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'जब मैं दुनिया जीत रही थी, लोग कहते थे सैटल हो जाओ', सानिया मिर्जा का दिल छूने वाला पोस्ट

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने अर्बन कंपनी के विज्ञापन 'छोटी सोच' पर रिएक्ट किया है और सोशल मीडिया पर उसे एक इंस्पाइरिंग मैसेज के साथ पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने बताया कि जब मैं खिताब पर खिताब जीत रही थी, लोग कहते थे सैटल हो जाओ.

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सानिया मिर्जा का दिल छू लेने वाला पोस्ट
सानिया मिर्जा का दिल छू लेने वाला पोस्ट

बीते दिनों अपने पाकिस्तानी पति शोएब मलिक के साथ तलाक के चलते चर्चा में आई टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का हालिया ट्विटर पोस्ट दिल छू लेने वाला है. खासकर कई महिलाओं के लिए ये उनकी जिंदगी की आइना है. सानिया ने अर्बन कंपनी के विज्ञापन 'छोटी सोच' पर रिएक्ट किया है और सोशल मीडिया पर उसे एक इंस्पाइरिंग मैसेज के साथ पोस्ट किया. 

ब्यूटीशियन की कहानी पर अर्बन कंपनी का एड

सबसे पहले बता दें कि अर्बन कंपनी का ये एड एक ब्यूटीशियन की कहानी पर है, जिसे कार खरीदने के बाद अपने पड़ोसियों और छोटे भाई की ओर से कई सवालों का सामना करना पड़ता है. उसका भाई बताता है कि लोग मुझे चिढ़ाते हैं और कहते हैं कि हमें पता है कि तेरी बहन ने गाड़ी कैसे खरीदी. कुल मिलाकर लोग उसके गाड़ी खरीदने को लेकर उसके चरित्र पर छींटाकशी कर रहे हैं. 

'औरत जितना आगे बढ़े, दुनिया की सोच उतनी छोटी हो जाती है'

इसमें वह अपने भाई को समझाती है कि कैसे औरत जितना आगे बढ़ती है, दुनिया की सोच उतनी छोटी होती जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग उसकी जीत को स्वीकार ही नहीं करना चाहते हैं. इस प्रकार, 'छोटी सोच' में एक मार्मिक बातचीत है और एक बड़ा मैसेज भी. उसकी बहन उससे कहती है, 'नयी गाड़ी तो सबको दिखती है, लेकिन मेहनत? किसी को नहीं दिखती. अब या तो हम अपना काम करके आगे बढ़ते रहें, या सबकी सोच में पीछे रह जाएं. ये सब सुनकर उसके भाई के चेहरे पर गर्व का भाव होता है.

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ट्विटर पर अर्बन कंपनी ने इस एड के कैप्शन में लिखा है- 'हर किसी को गर्व के साथ काम करने और इसके लिए सम्मान पाने का अधिकार है.'

'मैं खिताब पर खिताब जीत रही थी, लोग कहते थे सैटल हो जाओ'

इसी ए़ड को रिट्वीट करते हुए सानिया ने  लिखा- 2005 में, मैं WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला थी. बड़ी बात, है ना? जब मैं डबल्स में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी थी तो लोग यह जानने के लिए बेचैन थे कि मैं सैटल कब होंगी (घर कब बसाउंगी). छह ग्रैंड स्लैम जीतना समाज के लिए काफी नहीं था. मैं अपनी जर्नी में मिले समर्थन के लिए आभारी हूं, लेकिन खुद को ये सोचने से नहीं रोक कि क्यों एक महिला की उपलब्धियां उसके कौशल और काम के बजाय लैंगिक 'अपेक्षाओं' और दिखावे के बारे में चर्चाओं को आमंत्रित करती हैं. 

'समाज के बारे में वास्तविक बातचीत करना कठिन है'

उन्होंने आगे लिखा- अर्बन कंपनी का यह #विज्ञापन देख रही हूं. इससे ये भावनाएं सामने आईं. मैं जानती हूं कि समाज के बारे में वास्तविक बातचीत करना कठिन और कभी-कभी असुविधाजनक होता है, लेकिन हम महिलाओं की सफलता के साथ कैसे जुड़ते हैं, इस पर आत्मनिरीक्षण करना जरूरी है.

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बताते चलें कि पूर्व डबल्स विश्व नंबर 1, सानिया मिर्ज़ा ने छह प्रमुख खिताब जीते - तीन महिला डबल्स में और तीन मिक्स्ड डबल्स में. 2003 से 2013 में सिंगल्स से उनके रिटायरमेंट तक उन्हें महिला टेनिस संघ द्वारा सिंग्ल्स में टॉप रैंक वाली भारतीय के रूप में स्थान दिया गया था.

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