पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) पंजाब और हरियाणा के भारतीय राज्यों और भारत में स्थित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए साझा उच्च न्यायालय है (Punjab and Haryana High Court Jurisdiction). यह चंडीगढ़ में स्थित है (Punjab and Haryana High Court Location). यह अदालत 1 नवंबर 1966 से अपने मौजूदा रूप में काम कर रही है (Punjab and Haryana High Court Formation).
न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में 85 न्यायाधीशों की क्षमता है, जिनमें से 64 स्थायी और 21 अतिरिक्त जज हो सकते हैं (Punjab and Haryana High Court Sanctioned Strength).
पिछले न्यायाधीशों में मदन मोहन पुंछी, पी. सदाशिवम, तीरथ सिंह ठाकुर, जगदीश सिंह खेहर और रंजन गोगोई शामिल हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया और भारत के मुख्य न्यायाधीश बने (CJI from Punjab and Haryana High Court).
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को पहले लाहौर उच्च न्यायालय के रूप में जाना जाता था, जिसे 21 मार्च 1919 को स्थापित किया गया था. उस अदालत के अधिकार क्षेत्र में अविभाजित पंजाब और दिल्ली शामिल थे. राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत 1 नवंबर 1966 को हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का गठन हुआ. इसके बाद, पंजाब के उच्च न्यायालय का नाम बदलकर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय कर दिया गया (Punjab and Haryana High Court History).
कोर्ट बिल्डिंग को पैलेस ऑफ जस्टिस के नाम से जाना जाता है. ले कॉर्बूसियर द्वारा डिजाइन की गई इस इमारत को जुलाई 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया था (Punjab and Haryana High Court Building).
हरियाणा में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक डॉक्टर पर इसलिए कार्रवाई की गई है क्योंकि वो अस्पताल में MLA के आने पर खड़ा नहीं हुए. यह मामला पंजाब और हरियाणा कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने इस पूरे में मामले में सुनवाई की और राज्य सरकार को फटकार लगाई.
अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत 2023 से हिरासत में हैं और उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. उन्होंने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में शामिल होने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
फरहान अख्तर की फिल्म '120 बहादुर' के नाम पर विवाद को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. अहीर रेजिमेंट मोर्चा ने फिल्म का नाम बदलने और ऐतिहासिक तथ्यों को सही दिखाने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा- 'नाम को लेकर इतनी संवेदनशीलता क्यों?' पढ़ें पूरी रिपोर्ट.
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की खराब हैंडराइटिंग को मरीजों की ज़िंदगी के लिए ख़तरा बताया है. कोर्ट ने इस मामले को अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार से जोड़ा है.
Poor Handwriting वाले डॉक्टरों को High Court की फटकार, मरीजों की जिंदगी के लिए बताया खतरा
जुलाई में गुरुग्राम में कई बंगाली भाषी लोगों को बांग्लादेशी प्रवासी समझकर हिरासत में लिया गया था, लेकिन दस्तावेज़ों की जांच में वे पश्चिम बंगाल और असम के भारतीय नागरिक निकले. इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. इस मामले में दाखिल याचिका में कहा गया है कि हरियाणा और पंजाब या तो कोई स्पष्ट सत्यापन प्रक्रिया नहीं अपनाते या फिर उसे खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं.
Supreme Court ने कहा कि इश्क करना कोई अपराध नहीं है और सहमति से बने किशोर प्रेम संबंधों को अपराध की नजर से नहीं देखना चाहिए. कोर्ट ने POCSO Act के दुरुपयोग पर चिंता जताई और मुस्लिम लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र वाले केस पर सुनवाई से इनकार कर दिया.
हरियाणा सरकार द्वारा विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल नियुक्त करने पर विवाद खड़ा हो गया है. विकास 2017 के स्टॉकिंग केस में आरोपी रह चुके हैं. पीड़िता वर्णिका कुंडू ने कहा कि फैसला लेने वाले अधिकारी ही जवाब दें. उन्होंने न्यायपालिका में विश्वास जताया, लेकिन 8 साल बाद न्याय न मिलने पर निराशा भी जाहिर की.
दरअसल यह मामला अगस्त 2008 में तब सुर्खियों में आया था जब जज निर्मलजीत कौर के आवास पर 15 लाख रुपये की नकदी से भरा एक पैकेट पहुंचाया गया था. आरोप लगाया गया था कि वास्तव में यह कैश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की उस समय की जज जस्टिस निर्मल यादव के आवास पर पहुंचाई जानी थी.
न्यायमूर्ति वर्मा नकदी मामले की जांच के बीच, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर के एक अन्य मामले में चंडीगढ़ की निचली अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है और 29 मार्च को फैसला सुनाने के लिए सुरक्षित रख लिया है.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक शख्स ने इसलिए याचिका दायर की कि उसे अपनी मां के भरण-पोषण के लिए भत्ता नहीं देना पड़े. कोर्ट ने कहा कि याचिका न केवल निराधार है, बल्कि यह न्याय व्यवस्था के दुरुपयोग का भी मामला है.
कोर्ट ने सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप से लिए गए सबूतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तस्वीरों में हेरफेर या मॉर्फ करना संभव है. लेकिन इन्हें इस तरह के अनुमान पर पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पति द्वारा सबूत के तौर पर पेश की गई तस्वीरों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी और दूसरे व्यक्ति के बीच संबंध हैं, खासकर तब जब पत्नी यह नहीं बता पाई कि वह किस हैसियत से दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही है.
अब सवाल ये है कि देश की जेलों में बड़े बड़े तोप और पहुंच वाले कैदी भी बंद हैं. तो फिर गुरमीत राम रहीम के ऊपर ही पैरोल और फरलो की ये कृपा क्यों? तो याद रखिये गुरमीत का बलात्कारी और कातिल चेहरा सामने आने से पहले एक चेहरा वो भी था जिसे बाबा नाम दिया गया था और उस बाबा के चरणों और दरबार में बड़े बड़े धुरंधर माथा टेकने और हाजरी लगाने आते थे.
पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि यह अन्य उम्मीदवार प्रतियोगियों के साथ धोखाधड़ी है. ये धोखाधड़ी अवश्य समाप्त होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश भी बरकरार रखा.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार ने याचिका दाखिल की थी. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा वह जल्द ही मुद्दों को हल करने के लिए औपचारिक रूप से समिति का गठन करेगी.
जस्टिस राजबीर सहरावत ने 17 जुलाई को दिए अपने आदेश में एक केस में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से शुरू की गई अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश से उनकी आलोचनात्मक टिप्पणियों को हटाने का निर्देश दिया है.
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सहरावत ने 17 जुलाई को दिये अपने अप्रत्याशित आदेश में सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी. इस केस में हाई कोर्ट की ओर शुरु की गई अवमानना कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
अदालत ने हरियाणा सरकार से पूछा कि राज्य सरकार हाईवे के यातायात को कैसे रोक सकती है? राज्य सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे. हम कह रहे हैं कि बॉर्डर को खुला रखें लेकिन उसको नियंत्रित भी करें. आखिर राज्य सरकार बॉर्डर को खोलने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहती है?
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हरियाणा पुलिस द्वारा लगाई गई सात लेयर की बैरिकेडिंग को एक सप्ताह के भीतर हटाने का आदेश दिया है. जजों ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से बैरिकेड हटाने के लिए एक-दूसरे के साथ समन्वय करने को भी कहा.
21 दिन की फरलो के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए डेरा प्रमुख ने हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2022 के तहत कानून के अनुसार आवेदन पर विचार करने और निर्णय लेने की मांग की है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि संबंधित अधिकारियों को छुट्टी के लिए आवेदन पहले ही दिया जा चुका है, लेकिन 29 फरवरी के स्टेआदेश के कारण उस याचिका पर विचार नहीं किया गया है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम और चार अन्य दोषियों को डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में बरी कर दिया है.