scorecardresearch
 

जिस हथियार से मारे गए थे अतीक-अशरफ, वही दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास मिले

दिशा पाटनी के घर फायरिंग में शामिल दो शूटरों को गाजियाबाद में मार गिराने के बाद उनके पास से वही तुर्की मेड जिगाना पिस्टल मिली, जिससे अतीक-अशरफ और सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी. जांच में खुलासा हुआ कि गोल्डी बराड़ गैंग ने पांच शूटर भेजे थे, जिनमें दो मारे गए और दो फरार हैं. हथियार पाकिस्तान से ड्रोन और नेपाल से कार्गो द्वारा भारत लाए जाते हैं.

Advertisement
X
गाजियाबाद में ढेर शूटरों के पास से पुलिस को जिगाना, ग्लॉक जैसी पिस्टलें मिली हैं (फोटो ITG/ डिजाइन: विक्रम गौतम)
गाजियाबाद में ढेर शूटरों के पास से पुलिस को जिगाना, ग्लॉक जैसी पिस्टलें मिली हैं (फोटो ITG/ डिजाइन: विक्रम गौतम)

बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के बरेली घर पर हुई फायरिंग केस में बदमाशों के एनकाउंटर होने के बाद खौफनाक जानकारियां सामने आ रही हैं.एनकाउंटर के बाद बरामद हथियारों ने पुलिस और जांच एजेंसियों को चौंका दिया. शूटरों के पास से वही खतरनाक पिस्टल मिली, जिससे पहले माफिया अतीक-अशरफ की हत्या और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल किया गया था.

पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत आती है जिगाना

जिगाना पिस्टल बीते कुछ सालों में गैंगस्टरों की पहली पसंद बन चुकी है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, इसे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब बॉर्डर पर गिराया जाता है. वहीं, नेपाल के रास्ते कार्गो से भी बड़ी संख्या में इसकी तस्करी की जाती है.

हाल ही में पकड़े गए देश के सबसे बड़े हथियार सप्लायर सलीम पिस्टल ने भी केंद्रीय एजेंसियों से पूछताछ में खुलासा किया था कि भारत में सबसे पहले गैंगस्टरों को जिगाना पिस्टल उसी ने सप्लाई की थी. उसके बाद से ही इसकी डिमांड लगातार बढ़ती गई. खासतौर से गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर इसी हथियार का इस्तेमाल करने लगे.

5 शूटर पहुंचे थे बरेली

पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने अब तक जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक, दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग के पीछे गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का प्लान था. विदेश से बैठे इन गैंगस्टरों ने अपने हैंडलर के जरिए पांच शूटरों को बरेली भेजा था. 11 सितंबर को पांचों शूटर बरेली पहुंचे. वे पंजाब होटल में ठहरे. इसी दौरान एक शूटर की तबियत बिगड़ गई और वह लौट गया. यानी मिशन पर चार शूटर ही आगे बढ़े. उसी दिन काली स्प्लेंडर बाइक और सफेद अपाचे बाइक पर सवार होकर उन्होंने दिशा पाटनी के घर की रेकी की. स्प्लेंडर पर नकुल और विजय नाम के शूटर थे. अपाचे बाइक पर अरुण और रविन्द्र बैठे थे.

Advertisement

12 सितंबर को हुई फायरिंग

अगले दिन यानी 12 सितंबर को चारों शूटर फिर से घर पहुंचे. इस बार गोलीबारी रविन्द्र ने की. चौंकाने वाली बात यह है कि फायरिंग से पहले और बाद में इन शूटरों की हर गतिविधि सीसीटीवी में कैद हो गई. जांच एजेंसियों ने 2000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और फिर शूटरों की लोकेशन ट्रैक की. इसी सुराग के आधार पर गाजियाबाद में एनकाउंटर ऑपरेशन चलाया गया.

एनकाउंटर में दो ढेर, दो फरार

यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में अरुण और रविन्द्र को मार गिराया. वहीं, नकुल और विजय नाम के शूटर फरार हैं और उनकी तलाश जारी है. शुरुआत में पांच शूटरों का प्लान था लेकिन एक की तबियत खराब होने से वह लौट गया था. जांच में यह भी सामने आया है कि इन पांचों को दहशत फैलाने के लिए भेजा गया था. गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का मकसद साफ था. बॉलीवुड और हाई प्रोफाइल परिवारों में डर का माहौल बनाना.

बदमाशों की पूरी क्राइम कुंडली

एनकाउंटर में मारे गए रविन्द्र और अरुण की लंबी आपराधिक कुंडली रही है. दोनों पर हत्या, लूट, रंगदारी और अवैध हथियारों की तस्करी के कई मामले दर्ज थे. पुलिस के मुताबिक, दोनों की सीधी कनेक्टिविटी पंजाब के गैंगस्टरों और राजस्थान के रोहित गोदारा ग्रुप से थी.

Advertisement

STF और पुलिस की लगातार मॉनिटरिंग

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरेली में पहुंचने के बाद से ही इन शूटरों को ट्रैक किया जा रहा था. मोबाइल लोकेशन, होटल बुकिंग और सीसीटीवी के जरिए हर मूवमेंट खंगाला गया. गाजियाबाद में मुठभेड़ का ऑपरेशन पूरी तरह योजनाबद्ध था.

परिवार ने जताया आभार, योगी सरकार की तारीफ

फायरिंग के बाद एक्ट्रेस दिशा पाटनी के पिता जगदीश पाटनी ने देर रात एक वीडियो जारी किया. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने और अपने परिवार की ओर से धन्यवाद देता हूं. जैसा उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया था, वैसा ही हुआ. इतने कम समय में अपराधियों को ढूंढकर इतनी कठोर कार्रवाई की गई. मुख्यमंत्री जी से फोन पर बात करके मैंने उनका आभार जताया. उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस भयमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार कर रही है.

क्यों खतरनाक है जिगाना पिस्टल

जिगाना पिस्टल 9 एमएम की हाई-कैपेसिटी सेमी-ऑटोमैटिक गन है. इसकी मैगजीन में 15 से 17 राउंड तक गोलियां भरी जा सकती हैं. हल्की होने के कारण इसे आसानी से छुपाया जा सकता है और इसकी मारक क्षमता इसे गैंगस्टरों के बीच पसंदीदा बनाती है. यही वजह है कि अतीक-अशरफ मर्डर से लेकर सिद्धू मूसेवाला हत्या तक, कई हाई प्रोफाइल केस में इसी का इस्तेमाल हुआ.

Advertisement

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement