scorecardresearch
 

'ले जाओ सब बेकार है...', राहगीरों पर नोट फेंकने लगा शख्स, इमोशनल कर देगी वजह

कुछ समय पहले एक बुजुर्ग व्यक्ति अचानक सड़क से गुजरते राहगीरों पर पैसे फेंकने लगा. इसे देखकर लोग हैरान रह गए. वह थैले से पैसे निकालते हुए कह रहा था- ले जाओ ये सब बेकार है. मामला चीन का है. हालांकि उसके ऐसा करने की वजह किसी को भी भावुक कर देगी.

Advertisement
X
फोटो- सोशल मीडिया
फोटो- सोशल मीडिया

चीन में एक बुजुर्ग व्यक्ति अचानक सड़क से गुजरते राहगीरों को लाखों रुपये देने लगा. ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ. क्लिप में 67 वर्षीय व्यक्ति को दक्षिण-पश्चिमी चीन की चोंगकिंग नगर पालिका की एक सड़क पर दो प्लास्टिक की थैलियों से 100-युआन की नोटों की गड्डियां निकालते हुए और राहगीरों पर फेंकते हुए देखा गया है. 

'ये सब बेकार है इसे ले जाओ'

स्थानीय मीडिया आउटलेट cqnews.net की रिपोर्ट के अनुसार, पैसे फेंकते समय आदमी बुदबुदा रहा है- ये सब बेकार है इसे ले जाओ. उसके आसपास दर्जनों लोग इकट्ठे हो गए. कई लोग उससे पैसे वापस लेने के लिए कहने लगे. कुछ ने उसे उठाकर उसे पैसा लौटा दिया और किसी ने भी पैसा नहीं लिया.

'पत्नी चली गई है तो पैसा दौलत सब कुछ बेकार है'

ऐसे में पुलिस अधिकारी जल्द ही पहुंचे और उसे पास के पुलिस स्टेशन में ले गए, जहां उन्हें पता चला कि वांगनाम वाला व्यक्ति पैसे देने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह एक साल पहले अपनी पत्नी की मृत्यु से बहुत परेशान था. उस आदमी ने कहा कि अब जब उसकी पत्नी चली गई है तो पैसा दौलत सब कुछ बेकार है. उसने अपने थैले में लगभग 75 लाख रुपये रखे थे जिन्हें वह लोगों को दे रहा था.

Advertisement

टिकटॉक पर वायरल हुआ वीडियो
 
cqnews के मुताबिक, वांग ने जो पैसा फेंका था, उसे पुलिस अधिकारियों और राहगीरों ने इकट्ठा किया और उसे लौटा दिया. वांग की बेटी ने कहा कि वह अपने पिता पर कड़ी नजर रखेगी और अगर वह अपने फ्लैट रहने की जिद करेगा तो वह उसके फ्लैट में चली जाएगी.  टिकटॉक पर इस घटना के वीडियो को 50 लाख बार देखा गया है.

'मैं फिर से प्यार में विश्वास करने लगा हूं'

वायरल वीडियो पर लोगों ने ढेरों कमेंट किए.  कई लोगों ने कहा कि वे अपनी पत्नी के प्रति वांग के गहरे प्यार और पैसे लौटाने वाले दर्शकों की ईमानदारी से प्रभावित हुए. यह बहुत हार्ट टचिंग है. एक व्यक्ति ने लिखा- मैं फिर से प्यार में विश्वास करने लगा हूं. दूसरे ने कहा, ''पैसा जीवन की तुलना में बेकार है.''

'लोग पैसे ले लेते तो वह और टूट जाता'

एक अन्य ने लिखा- “राहगीरों ने पैसे न लेकर बहुत अच्छा किया. कोई भी व्यक्ति भावनात्मक रूप से टूटने का अनुभव कर सकता है. अगर लोगों ने उसका पैसा ले लिया होता तो वह और भी टूट जाता.”  बता दें इसी साल मार्च में ऐसा ही किस्सा सामने आया था जब, शंघाई का एक बुजुर्ग व्यक्ति, जिसकी याददाश्त कमजोर हो गई थी, वह अपनी उस पत्नी की तलाश में 20 किलोमीटर तक चला, जिसकी दो साल पहले मृत्यु हो गई थी.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement