गर्मी से सुरक्षा
वातावरण में आए बदलाव का असर हर मौसम में महसूस होता है (Summer Season). बात अगर गर्मी की करें तो इसका प्रकोप अब और बढ़ता जा रहा है. भारत में भी गर्मी अपने चरम पर है. इस मौसम में कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न होती हैं और लू लगने का डर भी सताता है (Rising Temperature).
खुद को और अपने परिवार के सदस्य को गर्मी की मार से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है. गर्मी में कई प्रकार की बीमारियों के होने की आशंका होती है, इसलिए गर्मी में किस प्रकार अपनी सुरक्षा की जा सकती है (Summer Care) आइए जानते हैं.
गर्मी के मौसम में बच्चे हों या बड़े या बुजुर्ग, सभी को अधिक तापमान और सूरज की किरणों में मौजूद अल्ट्रा वायलेट रेज से बचना अति आवश्यक होता है. ऐसे में खुद को अच्छे तरीके से हाईड्रेट (Hydrate) रखना चाहिए है. प्रयाप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए (More Water Intake in Summer). रसीले और पानी वाले फलों का सेवन हमें डी-हाइड्रेशन (Dehydration) से बचाता है. साथ ही भोजन भी हल्का, कम तेल-मसालों वाला करना चाहिए ताकि पाचनशक्ति ठीक रहे. बढते तापमान में लू (Heatstroke) का खतरा भी बढ़ जाता है जो कई बार जानलेवा भी हो सकता है. इससे बचने के लिए सबसे सटीक उपाय है कच्चे आम का पन्ना (Aam Panna). अगर लू लगने के बाद भी आम पन्ना (Raw Mango Juice) का इस्तेमाल किया जाय तो मरीज बहुत जल्दी रिकवर करता है.
बात अगर त्वचा की करें तो धूप में निकले से पहले सनस्क्रीन (Sunscreen) का इस्तेमाल जरूरी होता है. यह आपको सनबर्न से बचाता है (Summer Care for Skin). घर से बाहर निकलने पर सनग्लासेज और छाता का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही, गर्मियों में सूती कपड़े ही पहनें (Cotton Cloths for Summer).
दुनिया का मौसम इस समय पूरी तरह बेकाबू हो चुका है. जमीन से 20-30 km ऊपर बहने वाली हवा यानी QBO नवंबर में ही पलट गई, जो आमतौर पर जनवरी-फरवरी में बदलती है. भारत समेत पूरी दुनिया पर 2025-26 में इसका भयंकर असर पड़ेगा. यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब भी बाढ़, ठंड और सूखे की दोहरी मार झेल रहे हैं. यह कोई स्थानीय मौसम नहीं, पूरा ग्लोबल सिस्टम टूटने की शुरुआत है.
नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर दुनिया ने अब भी हाथ पर हाथ रखे रहे तो 2040 तक धरती का तापमान अपने चरम पर पहुंच जाएगा. तब हालात संभालना नामुमकिन होगा. 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा पार करना मानवता के लिए 'रेड जोन' में प्रवेश जैसा है. लेकिन अभी भी वक्त है कि सही एक्शन से सदी के अंत तक धरती को दोबारा ठंडा किया जा सकता है.
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में सिस्टैंथे लॉन्गिस्कापा नाम का छोटा गुलाबी फूल उगता है. ये सूखे वातावरण, UV किरणों और नमकीन मिट्टी में फलता है. एंड्रेस बेलो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इसका जीनोम सीक्वेंस कर रहे. ताकि मजबूत जीन ढूंढकर गेहूं-चावल जैसी फसलों में डालना, ताकि जलवायु परिवर्तन से होने वाले सूखे को झेल सकें. खेती के लिए ये एक नई उम्मीद है.
नई रिसर्च में पाया गया है कि Climate Change, Heat, Pollution और Humidity लड़कियों के पीरियड्स की उम्र और हार्मोनल बैलेंस पर असर डालते हैं. भारत के कई राज्यों के डेटा और NASA Climate Analysis से यह संबंध सामने आया है.
दिल्ली में गर्मी और उमस ने बिजली की मांग 67% बढ़ा दी. CSE की रिपोर्ट कहती है कि मॉनसून में हीट इंडेक्स 46-50 डिग्री पहुंचा, जिससे AC का इस्तेमाल बढ़ा. रातें गर्म होने से सेहत को खतरा पैदा हुआ. इमारतों में ऊर्जा बचत, हरियाली बढ़ाना, कूलिंग शेल्टर बनाना और बिजली प्रबंधन से ही ठंडक बनाई जा सकती है. जलवायु परिवर्तन से समस्या बढ़ रही है.
तुर्की, भीषण गर्मी और सूखे का सामना कर रहा है. हक्कारी से लगभग 200 किलोमीटर दूर सिलोपी में 50.5 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया है. दुनिया के कई क्षेत्रों के ग्लेशियर जलवायु में हो रहे परिवर्तनों के कारण तेजी से पिघल रहे हैं. ग्लेशियरों के खत्म होने से करोड़ों लोगों के लिए जल आपूर्ति का एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
जापान इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है टोक्यो समेत देश के 47 में से 30 प्रान्तों में हीटस्ट्रोक की चेतावनी जारी की गई है टोक्यो में इस साल पहली बार तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया,
दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रचंड गर्मी का सितम जारी है. इस बीच ये बड़ा सवाल है कि आखिर इस गर्मी से राहत कब मिलेगी?
दिल्ली-एनसीआर का मौसम एक्सट्रीम होने की मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और मॉनसूनी गतिविधियां हैं. प्रचंड गर्मी, डुबाने वाली बारिश और कड़कड़ाती सर्दी से निपटने के लिए हमें जलवायु परिवर्तन से लड़ने, हरियाली बढ़ाने और बेहतर ड्रेनेज सिस्टम बनाने की जरूरत है.
IMD के अनुसार 12 जून तक दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी. हालांकि, 13 जून की रात से राहत की उम्मीद जताई गई है, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हल्की बारिश की संभावना है.
दिल्ली-एनसीआर में 10 जून 2025 को फील लाइक टेंपरेचर 48.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि वास्तविक तापमान 43.4 डिग्री था. 70% आर्द्रता के कारण. फील लाइक टेंपरेचर हवा के तापमान, आर्द्रता और हवा की गति का संयुक्त प्रभाव है. ज्यादा आर्द्रता से पसीना वाष्पीकृत नहीं होता, गर्मी बढ़ जाती है. आईएमडी ने हीटवेव की चेतावनी दी है.
राजस्थान के जैसलमेर में बना राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल बिना एसी के भी ठंडा रहता है. जानिए कैसे अनोखी डिजाइन, लोकल पत्थर और सोलर एनर्जी से यह स्कूल बना सस्टेनेबिलिटी की मिसाल.
जून के पहले हफ्ते में पारा फिर चढ़ने लगा है, दिल्ली एनसीआर समेत मैदानी राज्यों में तापमान 40 डिग्री के पार है और राजस्थान में 45 डिग्री तक पहुंचा है. मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में 8 तारीख से लेकर के 11 जून तक गर्म हवाओं का थपेड़ा परेशान करेगा. 12 तारीख के बाद मानसून के रफ्तार पकड़ने से मौसम में बदलाव की संभावना है. देखें...
क्या आप जानते हैं कि नौतपा सिर्फ एक मौसमीय बदलाव नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद खास है? वीडियो में जानें इसकी वजह.
मई 2025 में मौसम असामान्य रूप से व्यवहार कर रहा है, जिसमें भारी बारिश और तूफान शामिल हैं. मॉनसून की जल्दी शुरुआत और सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है, लेकिन गर्मी का खतरा भी बना हुआ है. लोगों को बाढ़, भूस्खलन और अन्य खतरों से सतर्क रहने की जरूरत है. यह जटिल मौसमी पैटर्न जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय मौसम प्रणालियों के प्रभाव को दर्शाता है.
Natural hydration: भारत में कई ऐसी ड्रिंक्स मौजूद हैं जो आपको रिहाइड्रेट करने के साथ ही रिफ्रेश भी करती हैं. इन ड्रिंक्स से ना सिर्फ आपकी प्यास बुझती है बल्कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का लेवल भी बैलेंस होता है. आइए जानते हैं इन ऑप्शन के बारे में-
थर्मामीटर तापमान मापने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक डिवाइस है. आम तौर पर, इसका इस्तेमाल बिना किसी कवर के किया जाता है. ऐसे मामलों में यह अपने आस-पास के तापमान को दिखाता है. आस-पास के सामान्य तापमान को ड्राई बल्ब तापमान के रूप में जाना जाता है. हालांकि, मानव शरीर पर गर्मी के प्रभाव को समझने के लिए हम वेट बल्ब तापमान को मापते हैं.
हमारे आयुर्वेद में सत्तू को पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम पाया जाता है.
India के 60% जिलों को अत्यधिक गर्मी और लू का भयानक खतरा, Council on Energy, Environment and Water Think Tank, New Delhi की नई स्टडी में किया ये दावा
फोन चार्जिंग के दौरान की गई कुछ छोटी गलतियां बड़ा खतरा बन सकती हैं. जानिए किन बातों का रखें ध्यान जैसे – ओरिजनल चार्जर का इस्तेमाल, ओवरहीटिंग से बचाव और गर्म जगह पर फोन ना रखना.
भारत के 57% जिले, जहां 76% आबादी रहती है को अत्यधिक गर्मी और लू का खतरा है. नई दिल्ली में खतरा सबसे ज्यादा है. बढ़ती नमी और रात का तापमान स्वास्थ्य को और नुकसान पहुंचा रहे हैं. पिछले साल 40000 से ज्यादा हीटस्ट्रोक मामले और 110 मौतें हुईं. बेहतर योजना और जागरूकता की जरूरत है.