बुंदेलखंड में गर्मी की शुरुआत के साथ ही पानी का संकट लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ने लगा है. बांदा जिले के कई गांवों में जल जीवन मिशन की पाइपलाइनें बिछ चुकी हैं, लेकिन नलों से पानी नहीं आ रहा.
बांदा मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर त्रिवेणी, अछरौंद और मोहनपुरवा गांवों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. यहां हैंडपंप या तो सूख चुके हैं या फिर बहुत कम पानी दे रहे हैं. गर्मी बढ़ते ही लोग दो-दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं.
गर्मी आते ही बांदा में शुरू हुआ पानी का संकट
अछरौड़ गांव की हालत सबसे खराब है. यहां 6000 की आबादी के लिए सिर्फ एक पुराना ट्यूबवेल है, जो हफ्ते में केवल दो दिन ही कुछ देर के लिए पानी देता है. गांव में एक कुआं है, जिससे लोग पीने का पानी भरते हैं. वहीं तालाब का पानी इतना गंदा है कि इंसान और जानवर एक साथ नहाने को मजबूर हैं.
गांव की महिलाओं का कहना है कि जो पानी आता है, उसमें दाल भी नहीं पकती. वहीं इसी पानी से नहाने के कारण कई बीमारियां हो रही हैं. सबसे चिंताजनक बात यह है कि अछरौड़ गांव में पानी की कमी के कारण यहां के युवक शादी नहीं कर पा रहे हैं.
पानी की कमी के कारण ग्रामीणों हो रही है समस्या
रिश्ते तय होने के बाद जब लड़की वाले गांव में पानी की हालत देखते हैं, तो रिश्ता तोड़ देते हैं. ADM मदन मोहन वर्मा का कहना है कि गांव में काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही नियमित पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.