नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग सिर्फ हिल स्टेशंस या क्लबों का रुख नहीं कर रहे, बल्कि भक्ति के रंग में सराबोर होने के लिए देश के बड़े तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. अयोध्या, बनारस और मथुरा की तरह ही राजस्थान के सीकर में स्थित बाबा खाटू श्याम के दरबार में भी भक्तों का भारी हुजूम दिखाई दे रहा है.
हर दिन एक लाख से ज्यादा भक्त बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं. भीड़ इतनी ज्यादा है कि मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सहूलियत के लिए नए साल के मौके पर यानी 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक मंदिर के पट पूरे 24 घंटे खुले रखने का फैसला किया है. यानी इन 72 घंटों में भक्त कभी भी बाबा श्याम का दीदार कर सकेंगे. प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार व्यवस्था सबके लिए बराबर होगी, इसलिए वीआईपी दर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

भीड़ को संभालने के लिए कड़े इंतजाम, 17 किलोमीटर नो व्हीकल जोन
नए साल के स्वागत के साथ-साथ इस बार एकादशी और द्वादशी का मासिक मेला भी पड़ रहा है, जिसके कारण खाटू नगरी में करीब 30 से 50 लाख भक्तों के आने का अनुमान है. भक्तों की भारी तादाद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा, रींगस से खाटू तक का करीब 17 किलोमीटर का इलाका 'नो व्हीकल जोन' घोषित कर दिया गया है, ताकि पैदल चलने वाले श्याम प्रेमियों को कोई दिक्कत न हो.
इतना ही नहीं, खाटू श्याम मंदिर की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए 4000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि चप्पे-चप्पे पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है. खास बात यह है कि मंदिर को बहुत ही खूबसूरत और विशेष फूलों से सजाया गया है, जिसे देखने के लिए लोग तोरण द्वार और बांसुरी स्टैचू के पास फोटो खिंचवाने के लिए भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
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दर्शन की व्यवस्था को लेकर मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि फिलहाल मंदिर के सामने की सभी 14 लाइनें पूरी तरह से भक्तों से भरी हुई हैं. अगर भीड़ और ज्यादा बढ़ती है, तो श्रद्धालुओं को चारण खेत और लखदातार ग्राउंड के वैकल्पिक रास्तों से मंदिर की ओर लाया जाएगा. पैदल आने वाले भक्तों को रींगस रोड और मेला डायवर्जन से होते हुए लखदातार मैदान तक का सफर तय करना होगा. इसके बाद ही वे मुख्य मेला मैदान में बनी 14 कतारों में शामिल हो सकेंगे.

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पार्किंग के लिए भी प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि जाम की स्थिति पैदा न हो. 52 बीघा सरकारी जमीन पर विशेष पार्किंग बनाई गई है, जिसका निकास मंडा मार्ग रखा गया है. इसके अलावा पलसाना या जीण माता की तरफ से आने वाले वाहनों को सांवलपुरा किसान गौशाला के पास ही रोकने की व्यवस्था की गई है. हजारों कदम पैदल चलने की थकान और घंटों का लंबा इंतजार... लेकिन जैसे ही बाबा श्याम की एक झलक मिलती है, भक्तों की सारी पीड़ा पल भर में दूर हो जा रही है. पूरी खाटू नगरी इस समय 'जय श्री श्याम' के जयकारों से गुंजायमान है और जहां तक नजर जा रही है, सिर्फ आस्था का समंदर ही हिलोरे ले रहा है.