
मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के तार यूपी के बहराइच जिले से भी जुड़े हैं. दरअसल, बाबा सिद्दीकी पर जिन शूटरों ने फायरिंग की थी उनमें दो शूटर बहराइच के कैसरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. एक का नाम है धर्मराज कश्यप और दूसरे का नाम शिवकुमार गौतम है. परिजनों का कहना है कि दोनों ही मुंबई कमाने-खाने के इरादे से गए थे लेकिन ना जाने कैसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर बन गए. इन सबके बीच आरोपी शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम (20) की इंस्टाग्राम प्रोफाइल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वह माफिया स्टाइल वाली REEL बनाकर टशन दिखाता हुआ नजर आ रहा है.
इंस्टाग्राम पर एक जगह शिवा गौतम केजीएफ मूवी के डायलॉग 'Powerful People Make Places Powerful' पर REEL अपलोड करता है, जबकि दूसरी जगह भोजपुरी सॉन्ग 'नेता ना कौनो विधायक, मजनू हमार खलनायक है' पर REEL डालता है. केजीएफ के डायलॉग वाली REEL पर शिवा अपनी लोकेशन मुंबई बताता है.
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को अंजाम देने से कुछ महीने पहले शिवा गौतम ने एक फोटो पोस्ट करते हुए स्टेटस लगाकर लिखा था- यार तेरा गैंगस्टर है जानी. इसके अलावा भी शिवा ने कई ऐसे पोस्ट किए थे, जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कम उम्र में ही वो किस कदर भौकाल और टशनबाजी का शौकीन था. वहीं, हत्याकांड में नाम जुडने के बाद शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम के रील्स में व्यूज की संख्या हजारों में पहुंच गई है.
आरोप है कि बहराइच के कैसरगंज थाने के गंडारा गांव निवासी शिवा और धर्मराज ने हरियाणा के गुरमैल बलजीत सिंह के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी. शिवा अभी फरार है, जबकि बाकी दोनों गिरफ्तार हो चुके हैं. शिवा और धर्मराज गरीब परिवार से आते हैं. दोनों पुणे में मजदूरी कर पैसा कमाने के लिए गए थे.

वहीं, घरवालों को शिवा की हरकत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी लेकिन इंस्टाग्राम पर वह गैंगस्टर बना फिरता था. शिवा ने इंस्टाग्राम पर 33 पोस्ट किया हुआ है. इसके अलावा उसने नाम के आगे 302 लगाया हुआ था, जो कि हत्या की धारा है.
'आज तक' से बात करते हुए आरोपी शिवा गौतम की मां ने कहा कि वह होली के आठ दिन बाद महाराष्ट्र गया था, लेकिन फोन पर बात नहीं हुई थी. वहां जाने के चार दिन बाद बात हुई थी. बार-बार फोन करने पर कहता था कि क्यों परेशान कर रहो हो, जब बात करनी होगी, तब कर लेंगे. हमारा आदमी मजदूरी करता है. हम भी गेहूं वगैरह काटने के काम में चले जाते थे, उसी से घर का खर्च चलता है. पता नहीं बेटे ने कैसे, क्या कर दिया.