जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) भारत का एक प्रमुख इस्लामी संगठन है, जिसकी स्थापना 1919 में की गई थी. यह संगठन मुख्य रूप से भारतीय उलेमाओं (इस्लामी विद्वानों) का एक समूह है, जो सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाता है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ब्रिटिश शासन के दौरान अस्तीत्व में आया. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना और इस्लामी समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना था. यह संगठन मुख्य रूप से देवबंदी विचारधारा से प्रभावित था और महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करता था.
स्वतंत्रता संग्राम में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विभाजन (1947) के दौरान इस संगठन ने मुस्लिम लीग के द्विराष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया और भारत में रहने वाले मुसलमानों को यहीं रहने के लिए प्रेरित किया. संगठन ने समय-समय पर सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई और शांति बनाए रखने में भी योगदान दिया.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. मुत्तकी से आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुलाकात की. इसके बाद अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं. वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के चुनावी वादे पर सवाल उठाया है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात के बाद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते केवल धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं, दोनों देशों ने विदेशी ताकतों से आज़ादी के लिए संघर्ष किया है. साथ ही कहा कि हमारी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि आपसी संबंध मजबूत करने पर जोर दिया गया.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर और नारे लगाने पर यूपी पुलिस की कार्रवाई को नाइंसाफी बताया. उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत मुसलमानों के ईमान का अहम हिस्सा है और इसके बिना सब अधूरा है. मदनी ने सरकार से भावनाओं का सम्मान करने और मुस्लिम युवाओं से धैर्य, समझदारी व कानूनी रास्ता अपनाने की अपील की.
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ एक्ट को असंवैधानिक नहीं माना और मामले में अगली सुनावाई 20 मई 2026 के लिए टाल दिया. सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि पूर्वधारणा हमेशा विधायिका से पारित कानून की संवैधानिकता के पक्ष में होती है. न्यायालय का हस्तक्षेप केवल दुर्लभतम मामलों में ही होता है.
कोलकाता में उर्दू को लेकर होने जा रहा एक कार्यक्रम जावेद अख्तर को भेजे गए निमंत्रण के कारण रद्द हो गया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जावेद अख्तर को बुलाए जाने का ऐसा विरोध किया कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने को मजबूर हो गई. 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ये विवाद ममता बनर्जी की सेक्युलर पॉलिटिक्स के लिए नई चुनौती है.
मालेगांव बम विस्फोट मामले में 17 साल के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया. हालांकि, जमीयत ने इस फैसले पर असंतोष जताया. देखें मुंबई मेट्रो.
इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि फिल्म उदयपुर फाइल्स कन्हैया लाल हत्याकांड को फिर से सुर्खियों में ला सकती है. हैरानी है कि देश में विचारों की स्वतंत्रता का रोना रोने वाला गैंग उदयपुर फाइल्स पर रोक लगने पर शांत है. पर फिल्म रिलीज हुई तो गुस्सा डबल इंजन की सरकार पर भी बढ़ेगा. आखिर केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर बीजेपी की सरकार है, फिर भी कन्हैया लाल तेली के हत्यारोपियों को सजा नहीं हो सकी है.
जमीअत के मुताबिक 'उदयपुर फाइल्स' जैसी नफरत फैलाने वाली फिल्म समाज में भाईचारे के खिलाफ हैं. जमीअत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस फिल्म के ट्रेलर में अशोभनीय टिप्पणियां की गई हैं. ये फिल्म देश की अमन-शांति और आवाम के बीच सांप्रदायिक सौहार्द को आग लगाने के लिए बनाई गई है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ़ प्रस्ताव पारित कर घटना की निंदा की है. संगठन ने सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम का समर्थन करेगी. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सरकार आतंकियों को ऐसा सबक सिखाए कि वे दोबारा भूल न पाएं. देखें...
प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि इस बर्बर हमले में शामिल आतंकियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाए और उन्हें कड़ी सज़ा दी जाए. जमीयत ने साफ़ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार जो भी आवश्यक कदम उठाएगी, संगठन उसका पूरी तरह समर्थन करेगा.
वक्फ संशोधन कानून को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में कानूनी मुद्दों को लेकर चर्चा की गई और संशोधित वक्फ कानून का मुस्लिम समाज पर असर को लेकर भी माथापच्ची की गई. बैठक में यह बात भी उठी कि नए कानून से दिक्कत क्या आएगी? कैसे केस लड़ा जाएगा और कानून की स्टडी पर जोर दिया गया.
वक्फ कानून पर घमासान जारी है. दिल्ली में इस वक्त जमीयत उलेमा-ए-हिंद की अहम बैठक चल रही है. इसके अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी बैठक में मौजूद हैं. वक्फ कानून को लेकर आगे की रणनीति और सरकार का संदेश पहुंचाने को लेकर चर्चा होगी. जमीयत की बैठक में सामाजिक और सामुदायिक सद्भाव बनाने के साथ-साथ सांकेतिक विरोध की रणनीति पर भी चर्चा होगी. देखें ब्रेकिंग न्यूज़.
दिल्ली में जमीयत उलेमा ए हिंद की बैठक हुई जिसमें वक्फ कानून के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखने का निर्णय लिया गया. बैठक में कहा गया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जे का मुद्दा राजनीतिक है. मुस्लिम समुदाय के नाम पर राजनीति की जा रही है. देखिए VIDEO
मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में जमीयत की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है. हजारों की संख्या में देश के अलग-अलग इलाकों से मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होने पहुंचे. जमीयत ने वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक हुई, जिसमें नए वक्फ कानून पर चर्चा की गई. इस बैठक में देशभर से हजारों मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में कानून के लागू होने पर मुस्लिम समाज पर पड़ने वाले प्रभाव और कानूनी मदद के विषय पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.
दिल्ली में वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर मुस्लिम संगठनों की बडी बैठक हो रही है. मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में जमीयत के वर्किंग कमेटी की हो रही बैठक. जमीयत ने वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आज की बैठक में कानून के लागू होने और मुस्लिम समाज पर पडने वाले असर को लेकर चर्चा हो रही है. देखें ये बुलेटिन.
दिल्ली में मुस्लिम संगठनों की बड़ी बैठक हुई जिसमें संशोधन कानून 2025 पर चर्चा की गई. जमीयत उलेमा ए हिंद की अगुवाई में हुई इस बैठक में देशभर से हजारों प्रतिनिधि शामिल हुए. जमीयत ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अगली रणनीति का ऐलान किया जाएगा.
दिल्ली में वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर मुस्लिम संगठनों की बडी बैठक हो रही है. मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में जमीयत के वर्किंग कमेटी की हो रही बैठक. बता दें जमीयत ने वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शतक आजतक में देखें बड़ी ख़बरें.
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध को लेकर ममता बनर्जी सरकार के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी का विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने कोलकाता को ठप करने की योजना बताते हुए कहा कि 50 ठिकानों पर 10-10 हजार लोग बैठाए जाएंगे. उनके इस बयान से राजनीतिक विवाद बढ़ गया है.
पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था और धार्मिक प्रतीकों को लेकर विवाद चल रहा है. पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने कोलकाता को ठप करने की योजना का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि 50 ठिकानों पर 10-10 हजार लोग बैठाएंगे. दूसरी ओर, बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि बंगाल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश हो रही है.
वक्फ कानून पारित होने के बाद से मुस्लिम समुदाय का विरोध जारी है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कानून के खिलाफ 1 करोड़ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है और इसे प्रधानमंत्री को भेजने की योजना है. संगठन कानूनी लड़ाई के लिए क्राउडफंडिंग भी कर रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 'वक्फ बचाओ मुहिम' की घोषणा की है.