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स्विस चॉकलेट से कोरियाई चिप्स तक... खाने के लिए दुनिया घूम रहे हैं लोग

अब ट्रैवल का मतलब सिर्फ घूमना नहीं, खाना बन गया है. दुनिया भर में एक नया क्रेज छाया है, स्नैक टूरिज्म. जानिए कैसे Gen Z और मिलेनियल्स ने दुनिया घूमने का मतलब ही बदल दिया है और क्यों अब स्नैक की खोज एक ग्लोबल ट्रेंड बन चुकी है.

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सिर्फ़ स्नैक के लिए दुनिया घूम रहे लोग (Photo: ITG)
सिर्फ़ स्नैक के लिए दुनिया घूम रहे लोग (Photo: ITG)

आजकल दुनिया भर  के लोग अपनी पसंदीदा डेस्टिनेशन घूम रहे हैं, यह तो हम सब जानते हैं, लेकिन लोग अपना बैग क्यों पैक कर रहे हैं? इसकी वजहें अब बदल गई हैं. हर ट्रैवल टिकट अब सिर्फ शानदार नजारे देखने के लिए नहीं होता. कभी-कभी, सफर की वजह कोई छोटी सी चीज होती है, जैसे कि मनपसंद स्नैक या एक लजीज चॉकलेट.

दरअसल स्काईस्कैनर के नए आंकड़ों से पता चला है कि ब्रिटेन के लगभग आधे यात्री (47%) अब यात्रा बुक करते समय वहां के स्थानीय खाने-पीने और स्नैक्स के विकल्पों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देते हैं. स्विस चॉकलेट की मशहूर बुटीक से लेकर जापान के खास किटकैट्स की तलाश तक, लोग सचमुच सीमाएं पार करके ऐसे खाने के अनुभवों की तलाश में हैं, जो उन्हें उस जगह की संस्कृति से जोड़ सकें. सच कहें तो, उन्हें दोष क्यों दें? किसी भी म्यूजियम या ऐतिहासिक जगह की सैर से ज्यादा, एक निवाला आपको उस जगह के बारे में बहुत कुछ बता देता है.

स्नैक टूरिज्म: नया जुनून, नई प्राथमिकता

खाना हमेशा से यात्रा का एक अहम हिस्सा रहा है, पर अब इसकी प्रेरणा बदल गई है. क्योंकि स्काईस्कैनर के सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि विदेश जाने वाले लगभग 10 में से 6 मिलेनियल्स (59%) अपनी छुट्टी की जगह वहां के मशहूर स्नैक्स, सुपरमार्केट में मिलने वाली खास चीजों या फिर सोशल मीडिया पर वायरल हुए व्यंजनों के आधार पर चुनते हैं. इनमें से लगभग 70% लोग विदेश में अनोखे स्नैक्स खरीदने के लिए अलग से बजट भी रखते हैं. ये स्नैक्स कोरियाई हनी बटर चिप्स, इटालियन ट्रफल क्रिस्प्स या थाईलैंड के अजीब स्वाद वाले प्रिंगल्स भी हो सकते हैं. यानी, अब लोग एयरपोर्ट पर ड्यूटी फ्री की जगह सुपरमार्केट में ज्यादा समय बिता रहे हैं.

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Swiss chocolate
Gen Z का नया ट्रैवल गोल (Photo: Getty Images)

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Gen Z का ट्रैवल फंडा: बिल्डिंग से ज्यादा जरूरी बर्गर

मिलेनियल्स ने भले ही 'स्नैक टूरिज्म' की शुरुआत की हो, लेकिन जेनरेशन ज़ेड इस ट्रेंड को नई ऊंचाई पर ले जा रही है. उनके लिए तो, खाना ही उस संस्कृति का सबसे बड़ा केंद्र है. एक चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि Gen Z के 38% यात्री एफिल टावर देखने के बजाय असली और जायकेदार फ्रेंच खाना खाना ज्यादा पसंद करते हैं. क्योंकि इस पीढ़ी के लिए, यह किसी खास जगह को देखने का मामला नहीं है, बल्कि उस संस्कृति के स्वाद को महसूस करने का मामला है. उनका ट्रैवल गोल सीधा है, ताइवान में असली बबल टी पीना, टोक्यो के हर सकुरा-स्वाद (एक वायरल स्नैक) वाले व्यंजन को चखना, या फिर सियोल की उस मशहूर पेस्ट्री और केक की दुकान के बाहर लंबी कतार में लगना, जिसके बारे में टिकटॉक पर खूब चर्चा होती है.

सोशल मीडिया की बदौलत स्ट्रीट फूड बना स्टार

पहले फूड टूरिज्म का मतलब होता था इटली में हाथ से बने पास्ता या मिशेलिन-स्टार वाले महंगे रेस्टोरेंट में खाना. लेकिन सोशल मीडिया ने सब बदल दिया है. दरअसल अब यह महंगे मिशेलिन-स्टार डाइनिंग से हटकर, रोजमर्रा के और आम अनुभवों की तरफ मुड़ गया है. अब कोने की बेकरी (पेस्ट्री और केक की दुकान), सड़क किनारे की दुकान, यहां तक कि विदेश के सुपरमार्केट के गलियारे भी एक खजाने से कम नहीं हैं.

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वायरल हो रही "जरूर आजमाएं"  की लिस्टें, स्नैक्स के अनबॉक्सिंग वीडियो और ट्रैवल रील्स ने एयरपोर्ट की वेंडिंग मशीनों को भी एक आकर्षण का केंद्र बना दिया है. आपने चीनी बच्चों के वीडियो देखे होंगे, जिनमें वे बचपन के मसालेदार ला तियाओ या तांगहुलु (कैंडीड फल) जैसे स्नैक्स की यादें ताजा करते हैं.

La Tiao snack famous in China
चीन का मशहूर मसालेदार ग्लूटेन स्ट्रिप स्नैक (Photo: ITG)

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दुबई की कुनाफा से 7-इलेवन का क्रेज

यह क्रेज दुनिया भर में दिख रहा है. दक्षिण एशिया में अनगिनत यात्री 7-इलेवन जैसे लोकल स्टोर में वायरल स्नैक्स की तलाश में भटकते हैं.  इतना ही नहीं दुबई की कुनाफा चॉकलेट या वायरल फ्रूट आइसक्रीम की दीवानगी कौन भूल सकता है, जो रातोंरात एक ग्लोबल वायरल घटना बन गई

यह ट्रेंड साफ बताता है कि अब किसी भी यात्री के दिल तक पहुंचने का रास्ता उसके पेट से होकर गुजरता है. ट्रैवल के बहाने अब शानदार नजारे नहीं, बल्कि लजीज स्नैक बन चुके हैं. जो कि 'स्नैक टूरिज्म' 2026 में ट्रैवल इंडस्ट्री का एक बहुत बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है.
 

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