रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक सम्मेलन है. इसे भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के सहयोग से आयोजित किया जाता है. इसकी स्थापना 2016 में की गई थी. इसे हर साल नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है.
इसका उद्देश्य वैश्विक नेताओं, नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों और विद्वानों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे वैश्विक चुनौतियों, सुरक्षा, आर्थिक विकास, तकनीकी नवाचार और कूटनीति जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकें. इसके अलावा, रायसीना डायलॉग में प्रमुख निजी क्षेत्र के अधिकारियों के साथ-साथ मीडिया और शिक्षाविदों को शामिल किया जाता है.
इसे सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर डिजाइन किया गया है.
"रायसीना डायलॉग" नाम रायसीना हिल से आया है, जो भारत सरकार की सीट है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में हिस्सा लिया. दिल्ली: 'सिंहासन और कांटे: राष्ट्रों की अखंडता की रक्षा' सत्र में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कश्मीर, यूएन पर खुलकर भारत का नजरिया दुनिया के सामने रखा. जयशंकर ने कहा कि हमें एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जरूरत है. देखें.
रायसीना डायलॉग 2025 के दूसरे दिन विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने वैश्विक व्यवस्था में निष्पक्षता की आवश्यकता पर बल दिया. जयशंकर ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत के एक हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा सबसे बड़ा है, जिस पर UN पूरी तरह से विफल रहा है.
दिल्ली में रायसीना डायलॉग में अपने संबोधन के दौरान, गबार्ड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि इंडो-पैसिफिक सहित विभिन्न चुनौतियों का सामना किया जा सके.
अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड ने मुलाकात के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिनमें भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग पर चर्चा भी शामिल थी.
तुलसी गबार्ड ने कहा कि उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के लिए उपलब्ध अवसरों के सर्वोत्तम हित देख रहे हैं. ठीक इसी तरह राष्ट्रपति ट्रंप भी अमेरिका, हमारे आर्थिक हितों और देश के लोगों के हितों को आगे रख रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. मोदी ने न्यूजीलैंड में भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताई और गैरकानूनी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग, आर्थिक साझेदारी और निवेश बढ़ाने पर सहमति जताई. VIDEO
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से शुरू हो रहे तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री और कई देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार लगभग 125 देशों के 3500 से अधिक प्रतिभागी इस संवाद में हिस्सा लेंगे. देखें नॉनस्टॉप अंदाज में खबरें.
रायसीना डायलॉग का शुरुआत 2016 में हुई थी. इसे शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर शुरू किया गया था. शांगरी-ला रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन है जबकि रायसीना में विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होती है.