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नर्मदा नदी में म‍िला सात क‍िलो का तैरता पत्थर, एक्सपर्ट ने बताया इसका राज

गुजरात में नर्मदा नदी से सात क‍िलो वजनी पत्थर म‍िला जो नदी में तैर रहा था. कुछ लोग इसे रामसेतु से टूटा पत्थर मान रहे हैं. जब इस बारे में जियोलॉजी ड‍िपार्टमेंट के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर से बात की उन्होंने इसका राज खोला.

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नदी में तैरता पत्थर.
नदी में तैरता पत्थर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नर्मदा नदी में म‍िला तैरता पत्थर
  • वैज्ञान‍िक तथ्यों से खुला राज

गुजरात में वडोदरा के पास देरोली गांव के पास बहती नर्मदा नदी से करीब साल किलो वजनी एक पत्थर प्राप्त हुआ है. इस पत्थर की खास बात यह है क‍ि ये पानी में डूबता नहीं है. 

पानी में तैरता हुआ पत्थर देरोली गांव और आसपास के इलाकों में एक आश्चर्य बना हुआ है. स्थानीय लोगों का मानना है क‍ि ये पत्थर रामसेतु से टूट कर बहता हुआ गांव में आ गया होगा. जबक‍ि वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार तैरता हुआ पत्थर एक आम बात है. 

दरअसल, देरोली गांव का एक युवक फिशिंग करने के लिए अपनी बोट में नर्मदा नदी में गया हुआ था. तभी उसने बीच नदी में तैरती एक अजीब चीज देखी. पहले तो उसे उसे नज़रअंदाज़ किया लेकिन जब वो अपना काम निपटा कर वापस उस जगह नदी में पहुंचा तब भी वो चीज़ तैर रही थी.

तैरता हुआ पत्थर देख हुआ आश्चर्य

उसने उस चीज़ को बाहर निकाल कर देखा तो वो पत्थर था और तैर रहा था. उसे तैरता हुआ पत्थर देख बड़ा आश्चर्य हुआ और वो पत्थर को अपने साथ गांव लेकर आया और लोगों को दिखाया. तब लोगों को भी बड़ा अचरज हुआ. लोगों ने उसे नदी के पानी में से फिर अपने बर्तन में पानी भर को उस पत्थर को उसमे डाला तब भी वो तैर रहा था. 

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बाल्टी में तैरता हुआ पत्थर.
बाल्टी में तैरता हुआ पत्थर.

इस तैरते हुए पत्थर की बात आग की तरह आसपास के इलाको में फ़ैल गई और अब रोज़ बाहर से भी लोग इस तैरते हुए पत्थर को देखने देरोली आ रहे हैं.  

इस बारे में एमएस यूनिवर्सिटी के र‍िटायर्ड प्रोफेसर केसी त‍िवारी ने बताया क‍ि कुछ खास प्रकर के पत्थर का तैरना आम बात है. कुछ कोरल्स स्टोन, चूने के पत्थर या फिर ज्वालामुखी के मलबे से निकले पत्थर वजनी तो होते हैं लेकिन उनमें जो डेंसिटी होती है वो कम होने के चलते हो पानी में हलके रहते हैं. इस वजह से और उनमें छेद होने के चलते छेदों में हवा भरी होने की वजह से ये पत्थर पानी में तैरते हैं.उसमें कोई चमत्कार वाली बात नहीं है. 

इनपुट-वडोदरा से द‍िग्व‍िजय पाठक की र‍िपोर्ट 

 

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