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'जहां हों मर्द... ऐसे ब्यूटी पार्लर में न जाएं मुस्लिम महिलाएं', बोले- देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान सामने आया है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को ऐसे ब्यूटी पार्लरों में न जाने की नसीयत दी है, जहां पर मर्द काम करते हैं. उनका कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसे पार्लरों में नहीं जाना चाहिए. जहां पर मर्द काम करते हैं ऐसे ब्यूटी पार्लरों में जाना नाजायज है, हराम है. 

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देवबंदी उलेमा के मुफ्ती असद कासमी का बयान.
देवबंदी उलेमा के मुफ्ती असद कासमी का बयान.

देवबंदी उलेमा की ओर से बयान जारी किया गया है. मुफ्ती असद कासमी मे कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसे पार्लरों में नहीं जाना चाहिए जहां पर मर्द काम करते हैं. ऐसे ब्यूटी पार्लरों पर जाना हराम है, नाजायज है. मुफ्ती का कहना है कि जिन ब्यूटी पार्लरों में लड़कियां काम कर रही हैं, उन ब्यूटी पार्लर में मुस्लिम महिलाओं जा सकती है.

दरअसल, देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान सामने आया है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को ऐसे ब्यूटी पार्लरों में न जाने की नसीयत दी है, जहां पर मर्द काम करते हैं. उनका कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसे पार्लरों में नहीं जाना चाहिए. जहां पर मर्द काम करते हैं ऐसे ब्यूटी पार्लरों में जाना नाजायज है, हराम है. 

मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को केवल उन्हीं ब्यूटी पार्लर में जाना चाहिए जिनमें लड़कियां, महिलाएं काम करती हैं. जहां मर्द काम करते हैं वहां जाना गलत है.

फिलिस्तीन के समर्थन में दुआ की मांग

मुफ्ती असद कासमी ने संभल के सांसद शफीकुर्रहमान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 17 तारीख यानी शुक्रवार को फिलिस्तीन के समर्थन में सभी लोग दुआ करें. फिलिस्तीन में बूढ़े, बच्चे, नौजवान और महिलाओं को शहीद किया जा रहा है, उसे लेकर दुआ करें. वहां अमन-चैन काम हो और जो बेगुनाह मारे जा रहे हैं. उनको मारना बंद किया जाए और जो वहां युद्ध चल रहा है, वह युद्ध भी जल्दी थम जाए.

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मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि दुआ केवल अपने घर या इबादत घर (मस्जिद) के अंदर करें. कोई भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन या नारेबाजी बिल्कुल ना करें. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से फिलिस्तीन में जुर्म किया जा रहा है, वह गलत है. जब से यह जंग शुरू हुई है, तभी से तमाम लोग फिलिस्तीन के मजलूमों के लिए दुआ कर रहे हैं कि वहां अमन-चैन कायम हो.

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अमन शांति के साथ दुआ की जाए

कासमी ने कहा कि मैं यह साफ कर दूं कि दुआ का मतलब होता है अपनी-अपनी इबादतगाहों के अंदर बैठकर अमन शांति के साथ दुआ की जाए. अपने घरों के अंदर बैठकर दुआए की जाए. इसका मतलब यह नहीं होता कि सड़कों पर उतर कर प्रर्दशन किया जाए. इसका मतलब होता है कि अपने दिल से अपनी इबादतगाहों में बैठकर अपनी जगह पर बैठकर मजलूमों के लिए दुआ करें.

'फिलिस्तीनी अपनी आजादी के लिए लड़ रहे'

इससे पहले जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गाजा में बमबारी की आलोचना करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं, जबकि इजरायली हमला कर रहे हैं. फिलिस्तीन अपने मुल्क और अपनी आवाम को बचाने के लिए खुद को कुर्बान कर रहा है. अगर इजराइल-फिलिस्तीन की लड़ाई अरब देशों में पहुंच गई तो इसके परिणाम भयानक होंगे.

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जंग में मारे जा चुके हैं 10 हजार लोग

बता दें कि 7 अक्टूबर से शुरू हुई इजरायल हमास जंग अब भी जारी है. इस दौरान इजरायल की एयरस्ट्राइक में फिलिस्तान में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में बड़ी तादाद महिलाओं और बच्चों की है. इसलिए अब अरब देशों के साथ-साथ यूरोपीय देश भी इजरायल से कुछ समय के लिए सीजफायर कर लेने की अपील कर रहे हैं. हालांकि, तमाम अपीलों के बाद भी इजरायल रुकने का नाम नहीं ले रहा है

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