आज का समय पहले जैसा नहीं है. हम इक्कीसवीं सदी में हैं और वक़्त बहुत ज्यादा बदल चुका है. किसी मामले के मद्देनजर हम भले ही कोई फैसला ले लें लेकिन उन फैसलों का बोझ किसी पर लाद नहीं सकते. अपने बच्चों पर तो बिल्कुल भी नहीं. जी हां बिलकुल सही सुना आपने. ऐसी स्थिति में अंजाम क्या होता है हम यूएस एयरफोर्स में तैनात पाकिस्तानी मूल की हामना जफ़र की प्रेरणादायक कहानी से समझ सकते हैं.
खबर न्यू यॉर्क पोस्ट के हवाले से है. अमेरिका के मैरीलैंड में पाली बढ़ी हामना जब 23 साल की हुई तो तो उसके परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया. हामना को लगा कि माता पिता रिश्तेदारों और परिजनों से मुलाकात के लिए पाकिस्तान रवाना हो रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं था.
माता पिता के हामना को लेकर कुछ अलग ही प्लान थे. पाकिस्तान पहुंचने पर हामना ने अपने को सगाई की एक रस्म में पाया उसे मालूम ये चला कि उसके घर वालों ने बिना उसकी मर्जी जाने उसी के चचेरे भाई के साथ उसका रिश्ता कर दिया है.
हामना की आंखों में कॉप उड़ाने और वायु सेना में शामिल होने के सपने थे. उसे अपना भविष्य दिख रहा था. हामना के मामले में रोचक ये रहा कि उसे अपनी मंजिल तो मिली मगर उसके लिए उसने भारी कीमत चुकाई. घरवाले हामना के फैसले से कुछ इस हद तक नाराज हुए कि उन्होंने हामना से अपना रिश्ता ख़त्म कर लिया.
जिस वक़्त हामना के साथ ये सब हुआ उस वक़्त उसकी उम्र महज 19 साल थी. पारंपरिक मुस्लिम परिवार में पली बढ़ी हामना ने People से अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा कि, पहले मुझे लगा ये एक नार्मल फैमिली ट्रिप है.फिर मैंने वहां गहने और कपड़े देखे.
हामना ने ये भी बताया कि तब वो अपने बीसवें साल में प्रवेश करने वाली थीं. तब घर वाले ये पक्का करना चाहते थे कि मेरी सगाई हो जाए और मैं किसी और की तरफ न देखूं. हामना ने ये भी कहा कि भले ही इतने साल उसके माता पिता यूएस रहे हों लेकिन वो कभी वहां की संस्कृति में घुल मिल नहीं पाए. हालांकि उन्होंने कभी भी उनकी शिक्षा पर आपत्ति नहीं जताई, लेकिन ऐसी उम्मीद थी कि हामना अंततः घर बसा लेगी.
वर्तमान में हामना यूएस एयरफोर्स में वायु सेना सुरक्षा रक्षक के रूप में कार्य करती हैं. ऐसा नहीं था कि अपना करियर चुनना हामना के लिए आसान था. क्योंकि तब तक कोविड आ चुका था तमाम चुनौतियों का सामना हामना ने किया.
ऐसे भी मौके आए जब हामना पूरी तरह से थक हार गई थी. तब उसने वापस घर वालों के पास जाने का सोचा लेकिन तभी वक़्त बदला और हामना ने वो हासिल किया जो उसका सपना था.
People से बात करते हुए हामना ने नौकरी से जुड़ी चुनौतियों पर भी बात की.साथ ही उन्होंने उस ट्रेनिंग का भी जिक्र किया जो मजबूत से मजबूत इंसान को तोड़ कर रख देती है. कह सकते हैं कि आज भले ही हामना सफल हों. लेकिन वो फैसले कहीं से भी आसान नहीं थे जो उन्होंने अपनी सूझ बूझ से लिए.