अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इसे लेकर तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं. इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना और कार्यान्वयन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए शुक्रवार को अयोध्या में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.
मीडिया से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने भक्तों को आश्वासन दिया कि एक सुचारू और भव्य समारोह के लिए सभी तैयारियां की गई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यातायात प्रबंधन, सुरक्षा और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ संपर्क जैसे क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों के लिए स्थानीय प्रशासन और मंत्रियों की सराहना की.
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'पैदल चलने के बजाय यातायात का करें इस्तेमाल'
उन्होंने स्पष्ट किया कि समारोह के बाद भी ट्रस्ट के पास भक्तों के लिए दर्शन की सुविधा के लिए एक कार्य योजना होगी. उन्होंने कहा कि सभी को राम लला के दर्शन करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने भीड़भाड़ और असुविधा से बचने के लिए बेहतर समन्वय के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने लोगों से ठंड में लंबी दूरी पैदल चलने के बजाय परिवहन के अधिकृत साधनों का उपयोग करने का आग्रह किया.
यूपी सीएम ने कहा, जनता से मेरी अपील है कि जो भावना आपके मन में है वही भावना सबके मन में है. आप बेहतर समन्वय से आएंगे तो कोई दिक्कत नहीं होगी. लोग पैदल न चलें. कई लोग पैदल ही आ रहे हैं. भीषण शीतलहर चल रही है, बिना बताये कार्यक्रम न बनायें.
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राम लला की मूर्ति की झलक साझा की, जिसे गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था. गुरुवार को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में रखी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'प्राण प्रतिष्ठा' के उपलक्ष्य में अनुष्ठान करेंगे. लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम मुख्य अनुष्ठान का नेतृत्व करेगी. समारोह में कई मशहूर हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है.
प्रेस कांफ्रेंस की मुख्य बातें
-श्रीरामलला के बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में देश-विदेश से अतिथियों का आगमन हो रहा है. समारोह में भारत के सभी प्रांतों से संत, धर्माचार्य, गणमान्य जनों की उपस्थिति होगी. इस अवसर पर सहभागिता करने आ रहे अति विशिष्ट जनों की सुरक्षा व सम्मान के पुख्ता इंतजाम कर लिए जाएं.
-हर वीवीआईपी के साथ एक लाइजनिंग अधिकारी की तैनाती की जाए. इस कार्य में ऐसे लोगों की तैनाती की जाए, जो श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ, अयोध्या के पौराणिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व से सुपरिचित हों. इनकी काउंसिलिंग भी कराई जाए.
-प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित जनों के सुविधाजनक आवागमन के लिए उनसे सतत संवाद बनाएं. इसके लिये सक्रिय कॉल सेंटर को 24 घंटे चालू रखा जाए. कॉल सेंटर में तैनात कार्मिकों का व्यवहार मधुर हो, सरल हो.
-अयोध्या की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी उपस्थित हैं. ऐसे में अस्थायी पुलिस लाइन बनाया जाए. यहां इनके रहने, खाने के स्तरीय प्रबंध होने चाहिए. केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाएं. हर प्रकार के बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आशंकाओं के दृष्टिगत कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं. चिन्हित रेड जोन/यलो जोन में पेट्रोलिंग बढाएं.
-22/23 जनवरी के बाद हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का अयोध्या जी आगमन होगा. हर कोई रामलला के दर्शन करने को उत्सुक है. भारत के सभी राज्यों से लोग आएंगे. ऐसे में आगामी 06 माह की स्थिति का आंकलन करते हुए कार्ययोजना तैयार कर लें. अंतर्जनपदीय तथा अंतरराज्यीय पुलिस कोऑर्डिनेशन होना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार असुविधा न हो.
-श्रीरामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के भव्य समारोह के उपरांत अगले माह 01 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार के सभी माननीय मंत्रिगण एक साथ श्रीरामलला का दर्शन-पूजन करने का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे.
-धर्म पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, राम पथ की थीम आधारित सजावट कराएं. यह उत्सव, आनंद का ऐतिहासिक अवसर है. ऐसे प्रयास करें कि हर आगंतुक/श्रद्धालु/पर्यटक यहां से सुखद अनुभव लेकर जाए. इन मार्गों के शेष कार्यों को तत्काल पूरा कराएं. स्ट्रीट लाइट आदि की जांच-परख कर ली जाए.
-टेंट सिटी में अच्छी व्यवस्था है. यहां साफ सफाई का ध्यान रखें. यहां ठहरने वालों को गर्म पानी मिले. टेंट सिटी में खाद्यान्न की उपलब्धता बनी रहे. इसी तरह, गर्मी के मौसम में सुविधाजनक स्थिति हो. फायर सर्विस की प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित कराएं.
-रैन बसेरों को और व्यवस्थित करें. कई स्थानों पर इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है. धर्मनगरी में रात्रि विश्राम करने वाला एक भी व्यक्ति ठंड से ठिठुरता न मिले.
-22 जनवरी के समारोह और उसके बाद के लिए पार्किंग और यातायात प्रबंधन की बेहतर कार्ययोजना बनाएं. रुट डायवर्जन के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए. विभिन्न जनपदों से अयोध्या को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गो पर पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था हो. आगंतुकों के आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त उपलब्धता हो. इनकी पार्किंग के इंतजाम कर लें.
-पूरी अयोध्या में कहीं भी फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. ताकि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो. अयोध्याधाम सुरक्षा, सुविधा और सेवाभाव का मानक होगी.
-प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के चलते अगले दो-तीन दिनों तक अयोध्या में सामान्य आवागमन/यातायात प्रभावित होने की संभावना है. ऐसे में नगरवासियों को खाद्यान्न, पेयजल, रसोई गैस आदि आवश्यक वस्तुओं का अभाव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध समय से कर लिए जाने चाहिए.
-अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन तथा महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आसपास साफ- सुथरा, स्वच्छ परिवेश हो. यहां की सुरक्षा की परख कर ली जाए किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे. आरपीएफ से भी कोऑर्डिनेशन होना चाहिए.
-अयोध्या में पूरी दुनिया से लोग आने वाले हैं. यहां तैनाती पाने वाले पुलिसकर्मियों का व्यवहार प्रदेश की छवि प्रभावित करने वाला होगा. ऐसे में उनकी काउंसिलिंग की जाए.
-श्रीरामलला के बाल रूप विग्रह का यह चिरप्रतीक्षित समारोह उत्तर प्रदेश को अपनी आतिथ्य-संस्कृति से परिचय कराने का सुअवसर है. इसमें जनसहयोग लें. प्रमुख मार्गों अथवा गलियों में धूल न उड़े, गंदगी न हो. जगह-जगह कूड़ेदान रखे हों.आवश्यकतानुसार स्वच्छताकर्मियों की संख्या बढाएं. अयोध्याधाम को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास होना चाहिए.
-प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नव्य-दिव्य-भव्य मंदिर पर पुष्पवर्षा का कार्यक्रम है. इसके दृष्टिगत न्यास के पदाधिकारियों व एयरफोर्स से संवाद/समन्वय बना लें. सरयू नदी के पुराने पुल पर आवागमन न होने दें. सरयू नदी में जल पुलिस को सक्रिय रखें.