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UP: वेटर बना फर्जी पुलिस कमिश्नर, नाबालिग से ठगे लाखों, दो गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर में एक नाबालिग युवक से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर दो युवकों ने 1,62,400 रुपये की ठगी कर ली. आरोपियों में से एक वेटर ने खुद को पुलिस कमिश्नर बताकर पीड़ित को डराया और पैसे मंगवाए. शिकायत पर पुलिस ने अमृतसर से दोनों को गिरफ्तार कर पूरी रकम और दो मोबाइल फोन बरामद कर लिए. फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर नाबालिग से ठगी, मुजफ्फरनगर पुलिस ने 1.62 लाख बरामद कर भेजा जेल

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फर्जी पुलिस कमिश्नर गिरफ्तार (Photo: Screengrab)
फर्जी पुलिस कमिश्नर गिरफ्तार (Photo: Screengrab)

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर एक नाबालिग लड़के से लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है. साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 1,62,400 रुपये नगद और दो मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं. मामला रामराज थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के अनुसार, गांव आलमवाला निवासी 17 वर्षीय नाबालिग कुछ समय पहले अमृतसर घूमने गया था. वहीं उसकी मुलाकात एक मोबाइल शॉप चलाने वाले युवक प्रशांत उर्फ निखिल से हुई. दोनों के बीच दोस्ती हो गई. वापस लौटने के कुछ समय बाद प्रशांत ने पीड़ित से संपर्क किया और उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया. इसी झांसे में आकर नाबालिग ने लाखों रुपये प्रशांत के खाते में ट्रांसफर कर दिए.

नाबालिग लड़के से लाखों रुपये ठगे

जब पीड़ित ने कुछ दिन बाद पैसे वापस मांगे तो प्रशांत ने अपने दोस्त नाजिब को आगे कर दिया, जो अमृतसर के एक होटल में वेटर का काम करता है. नाजिब ने खुद को फर्जी पुलिस कमिश्नर बताकर पीड़ित युवक को डराया और उससे 45,000 रुपये और मंगवा लिए. कुल मिलाकर आरोपियों ने पीड़ित से 1,62,400 रुपये ठग लिए थे.

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ठगी का पता चलने पर पीड़ित के पिता गुरबचन सिंह ने रामराज थाने में शिकायत दर्ज कराई. मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. टीम ने अमृतसर में दबिश देकर दोनों आरोपी प्रशांत और नाजिब को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने ठगे गए पूरे 1,62,400 रुपये और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं.

पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 83/2025 दर्ज किया गया था. पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मामले का खुलासा किया और दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. उनके खिलाफ आगे विधिक कार्रवाई जारी है. इस मामले ने ऑनलाइन फ्रॉड और सोशल मीडिया पर बनने वाली नई दोस्तियों के खतरों को लेकर लोगों को सचेत किया है.
 

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