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स्टोरीबॉक्स

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स्टोरीबॉक्स (Story Box), आज तक रेडियो का एक प्रोग्राम है जिसमें कहानियां सुनाई जाती हैं (Story Box on Aaj Tak Radio). जमशेद कमर सिद्दीकी आज तक रेडियो के लिए एसोसिएट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. जमशेद आज तक रेडियो के लिए दैनिक और साप्ताहिक पॉडकास्ट का ध्यान रखते हैं. उनको लगभग सभी रेडियो स्टेशनों के लिए रेडियो कहानी लेखन का अनुभव है (Jamshed Qamar Siddiqui Aaj Tak Radio). 

स्टोरीबॉक्स पर सुनाई जाने वाली कहानियां अविश्वसनीय रूप से दिलचस्प रहती हैं. कहानियों को इस तरह प्रस्तुत किया जाता है कि लोग खुद को कहानी का हिस्सा मानने लगते हैं. कहानियां आपको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती हैं. कहानियां आपको और अधिक करने की चुनौती देती हैं. स्टोरीबॉक्स की कहानियां उन लोगों को प्रेरित करती हैं जो कम महसूस कर रहे हैं और जिनको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन की जरूरत है. ये कहानियां शिक्षा का एक शक्तिशाली संसाधन हैं, जिससे आप उनसे सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं. हम सभी के पास साझा करने के लिए एक कहानी है और हर कहानी मायने रखती है. इसी सोच के साथ आज तक रेडियो का स्टोरीबॉक्स प्रग्राम तैयार किया जाता है (Story on Story Box).

स्टोरीबॉक्स जीवन के सभी क्षेत्रों और अनुभवों के लोगों की कहानियों को अनबॉक्स करती है ताकि किसी को भी उनकी कहानियों को सुनने का मौका मिल सके ताकि वे अपने होने का महत्व समझ सकें और जीवन में अपनी सबसे बड़ी क्षमता तक पहुंच सकें (Story Box Podcast).

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स्टोरीबॉक्स न्यूज़

  • कहानी : एक सुपर हीरो की कहानी | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    सुपरहीरो वो नहीं जो आसमान में उड़ते हैं, बिल्डिंग्स से लटकते हैं, विलेंस को मारते हैं -सुपरहीरो वो होते हैं जो ज़िंदगी की तकलीफों, दूरियों और ग़म के बीच कुछ ऐसा कर जाते हैं कि दुनिया उन्हें याद रखती है. ये कहानी है कारगिल के एक ऐसे ही हीरो की. जमशेद क़मर सिद्दीक़ी स्टोरीबॉक्स में सुना रहे हैं 'एक सुपरहीरो की सच्ची कहानी'

  • आधी रात की ख़ामोशी | Horror Kahaani | Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

    रात के ख़ामोश पहर में उस घर में जहां मैं अकेले रहता था, दूसरे कमरे से वो आवाज़ दरअसल कई दिनों से आ रही थी. रात की खामोशी को चीरती हुई वो आवाज़ हर रात मुझे परेशान करने लगी थी. किसकी थी वो आवाज़? और क्या थी उस आवाज़ की दर्दनाक कहानी - सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में कहानी 'आधी रात की ख़ामोशी'

  • कहानी : एक कागज़ का फूल | Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

    पांच साल के बाद वो अचानक दिखी एक अस्पताल में. ये वही लड़की थी जो हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनती थी. महंगे शौक रखती थी लेकिन आज उसकी हालत ख़राब थी. कपड़े औसत, बाल बिखरे, चप्पलें घिसी हुई, चेहरे का रंग उड़ा और हाथ में मेडिकल रिपोर्ट्स. ये वही लड़की थी जिसने कभी मेरा इश्क़ ठुकराया था. सुनिये जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'एक कागज़ का फूल' स्टोरीबॉक्स में

  • कहानी| शायरी की बीमारी | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    आग़ा शिराज़ी साहब वैसे तो नेक आदमी थे लेकिन उनको एक बीमारी थी कि हर बात के लिए उनके पास चार शेर होते थे. अगर आप कभी कहें कि मुझे दिल का दौरा पड़ रहा है और मैं मरने वाला हूं एंबुलेंस बुला दीजिए तो कहेंगे "बुलाता हूं लेकिन पहले मौत पर चार शेर सुन लीजिए" - सुनिये एक सनकी शायर की मज़ेदार कहानी स्टोरीबॉक्स में

  • मुखर्जी बाबू की डायरी | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी

    लंदन में रहने वाले मुखर्जी साहब के पास एक डायरी थी जिसमें उन तमाम ख़ूबसूरत औरतों के नाम थे जो उनसे पिछले 15 सालों में मिली थीं. जब भी उनके पास कुछ फ़ुर्सत होती तो डायरी खोलते और लाइन से लिखे नामों पर फोन करने लगते. उन्होंने नामों के आगे ये भी लिख रखा था कि आखिरी बार बात हुई थी तो क्या बात हुई थी. फोन करते ही उसी बात से बात शुरु करते ताकि लगे कि पुरानी जान पहचान है. उस रोज़ भी वो कोई खास मसरूफ़ नहीं थे - सुनिये कहानी 'मुखर्जी साहब की डायरी' STORYBOX में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी : मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद कमर सिद्दीक़ी

    वो सात साल का बच्चा स्कूल के अकेले कमरे में किससे बातें करता था? वो कौन था जो हमेशा उसके साथ रहता था लेकिन और किसी को दिखाई नहीं देता था? सुनिये कहानी 'मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से Disclaimer: ये कहानी पूरी तरह से मनोरंजन के लिए बनाई गयी है। हमारा मकसद किसी भी तरह से अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है।

  • कहानी : जिलानी साहब की दावत | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    जिलानी साहब के बेटे की सगाई में बड़ी दावत का इंतज़ाम था लेकिन ऐन वक्त पर जब लोग खाने का लुत्फ़ ले रहे थे तो पता चला कि कुछ लोग बिन बुलाए दावत में घुस आए हैं - कैसे पकड़ेंगे उन बिन बुलाए लोगों को जिलानी साहब - सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • पहली सी मुहब्बत | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    हम उस जेनरेशन से आते हैं जो इश्क़ करना फिल्मों से सीखती है जहां हर पल कुछ हो रहा होता है. कोई शरारत, कोई बात, कोई बातचीत. हम समझते हैं कि इश्क़ में ऐसा ही होता है और अगर ये नहीं है तो इश्क़ बोरिंग है लेकिन हकीकत ये है कि इश्क़ उन शादीशुदा पुराने लोगों के बीच भी होता है जो एक कमरे में बैठे बिना बात किये खामोशी से अपना अपना काम करते रहते हैं. उनका इश्क़ वक्त के साथ मैच्योर हो जाता है - सुनिये कहानी 'पहली सी मुहब्बत' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | चलो एक बार फिर से | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    दुनिया में औलाद और मां-बाप की ये कहानी हज़ारों बार दोहराई जा चुकी है पर ये कहानी है कि कभी पुरानी नहीं होती. ये कहानी तब तक दोहराई जाएगी जब तक औलादें उतनी मुहब्बत अपने मां-बाप से करना नहीं सीखेंगी. फिक्र मत करो, घर तुम्हारे नाम कर दिया है बेटा" - सुनिये उम्र के आखिरी मोड़ पर खड़े एक शख्स की आखिरी मुहब्बत और उसके बेटे की नाराज़गी की कहानी - चलो एक बार फिर से - स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | एक चुगलखोर की मौत | Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

    चुगलखोर चाचा जब मर कर दूसरी दुनिया में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वो तो दोज़ख में भेज दिये गए हैं। वहां उन्होंने क्या किया कि उन्हें वापस जन्नत भेजा गया और आखिर क्यों उन्हें जन्नत रास नहीं आई - सुनिए पूरी कहानी स्टोरबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | ससुर जी का पुराना स्कूटर | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद कमर सिद्दीक़ी

    उस रात मानव इतिहास में पहली बार एक अनोखा काम होने जा रहा था। एक आदमी जिसे खुद एक काम नहीं आता था वो आदमी वही काम दूसरे को सिखाने जा रहा था. वो काम था स्कूटर चलाना सिखाना. हमने सोचा था कि सिखाने में क्या मुश्किल है बस यही तो कहना है - सामने देखो-सामने देखो, बैलेंस बनाओ-बैलेंस बनाओ... चलाने वाला सीखता तो खुदी है... पर हम ग़लत थे उस रात कुछ ऐसा हो गया कि भुलाए नहीं भूलता - स्टोरीबॉक्स में सुनिए कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | कभी मैं, कभी तुम | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीकी

    कॉफी का रंग घुलने लगा था। बावर्ची खाने में आंखों के कोरों पर ग़म को पोंछते हुए ज़ैनब चाय की पत्ती का डिब्बा ढूंढने लगी। दूसरी शादी का पहला दिन था वो। सब कुछ कितना अजनबी लग रहा था वहां। वो दीवारें, वो शेल्फ़, वो बर्तन... जैसे वो किसी अंजानी सड़क से गुज़र रही हो और तमाम अजनबी आंखें घूर रही हों। एक मां के तौर पर भी उसे खुद से शिकवा था, इस रिश्ते के लिए उसने अपने बच्चे को छोड़ दिया था - सुनिए पूरी कहानी 'कभी मैं, कभी तुम' जमशेद कमर सिद्दीक़ी से

  • सर्दियों की एक रात | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    रातें सर्द होने लगी थीं और उसके पास रहने का कोई इंतज़ाम नहीं था. उसने बहुत सोचा और फिर इस नतीजे पर पहुंचा कि उसके लिए अगले तीन महीने के लिए जेल से अच्छी जगह कोई नहीं है. उसे वहां मुफ्त खाना भी मिलेगा और कंबल भी. लेकिन सवाल ये था कि जेल जाने के लिए क्या किया जाए. उसने एक प्लान बनाया - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी |ब्रेक अप एट गरबा नाइट | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    वो गुड़गांव के दफ्तर में होने वाली गरबा नाइट थी। फालगुनी पाठक उसमें चीफ गेस्ट थीं। हर तरफ डांडिया थामे सजे-धजे लोग और माहौल में म्यूज़िक गूंज रही थी लेकिन इस भीड़ में एक लड़का था इशान.. जिसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं क्योंकि उसे गरबा खेलते-खेलते करना था ब्रेकअप... सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • हॉरर कहानी | उस घर में कौन था? | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    मुझे ये क्यों लग रहा था कि मैं उस घर में अकेला नहीं हूं. कोई और भी है जो मेरे आसपास खड़ा मुझे देख रहा है. बिजली तेज़ से कौंधी और तभी मैंने वो देखा जो मैं अपनी मौत तक कभी नहीं भूल पाऊंगा. सुनिए स्टोरीबॉक्स में हॉरर कहानी 'उस घर में कौन था?'

  • कहानी | शायर साहब का कुत्ता | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद कमर सिद्दीक़ी

    एक शायर साहब ने कुत्ता पाला और न सिर्फ पाला बल्कि उस कुत्ते को शायरी के आदाब भी सिखा दिये. कुत्ता इतना शायरी का पारखी हो गया कि न सिर्फ पूंछ उठा के बता देता था कि शेर अच्छा है या ख़राब बल्कि नए शायरों की गज़ल की इस्लाह भी कर देता था. एक बार मेरा उन शायर साहब के घर में जाना हुआ और वो किस्सा भुलाए नहीं भूलता. सुनिए स्टोरीबॉक्स में पतरस साहब की कहानी 'शायर साहब का कुत्ता' जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ

  • कहानी | हॉस्पिटल की एक शाम | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी

    मेरे सामने बैठी उस ग़रीब महिला ने अपने कंधे पर से साड़ी का पल्लू हटाते हुए कहा, "डॉक्टर साहब, पति ने बहुत मारा है" उसके कंधे का ज़ख्म गहरा था और उस पर दांत के निशान थे। सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'अस्पताल की एक सुबह' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | भेड़िया 2 | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    दूसरी दुनिया से आई उस लड़की ने प्रोफ़ेसर से क्यों कहा कि वो उनके बारे में ऐसा राज़ जानती है जो दुनिया में औऱ कोई नहीं जानता. भेड़िये के बारे में प्रोफेसर ने जो कुछ नैना को बताया उसमें कितना सच था और कितना झूठ? क्या हुआ था मुर्तज़ा के साथ? और क्या था उसकी मौत का असली राज़? सुनिए स्टोरीबॉक्स में भेड़िया कहानी का दूसरा और आखिरी पार्ट - जमशेद क़मर सिद्दीकी से

  • कहानी | भेड़िया | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

    उस लड़की ने कहा कि वो तीन सौ साल बाद की दुनिया से आई है. वो एक टाइम ट्रैवलेर है और प्रोफ़ेसर तबस्सुम के बेटे मुर्तज़ा जिसके बारे में मशहूर था कि उसे भेड़िये उठा कर ले गए थे, वो उस हादसे की हक़ीकत जानती थी. क्या थी हक़ीकत और क्या वो वाकई भविष्य से आई थी? सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स की नई कहानी 'भेड़िया'

  • कहानी | ज़ेवर का डिब्बा | जमशेद क़मर सिद्दीक़ी

    ठाकुर साहब ने उसे कभी भी अपने सगे बेटे से कम नहीं माना था और इसीलिए जब सगे बेटे की शादी हुई तो शादी की सारी खरीद फ़रोख्त की ज़िम्मेदारी उसे ही दे दी. लाखों का लेन देन उसी के हाथों हो रहा था यहां तक कि शादी के ज़ेवर भी उसी ने ख़रीदे. कभी उसकी नीयत नहीं ख़राब हुई लेकिन एक रोज़ रात के वक्त उसके ज़मीर ने करवट बदली और उसने ज़ेवरों से भरे उसे डिब्बे को चुराने का फैसला कर लिया. सुनिए मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी 'ज़ेवर का डिब्बा' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

  • कहानी | एक शायर की मौत की अफ़वाह | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी

    Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on a rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talk about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.

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