
फिजी (मिनी इंडिया) से आए एक दंपति की 115 साल पुरानी मन्नत आखिरकार पूरी हो गई. वर्ष 2019 में अयोध्या में भगवान राम से बिछड़े परिवार को मिलाने की गुहार लगाई थी. अब उन्हें उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अपना खानदान मिल गया है. यह परिवार लगभग सवा सौ साल पहले अंग्रेजों द्वारा गुलाम बनाकर फिजी ले जाए गए गरीब राम के वंशज हैं.
बता दें कि फिजी देश के निवासी रवींद्र दत्त और उनकी पत्नी केशनी का 115 साल पहले बिछड़ा परिवार भारत में मिल गया है. यह घटना भगवान राम से मांगी मन्नत पूरी होने के बाद 6 साल बाद हुई. परिवार बस्ती जिले के बनकटी ब्लॉक के कबरा गांव में मिला.
दरअसल, रवींद्र दत्त के परदादा, गरीब राम को, अंग्रेजों ने दंड देने की नीयत से फिजी ले जाकर मजदूरी कराई थी. रवींद्र दत्त को परदादा का इमिग्रेशन पास मिला, जिससे उन्होंने खोजबीन शुरू की और गांव प्रधान की मदद से परिवार को खोज निकाला.
1910 में अंग्रेज जबरन ले गए थे फिजी
रवींद्र दत्त ने बताया कि उनके परदादा का नाम गरीब राम था. उन्होंने अंग्रेजों का विरोध किया था. इसके दंड स्वरूप अंग्रेज उन्हें जबरन सन 1910 में फिजी ले गए और उन्हें भारत नहीं आने दिया, जिसके बाद गरीब राम का परिवार वहीं बस गया. खोजबीन करते हुए रवींद्र को परदादा का एक इमिग्रेशन पास मिला, जिसे उत्प्रवास पास भी कहते हैं. इस पास में उनके दादा गरीब, उनके पिता रामदत्त, और अन्य जानकारी लिखी थी.

राम की कृपा से बस्ती में मिला खानदान
कई साल तक इंटरनेट से जानकारी जुटाने और लोगों से बात करने के बाद रवींद्र दत्त बस्ती जिले के कबरा गांव पहुंचे. उन्हें पता चला कि गरीब राम यहीं के निवासी थे और उनका परिवार आज भी इस गांव में रहता है. रवींद्र दत्त ने गरीब राम के नातियों जैसे भोला चौधरी, गोरखनाथ, विश्वनाथ, दिनेश सहित परिवार के कई सदस्यों से मुलाकात की. 115 साल बाद छठी पीढ़ी से मिलकर रवींद्र और केशनी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
प्रधान प्रतिनिधि ने निभाई अहम भूमिका
कबरा गांव के प्रधान प्रतिनिधि रवि प्रकाश चौधरी ने परिवार को मिलाने में अहम भूमिका निभाई. रवींद्र दत्त से खानदान का सेजरा (वंशावली) समझने के बाद, रवि प्रकाश चौधरी रामदत्त के परिवार के पास गए. वहां उन्हें एक पुराना दस्तावेज मिला, जिसमें सभी नाम दर्ज थे. रामदत्त के परिवार की पुष्टि होते ही रवींद्र और केशनी को उनका बिछड़ा परिवार मिल गया. अब वे हर सुख-दुख में भारत आते रहेंगे और परिवार को फिजी आने का न्योता भी दिया है.