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इटावा कथावाचक कांड: मुकुट मणि यादव और संत यादव पर FIR, जानिए क्यों हुआ एक्शन

इटावा पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार यादव के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. कथावाचक पर एक महिला से छेड़खानी का आरोप लगा था. साथ ही पहचान छिपाने, धार्मिक भावना आहत करने, धोखाधड़ी आदि का भी आरोप है. जिसको लेकर काफी बवाल मचा था. दोनों पक्ष एसपी ऑफिस पहुंचे थे.

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इटावा कथावाचक बदसलूकी केस में एफआईआर
इटावा कथावाचक बदसलूकी केस में एफआईआर

उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक से बदसलूकी के मामले में एक्शन हुआ है. पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार यादव के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. दरअसल, कथावाचक पर एक महिला से छेड़खानी का आरोप लगा था. साथ ही पहचान छिपाने, धार्मिक भावना आहत करने, धोखाधड़ी आदि का भी आरोप है. इसको लेकर ब्राह्मण संगठन के लोगों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. 

आपको बता दें कि कथावचकों के खिलाफ एफआईआर कराने वाले का नाम जयप्रकाश तिवारी है. जयप्रकाश की पत्नी रेनू तिवारी के साथ छेड़छाड़ का आरोप कथावाचक मुकुट मणि यादव पर लगा था. आरोप है कि इसी के बाद विवाद हुआ और कुछ लड़कों ने मुकुट मणि व उनके साथियों को पीट दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. 

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थाना बकेवर के दांदरपुर निवासी शिकायतकर्ता जयप्रकाश तिवारी ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि कथावाचक मुकुट मणि और उनके साथी संत कुमार ने झूठ बोलकर खुद को ब्राह्मण बताया. उन्होंने फर्जी आधार कार्ड दिखाकर अपनी पहचान और जाति छिपाई. जब सच सामने आया तो पता चला कि मुकुट मणि असल में मुकुट सिंह यादव है और संत कुमार, संत सिंह यादव है. 

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शिकायत में कहा गया कि कथावाचक ने कूट रचित (फर्ज़ी) आधार कार्ड के माध्यम से स्वयं को ब्राह्मण बताया. धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई और गांव वालों के साथ धोखाधड़ी की. इसलिए आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई और मुकदमा दर्ज किया जाए. इस बाबत कथावाचक द्वारा दिखाया गया फर्जी आधार कार्ड भी सबूत के रूप में सौंपा गया है. 

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इससे पहले कथावचकों से मारपीट करने वाले चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस एक्शन से ब्राह्मण संगठनों में गुस्सा था. उनका कहना था कि एकतरफा कार्रवाई हो रही है. जब बदसलूकी करने के आरोपियों को जेल भेजा गया है तो छेड़छाड़ के आरोपी कथावाचक पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही. 

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