उत्तर प्रदेश में अगर किसी गाड़ी का बार-बार चालान कटेगा तो गाड़ी मालिक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा. सीएम योगी ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर भी बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था करने को कहा है.
अकसर देखा गया है कि तेज स्पीड और सीट बेल्ट नहीं लगाए जाने की वजह से कई बड़े हादसे हो जाते हैं, जिनमें गाड़ी में सवार लोगों की जान तक चली जाती है. बाइक सवार भी हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इतना ही नहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी गाड़ी चलाते हुए देखे जाते हैं. बच्चों का गाड़ी चलाना उनके लिए तो रिस्क है ही, साथ ही वो सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी जोखिम बन जाते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सड़क सुरक्षा समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 5 जनवरी तक हर हाल में बैठक संपन्न कर लें. छह से 10 जनवरी तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिए कि महाकुम्भ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी व होमगार्डों की संख्या बढ़ाई जाए.
हर साल सड़क हादसों में होती हैं 25-30 हजार मौतें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क हादसों में हर साल हो रही 23-25 हजार मौतें देश और राज्य की क्षति है. यह दुर्घटनाएं जागरूकता के अभाव में होती हैं. सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में सुचारू रूप से संपन्न कराया जाए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक हो, जिसमें पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहें.
सीएम योगी ने अधिकारियों को क्या निर्देश दिए?
सीएम ने कहा कि जिला स्तर पर हुए कार्यों की प्रोग्रेस को लेकर हर तीसरे महीने शासन स्तर पर मूल्यांकन किया जाए. उन जिलों और स्थलों को चिह्नित करें, जहां अधिक दुर्घटनाएं संभावित हैं. इसके लिए कारणों का पता करते हुए इसके समाधान की कार्ययोजना बनाई जाए. नाबालिग ई-रिक्शा व अन्य वाहन न चलाएं, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई सुचारू रूप से की जाए. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं, जिससे लोगों को आवागमन में भी सहूलियत हो सके. उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं है. इसे स्टॉर्टिंग पॉइंट पर ही रोका जाए. एक्सप्रेस-वे, हाइवे पर लोडेड वाहन भी खड़े रहते हैं, जो दुर्घटना का कारण बनते हैं. इन वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाया जाए. हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर प्रेरित किया जाए.
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सड़क सुरक्षा की जागरूकता के लिए होर्डिंग्स लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्तीकरण आदि की कार्रवाई की जानी चाहिए. इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फॉस्टैग से जोड़ा जाए. सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाएं. इसे सभी 75 जिलों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए. इसके अलावा स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाएं. बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह समेत विभिन्न विभागों के आलाधिकारी मौजूद रहे.