिन तक ग्रामीण को खाता रहा. इस मामले के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. ग्रामीण जंगल मे कैसे पहुंचा? इसको लेकर डीएफओ ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
दरअसल, मांधोटांडा इलाके के गांव जमुनिया निवासी गंगाराम और अन्य ग्रामीणों को वन कर्मियों ने जंगल के अंदर 29 जनवरी को साफ-सफाई करने भेजा गया था. आरोप है कि वनकर्मी ग्रामीणों को सफाई का पैसा न देकर लकड़ी काटने की इजाजत देते हैं. इसी दौरान जंगल के अंदर अचानक गंगाराम को टाइगर अपने जबड़े में दबाकर ले गया. यह देख अन्य ग्रामीण भाग आए.
घटना के बाद से गंगाराम की तलाश की जा रही थी. 30 जनवरी को जंगल के अंदर गंगाराम का अधखाया शव मिला है. मौके पर जंगल के अंदर कटान भी मिला है. घटना होने के बाद अब अधिकारी ग्रामीणों से मजदूरी करने की बात से मुकर गए हैं और अवैध रूप से जंगल में प्रवेश करने की बात कह रहे हैं. फिलहाल ग्रामीणों में काफी रोष है.
डीएफओ नवीन खंडेलवाल का कहना है कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व से सूचना मिली थी कि एक ग्रामीण गायब है. उसकी तलाश की गई. शव जंगल के अंदर मिला. बाघ ने उसको निवाला बनाया है. वन विभाग पर लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी.