नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO)
नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organization), जिसे उत्तरी अटलांटिक गठबंधन भी कहा जाता है, 27 यूरोपीय देशों, 2 उत्तरी अमेरिकी देशों और 1 यूरेशियन देश के बीच एक सरकारी सैन्य गठबंधन है. इस संगठन पर 4 अप्रैल 1949 को हस्ताक्षर किए गए थे (signed on 4 April 1949). यह उत्तरी अटलांटिक संधि को लागू करता है (North Atlantic Treaty).
नाटो सामूहिक सुरक्षा की एक प्रणाली का गठन है, जिसके तहत इसके स्वतंत्र सदस्य देश किसी बाहरी पार्टी के हमले के जवाब में आपसी रक्षा के लिए सहमत होते हैं. नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम (Brussels, Belgium) में है, जबकि एलाइड कमांड ऑपरेशंस का मुख्यालय मॉन्स, बेल्जियम (Mons, Belgium) के पास है (Headquarter of NATO).
नाटो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देता है और सदस्यों को समस्याओं को हल करने, विश्वास बनाने और लंबे समय में संघर्ष को रोकने के लिए रक्षा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर परामर्श और सहयोग करने में सक्षम बनाता है. नाटो विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. यदि राजनयिक प्रयास विफल हो जाते हैं, तो उसके पास संकट-प्रबंधन अभियान चलाने की सैन्य शक्ति होती है. ये नाटो की संस्थापक संधि के सामूहिक रक्षा खंड के तहत वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 (Article 5 of the Washington Treaty) या संयुक्त राष्ट्र के जनादेश (under a United Nations) के तहत, अकेले या अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से किए जाते हैं (Work of NATO).
इसके अंर्तगत हर दिन, सदस्य देश सभी स्तरों पर और विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा मुद्दों पर परामर्श करते हैं और निर्णय लेते हैं.असल में नाटो का निर्णय, सभी 30 सदस्य देशों की सामूहिक इच्छा की अभिव्यक्ति है क्योंकि सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं (Decisions of NATO).
इसकी स्थापना के बाद से, अबव तक 12 देशों से बढ़ाकर 30 कर दिया है (NATO 30 Member Countries). नाटो में जोड़ा जाने वाला सबसे हालिया सदस्य राज्य 27 मार्च 2020 को उत्तर मैसेडोनिया था. नाटो ने हाल ही में, बोस्निया और हर्जेगोविना, जॉर्जिया और यूक्रेन को आकांक्षी सदस्यों के रूप में मान्यता दिया है. नाटो के शांति कार्यक्रम (NATO Partnership for Peace Programme) में भागीदारी के लिए अतिरिक्त 20 देश भाग लेते हैं, जिसमें 15 अन्य देश संस्थागत संवाद कार्यक्रमों (Dialogue Programmes) में शामिल होते हैं. 2020 में नाटो के सभी सदस्यों का संयुक्त सैन्य खर्च वैश्विक नाममात्र कुल का 57% से अधिक था. सदस्यों ने सहमति व्यक्त की कि उनका लक्ष्य 2024 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद के कम से कम 2% सैन्य पर खर्च करेगी (2% of GDP spending on Defence).
NATO की मिलिट्री कमेटी के हेड ग्यूसेप कैवो ड्रैगोन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि कई पूर्वी यूरोपियन डिप्लोमेट्स अब NATO से मांग कर रहे हैं कि वह रूस के हमलों पर सिर्फ चिंता जताने से आगे बढ़े और सख्त जवाब दे. ड्रैगोन ने स्पष्ट किया कि रूस पर पहले वार को आत्मरक्षा के रूप में माना जाएगा.
अमेरिका और कीव के बीच गुप्त वार्ता चल रही है जिसमें यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ सभी भ्रष्टाचार के मामलों को समाप्त करने के बदले ट्रम्प की शांति योजना का समर्थन करने पर चर्चा हो रही है. अमेरिका ने युद्द की गंभीरता को समझते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और हथियार सहायता कम करने जैसी रणनीतियाँ बनायी हैं.
अमेरिका और रूस के बीच तनाव के बीच, पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपना प्लान बताया. पुतिन ने ऐलान किया कि जब तक यूक्रेन युद्ध भूमि में सरेंडर नहीं करती, रूस के हमले जारी रहेंगे. यूक्रेन का सरेंडर ही युद्ध विराम की एकमात्र शर्त है. पुतिन ने ट्रंप की एटमी धमकी का जवाब देते हुए कहा कि रूस की सेना दुनिया की महाशक्ति को झुकाने की ताकत रखती है. पुतिन ने अमेरिका और नाटो को बताया है कि उनकी सेना महायुद्ध के लिए तैयार है.
रूस और यूक्रेन युद्ध महायुद्ध के मुहाने पर है. व्हाइट हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने यूक्रेन को रूस पर बड़े हमले की हरी झंडी दी है. यूक्रेन रूस के तेल रिफाइनरियों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की तैयारी में है. नाटो और अमेरिका ने रूस की घेराबंदी शुरू कर दी है, पोलैंड में लड़ाकू विमान तैनात किए गए है.
पोलैंड और रोमानिया पर हमले के बाद रूस और नाटो के बीच तनाव चरम पर है. नेटो ने युद्ध की रिहर्सल शुरू कर दी है और पोलैंड में सैनिकों की तैनाती की है. यूरोपीय यूनियन ने ऐलान किया है कि जब तक रूस पूरी तरह बर्बाद नहीं होगा, युद्ध नहीं रुकेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्धविराम की संभावना को नकारा है.
यूक्रेन और रूस के युद्ध में अमेरिका की सीधी एंट्री हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन को घातक हथियार सप्लाई करने का ऐलान किया है. इन हथियारों में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम और HIMARS शामिल हैं. रूस पहले ही चेतावनी दे चुका है कि यूक्रेन को घातक हथियार मिलने पर अंजाम बुरा होगा और अब 'महायुद्ध' की आशंका है.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन सेना की वर्दी में वॉर रूम में नजर आए. उनकी मौजूदगी में रूस और बेलारूस की सेनाओं ने एटमी हमले का युद्धाभ्यास किया. पुतिन ने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य रक्षा को मजबूत करना और संभावित खतरों से निपटने के लिए तत्परता दिखाना है. पोलैंड ने रूसी हमले के खतरे को देखते हुए नेटो मुल्कों से परमाणु हथियारों की तैनाती की मांग की है.
रूस और यूक्रेन युद्ध अब विश्व युद्ध में बदलने की कगार पर है, क्योंकि रूस और नैटो देश सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. पोलैंड और रोमानिया के एयरस्पेस में रूसी ड्रोन की घुसपैठ के बाद फ्रांस ने पोलैंड में राफेल विमान तैनात कर दिया हैं. इस बीच, रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने सीधा युद्ध की धमकी दी है.
यूक्रेन के राजदूत ने पुतिन के 'लंदन प्लान' को लेकर एक बड़ा दावा किया है. यूक्रेन ने यूरोप को आगाह किया है कि यदि रूस के राष्ट्रपति को जल्द नहीं रोका गया तो रूस की मिसाइलें लंदन को दहला सकती हैं. यह दावा यूनाइटेड नेशन्स में रूसी ड्रोन द्वारा नाटो देश पोलैंड और रोमानिया के एयरस्पेस में घुसपैठ के बाद किया गया.
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग अब NATO देशों तक हड़कंप मचा रही है. रूस की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी पर ड्रोन हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने सैनिकों को बधाई दी. दूसरी तरफ रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन का परीक्षण किया.
रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ गया है. शुक्रवार से रूस और बेलारूस 'जपात 2025' नाम से परमाणु सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का रिहर्सल करना है. पोलैंड ने बेलारूस से सटी सीमा को सील कर दिया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपात बैठक बुलाने की अपील की है.
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक डराने वाली खबर सामने आई है. नेटो देशों ने रूस से निर्णायक युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं. फ्रांस में महायुद्ध की रिहर्सल शुरू हो गई है. वहीं रूसी मीडिया और यूरोप के कुछ बड़े अखबार दावा कर रहे हैं कि पुतिन की सेना पोलैंड पर हमला कर सकती है.