हिंद महासागर
हिंद महासागर (Indian Ocean) दुनिया के पांच महासागरों में तीसरा सबसे बड़ा महासागर है (Third-Largest Ocean). यह पृथ्वी की सतह पर 7,05,60,000 वर्ग किलोमीटर या 19.8% पानी को कवर करता है (Indian Ocean Water Area). यह उत्तर में एशिया, पश्चिम में अफ्रीका और पूर्व में ऑस्ट्रेलिया से घिरा है. यह दक्षिण में दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिका से घिरा है. हिंद महासागर में कुछ बड़े सीमांत या क्षेत्रीय समुद्र हैं जैसे अरब सागर, लक्षद्वीप सागर, सोमाली सागर, बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर. हिंद महासागर पूर्वी गोलार्ध में है और पूर्वी गोलार्ध का केंद्र, 90वीं मध्याह्न रेखा, नब्बे पूर्वी रिज से होकर गुजरती है (Indian Ocean Geographical Location).
हिंद महासागर को इसके वर्तमान नाम से लगभग 1515 के बाद से जाना जाता है. इसे लैटिन में भारत के नाम पर ओशनस ओरिएंटलिस इंडिकस यानी इंडियन ईस्टर्न ओशन का नाम दिया गया था. इसे पहले पूर्वी महासागर के रूप में जाना जाता था. 15वीं शताब्दी के दौरान, चीनी खोजकर्ताओं ने इसे हिंद महासागर कहा. प्राचीन यूनानी भूगोल में, हिंद महासागर के क्षेत्र को एरिथ्रियन सागर कहा जाता था (Indian Ocean Etymology).
1953 में अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन ने दक्षिणी महासागर को हिंद महासागर में शामिल किया था, लेकिन 2000 में IHO ने दक्षिणी महासागर की सीमा को इससे अलग कर दिया. हिंद महासागर में लाल सागर और फारस की खाड़ी शामिल है (Indian Ocean Extent and Data). इसका आयतन 26,40,00,000 किमी3 यानी विश्व के महासागरों के आयतन का 19.8% है (Indian Ocean Volume). इसकी औसत गहराई 3,741 मीटर और अधिकतम गहराई 7,906 मीटर है (Indian Ocean Depth).
चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में 390+ लोगों की जान ली. 10 लाख लोगों को प्रभावित किया और 20 साल की सबसे भयानक बाढ़ लेकर आया. अब तमिलनाडु-चेन्नई में भारी बारिश से 3 मौतें हो चुकी हैं. सैकड़ों उड़ानें रद्द हुई है. जलवायु परिवर्तन से ऐसे चक्रवात, टाइफून और हरिकेन तेज व घातक हो रहे हैं.
श्रीलंका को ‘हिंद महासागर का मोती’ कहा जाता है, लेकिन इसकी असली वजह सिर्फ खूबसूरत बीच या चाय बागान नहीं हैं. इस छोटे से द्वीप के पीछे ऐसी कहानी और ऐसी खासियतें छिपी हैं, जिन्हें जानकर कोई भी यात्री हैरान रह जाए.
मेडागास्कर के अंतरिम राष्ट्रपति कर्नल माइकल रैंड्रियनिरिना ने राष्ट्रपति भवन में मिला 300 किलो का विशाल पन्ना पत्थर (एमरल्ड इन मैट्रिक्स) दिखाया. यह राष्ट्रीय खजाना है. इसे बेचकर पैसा सरकारी खजाने में जाएगा. पत्थर कब और क्यों लाया गया, इसका पता नहीं.
देश के वैज्ञानिक अगले दो दशकों के भीतर हिंद महासागर के भीतर दुनिया की सबसे गहरी प्रयोगशाला बना सकते हैं. यहां वे कई तरह के प्रयोग करते हुए ये भी देखेंगे कि क्या समुद्र के भीतर भी इंसानी बस्ती बसाई जा सकती है! लंबे समय ये साइंटिस्ट स्पेस में कॉलोनी बनाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन धरती पर मौजूद समुद्र से बचते रहे.
ISRO ने भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. अब नौसेना बेहतर संचार कर सकेगी. दुश्मन के इलाकों पर नजर रख सकेगी. यह भारत का अब तक सबसे भारी सैटेलाइट है. इसे इसरो ने अपने बाहुबली रॉकेट LVM3-M5 से लॉन्च किया है. देसी तकनीक से बना यह नौसेना के जहाजों, विमानों व पनडुब्बियों को जोड़ेगा.
हिंद महासागर की सीमाएं भारत, पाकिस्तान, ईरान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, अफ्रीका के कई देशों और ऑस्ट्रेलिया तक फैली हैं. इस महासागर का नाम भारत के नाम पर रखा गया है, लेकिन इतिहास में इसके नाम को लेकर कई बहसें होती रही हैं.
मैकगिल यूनिवर्सिटी की स्टडी है कि अगर उत्सर्जन न रुका, तो सदी के अंत तक 10 करोड़ इमारतें समंदर में डूबेंगी. 0.5 मीटर बढ़ोतरी से 30 लाख प्रभावित होंगी. भारत में मुंबई का 21.8%, चेन्नई का 18% हिस्सा पानी में चला जाएगा. लाखों लोग और अर्थव्यवस्था खतरे में आने वाले हैं.
62 लाख साल पहले लाल सागर पूरी तरह सूख गया, नमक संकट से समुद्री जीवन खत्म हो गया. 6.4 लाख साल बाद हिंद महासागर की भयंकर बाढ़ ने इसे भर दिया. पानी के नीचे 320 किमी लंबी घाटी काटी. ये धरती की सबसे चरम पर्यावरण घटना थी. समुद्री जीवन लौटा और हिंद महासागर से कनेक्शन स्थापित हुआ.
एक्सपेडिशन 501 ने समुद्र के नीचे ताजा पानी की खोज कर एक नया रास्ता दिखाया है. यह भंडार न्यूयॉर्क जैसे शहर की 800 साल की जरूरत पूरी कर सकता है. लेकिन इसे निकालने, पर्यावरण को बचाने और कानूनी सवालों को सुलझाने में समय लगेगा. यह खोज दुनिया की पानी की समस्या के लिए एक बड़ी उम्मीद है.
INS अरिदमन का कमीशन होना भारत की सैन्य ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. यह न सिर्फ दुश्मनों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे ले जाएगा. 2025 के अंत तक इस पनडुब्बी के नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर में भारत का दबदबा और मजबूत होगा.
हिंद महासागर में चीन के जहाज और पनडुब्बियों की भरमार है. इन पर निगरानी बढ़ाने के लिए भारत अपनी सामरिक क्षमता का विस्तार कर रहा है और इसी क्रम में नौसैना में 6 नए P-8I विमानों को शामिल किया जा रहा है. अमेरिका से इन विमानों के साथ-साथ निगरानी के लिए खास तरह के ड्रोन भी खरीदे जा रहे हैं.
एक नर हंपबैक व्हेल ने तीन समंदर पार किया. 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा की. समुद्री यात्रा का रिकॉर्ड तोड़ा. ताकि अपने लिए सही मादा की तलाश कर सके. उसके साथ प्रजनन कर सके. ये यात्रा प्रशांत महासागर से हिंद महासागर की थी.
Climate Change Predictions: 2100 AD... आप सोच रहे होंगे कि आपकी अगली पीढ़ी इस समय आपकी संपत्ति पर जिंदगी के मजे ले रही होगी. पर ऐसा होगा नहीं. प्रकृति उन्हें ये काम करने नहीं देगी. बढ़ती गर्मी की वजह से हिमालय से सुनामी आएगी. दूसरी तरफ समंदर से आएगा जलप्रलय. क्या होगा अगले 76 साल में...
Indian Ocean लगातार गर्म हो रहा है. यह स्थाई समुद्री हीटवेव का शिकार बन रहा है. जिससे मालदीव समेत 40 देशों को खतरा है. इन देशों में मौसम बदलेंगे. तूफान आएंगे. बारिश ज्यादा और भयानक होगी. समुद्री ईकोसिस्टम खराब होगा. इसका असर पूरे एशिया पर पड़ेगा.
ये बेहद खूबसूरत समुद्री जीव ब्लू ड्रैगन है. यह समंदर की लहरों की मार तो नहीं झेल पाता लेकिन अपने शिकार का जहर तक चुरा लेता है. आइए जानते हैं इस शानदार और छोटे से समुद्री जीव के बारे में.
ISRO का सबसे ताकतवर हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग सैटेलाइट मर चुका है. 14 फरवरी 2024 को वह पृथ्वी के वायुमंडल में आया. इसके बाद उसे नियंत्रित तरीके से हिंद महासागर में गिराया गया. इसी सैटेलाइट के वंशज ने पाकिस्तान में हुए सर्जिकल स्ट्राइक में मदद की थी. आइए जानते हैं इस सैटेलाइट के बारे में...
China का एक और जासूसी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region - IOR) में देखा गया है. आपको यहां एक नक्शा दिखा रहे हैं, जिसमें चीन के जासूसी जहाजों की पूरी सीरीज दिखाई देगी. ये जहाज श्रीलंका, मालदीव, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग साल में दिखाई दिए हैं.
ब्लू-इकोनॉमी का मतलब समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था या समुद्री संसाधनों के उचित उपयोग से है. उदाहरण के लिए, समुद्र और महासागरों में शिपिंग (जहाजों के जरिए समुद्री व्यापार), फिशिंग (मत्स्य या मछली उद्योग), तेल, गैस, खनिज और खनन, बंदरगाह गतिविधियां और पर्यटन जैसे उद्योगों की संभावनाएं हैं.
श्रीलंका ने अपने बंदरगाहों पर चीनी जहाजों के रुकने पर एक साल की रोक लगा दी है. इससे चीन को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उसका एक रिसर्च जहाज श्रीलंकाई बंदरगाह पर महीनों रुककर गहरे पानी में अपना संचालन करने वाला था. इस खबर के सामने आने के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर अपनी भड़ास निकाली है.
भारतीय नौसेना न विद्रोहियों को बर्दाश्त करेगी. न ही चीन की हरकतों को. भारतीय नौसेना अदन की खाड़ी से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) हर तरफ मौजूद है. समंदर में किसी भी तरह के संग्राम में पूरी ताकत और मजबूती से भारतीय नौसेना अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगी. PAK को पस्त करेगी. चीन को दूर रखेगी.
हमास-इजरायल के बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर भारतीय नौसेना पश्चिम एशिया के घटनाक्रम के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रख रही है. नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी.