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50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज और लग्जरी गाड़ियां... अकूत संपत्ति के मालिक हैं बृजभूषण सिंह

Brij Bhushan Sharan Singh: साल 1987 में सियासी सफर की शुरुआत करने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने राजनीति में जीत के साथ ही हार का भी सामना किया, लेकिन उनके दबदबे और रसूख का ग्राफ बढ़ता ही रहा. अकूत संपत्ति के मालिक बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती, घोड़े एवं खेल के शौकीन हैं. वो छठवीं बार सांसद चुने गए. इसके साथ ही उनके इंटर और डिग्री कॉलेजों की संख्या 54 है.

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बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह

भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह इन दिनों विवादों में घिरे हैं. उन पर महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. साल 1987 में गन्ना समिति के डायरेक्टर का चुनाव लड़कर सियासी सफर की शुरुआत करने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने राजनीति में जीत के साथ ही हार का भी सामना किया, लेकिन उनके दबदबे और रसूख का ग्राफ बढ़ता ही रहा. 

अकूत संपत्ति के मालिक बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती, घोड़े एवं खेल के शौकीन हैं. वो छठवीं बार सांसद चुने गए. इसके साथ ही उनके इंटर और डिग्री कॉलेजों की संख्या 54 है. ये स्कूल और कॉलेज देवी पाटन मंडल के चारों जिलों गोंडा, बलरामपुर ,बहराइच और श्रावस्ती जिलों में हैं. इसमे नंदिनी नगर महाविद्यालय नवाबगंज में है. इसमें नंदिनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम भी है. यहां हर साल कुश्ती की नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन होता है. इसमें देश के नामी-गिरामी महिला व पुरुष पहलवान भाग लेते हैं.

Brij Bhushan Sharan singh

सांसद बृजभूषण शरण सिंह के दो बेटे और एक बेटी है. सभी बच्चों की शादी हो चुकी है. सांसद का एक बेटा प्रतीक भूषण शरण सिंह गोंडा सदर से बीजेपी विधायक है. लग्जरी गाड़ियों के काफिले से चलने वाले सांसद हेलीकॉप्टर से भी चलते हैं. सांसद की पत्नी केतकी सिंह बीजेपी से सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. 

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Karan Bhushan Sharan Singh
करण भूषण शरण सिंह (फोटो- @sharan_mp)

बृजभूषण का गोंडा जिले के नवाबगंज ब्लॉक के विश्नोहरपुर गांव में कई एकड़ में फैला पैतृक आवास है. यहां आधुनिक जिम के साथ ही बैडमिंटन कोर्ट भी है. घोड़ों के शौकीन सांसद का अस्तबल और गौशाला आवास के सामने नहर के उस पार है. लखनऊ के लक्ष्मणपुरी में आवास के साथ ही गोंडा नगर में गोनार्द होटल और गोनार्द लॉन भी है. 

Brij Bhushan Sharan singh

2019 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह द्वारा दिए हलफनामे के मुताबिक, ग्रेजुएट बृजभूषण सिंह 9 करोड़ 89 लाख 5 हजार 402 रुपये के मालिक हैं. सांसद के पास 2 गाड़ियां और 50 ग्राम सोने के जेवरात हैं. सांसद हथियारों के भी शौकीन हैं. उनके पास 1 पिस्टल और 1 रायफल भी है. इसके साथ ही उनके पास 25 लाख रुपये की कीमत के खेत है. 

बृजभूषण शरण सिंह के सियासी सफर पर एक नजर

  • 1987 में गन्ना समिति के डायरेक्टर का चुनाव लड़ा और जीता.
  • इसके बाद 1988 में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. 
  • 1989-1990 में बृजभूषण ने बीजेपी के टिकट पर एमएलसी चुनाव लड़ा, 14 वोट से हारे.
  • 1990 में बृजभूषण अयोध्या आंदोलन से जुड़ गए और यहीं से सियासी भाग्य खुला. 
  • बीजेपी ने उन्हें गोंडा लोकसभा सीट से टिकट दिया. पहले संसदीय चुनाव में बृजभूषण ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की. इसके साथ ही उनका सियासी कद लगातार बढ़ता रहा. 

विनेश फोगाट ने लगाया था आरोप

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विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि महिला पहलवानों को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने दावा किया था, 'लखनऊ में उनका (बृजभूषण शरण सिंह) घर है, जिसके चलते वो वहां कैंप लगवाते हैं. जिससे लड़कियों का शोषण आसानी से किया जा सके.' विनेश ने दावा किया कि बंद कमरे में महिला पहलवानों का शोषण होता है.

WFI ने आरोपों को ठहराया गलत

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद संस्था ने खेल मंत्रालय को जवाब भेज दिया है. WFI ने इन आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ गलत व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठ बताया है. इसके साथ ही WFI ने पहलवानों को लेकर सवाल उठाए और महासंघ के तत्वावधान में आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में जानकारी शेयर की है.

यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिए ये तर्क

WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सरकार को जो जानकारी दी है, उसमें कुछ तर्क भी दिए हैं और कहा- महासंघ में एक यौन उत्पीड़न कमेटी एक्टिव है. अगर ऐसा घटित हुआ तो उसे कभी कोई शिकायत क्यों नहीं मिली है. आगे कहा- यौन उत्पीड़न कमेटी के सदस्यों में से एक नाम साक्षी मलिक का है. वे विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. WFI ने ये भी दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है और एक विशेष राज्य (हरियाणा) के पहलवान इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा, विरोध निहित स्वार्थों से प्रेरित हैं, क्योंकि WFI के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.

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