आजकल घूमने का तरीका पूरी तरह बदल गया है. अब लोग कहीं जाते हैं तो सिर्फ देखने नहीं जाते, बल्कि वहां की चीजों को चखना भी चाहते हैं. पहले लोग याद के तौर पर फ्रिज पर लगाने वाले मैग्नेट या चाबी के छल्ले खरीदते थे, पर अब स्नैक सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला 'यादगार तोहफा' बन गया है.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि लगभग 80% भारतीय यात्री जब विदेश घूमने जाते हैं, तो वहां के बड़े बाजारों में जरूर जाते हैं. उनका मकसद सिर्फ सामान खरीदना नहीं होता, बल्कि वहां के लोग रोजाना क्या खाते-पीते हैं, यह जानना होता है. भोजन के ज़रिए दुनिया को जानने की यह चाहत भारत में एक नए और शानदार आइडिया के रूप में सामने आई है. इसे स्नैक ट्रांजिट पॉप-अप कहते हैं. यह दिल्ली और मुंबई में होने वाला एक खास इवेंट है, जहां आपको बिना कहीं जाए, जापान से लेकर मेक्सिको तक 16 देशों के स्नैक्स मुफ्त में चखने को मिलेंगे. जानिए, भारत का यह नया 'फूड आइडिया' कैसे लोगों के घूमने और खाने के तरीके को बदल रहा है.
अब यात्रियों को लगता है कि किसी जगह की संस्कृति को समझने का सबसे अच्छा तरीका वहां का खाना है. इसीलिए जो चीजें पहले सिर्फ खरीदारी होती थी, अब वह एक तरह की सांस्कृतिक खोज बन गई है. रिसर्च बताती है कि 60% भारतीय यात्री घूमने के दौरान लोकल बाजार घूमना पसंद करते हैं. उन्हें देखना होता है कि वहां किस तरह के मसाले, किस तरह के अलग-अलग स्वाद और कौन सी नई खाने की चीजें मिलती हैं. यही वजह है कि स्नैक अब सिर्फ पेट भरने की चीज नहीं, बल्कि उस जगह की पहचान बन गया है. इसीलिए स्नैक ट्रांजिट पॉप-अप इवेंट में जापान की मशहूर किट कैट माचा जैसी चीजो को रखा गया है, जो उस देश की कहानी बताती हैं.
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स्नैक ट्रांजिट पॉप-अप एक बहुत ही ख़ास इवेंट है, जो लोगों की खाने-पीने की इस नई चाहत का फायदा उठाता है. इसे इस तरह से बनाया गया है जैसे एक चलता-फिरता फूड ट्रक हो, जो कि एक पॉप-अप स्टोर की तरह काम करता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको बिना लंबी यात्रा किए, दुनिया भर के स्नैक्स का मजा लेने का मौका देता है. दिल्ली और मुंबई में होने वाला यह इवेंट उन लोगों के लिए एकदम सही है जो नई चीजें चखना तो चाहते हैं, पर इंटरनेशनल ट्रिप प्लान नहीं कर सकते.
यह इवेंट सिर्फ मुफ्त में खाना बांटने के लिए नहीं है, बल्कि दुनिया भर के स्वादों को एक साथ लाने और उनका जश्न मनाने के लिए है. यहां आने वाले लोगों को 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के मुफ्त स्नैक्स आजमाने का मौका मिलता है. क्योंकि यहां 16 देशों के स्नैक रखे गए हैं, जिन्हें उनकी लोकप्रियता और देश की संस्कृति में उनके योगदान को देखकर चुना गया है. यह इवेंट एक ऐसी जगह है जहां आप अलग-अलग स्वाद चख सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि वह स्नैक उस देश की संस्कृति में क्यों जरूरी है.
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अब यात्री सिर्फ अच्छी जगहों को देखकर ही घूमने का प्लान नहीं बनाते, बल्कि वहां के खाने-पीने की चीजों को भी देखते हैं. यानी, अब खाना तय करता है कि कहां जाना है. स्काईस्कैनर के एक सर्वे मुताबिक, भारतीय यात्री सबसे ज्यादा खाने-पीने की चीजों को देखकर ही अपनी यात्रा की योजना बनाते हैं. फूड टूरिज़्म का यह बदलाव घूमने के पूरे तरीके को बदल रहा है. स्नैक ट्रांजिट पॉप-अप इसी बदलाव का एक सीधा उदाहरण है, जो यात्रियों को वैश्विक स्नैक्स को अनुभव करने और उनके पीछे के देशों के बारे में जानने का मौका देता है.
स्नैक को यादगार तोहफा बनाने का यह चलन आने वाले समय में और भी बढ़ेगा. जब लोग खाने-पीने की चीजों को ज्यादा याद रखेंगे, तो खाने से जुड़े टूरिज्म अनुभव की मांग बढ़ेगी. भविष्य में घूमने की योजना में खाना बनाने की क्लासेज, फूड वॉक और बाजारों की खोज भी शामिल हो जाएगी. स्नैक ट्रांजिट पॉप-अप जैसे इवेंट इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये लोगों को लोकल खाने से जोड़ते हैं और उन्हें नए स्वाद के बारे में बताते हैं.