माड़वी हिडमा (Hidma) नक्सल कमांडर था. 18 नवंबर 2025 को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिडमा मारा गया. इस मुठभेड़ में उसकी पत्नी राजे उर्फ राजक्का सहित चार अन्य माओवादी भी मारे गए.
अप्रैल 2025 में शुरू हुए ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के दौरान हिडमा काफी चर्चा में आया था. माना गया कि कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कार्रवाई के दौरान 1000 से अधिक माओवादी लड़ाकों की घेराबंदी के केंद्र में वही था.
वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Maoist) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य था. हिडमा कथित तौर पर छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों पर विभिन्न हमलों और दरभा घाटी में 2013 के नक्सली हमले के लिए जिम्मेदार था. उसे पकड़ने के लिए इनाम रखा गया था.
हिडमा की तलाश काफी समय से जारी थी. लगभग 125 से ज्यादा गांवों की मैपिंग की गई थी.
हिडमा का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण सुकमा के पुरवती गांव में हुआ था. उसे हिडमालू उर्फ संतोष के नाम से भी जाना जाता था और वह बस्तर में माओवादियों का एक बड़ा चेहरा था. कक्षा 10 तक की शिक्षा पूरी करने के बाद, वह पार्टी में शामिल हो गया और सैन्य अभियान और गुरिल्ला युद्ध का एक मास्टर रणनीतिकार बन गया था.
हिडमा की मौत और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों के बाद, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (MMC) ज़ोन के नक्सली कमांडरों ने आत्मसमर्पण और युद्धविराम की इच्छा जताई है. प्रवक्ता द्वारा जारी पत्र में PLGA गतिविधियों पर रोक और सरकार से बातचीत की अपील शामिल है.
दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदूषण संकट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में अचानक नक्सल कमांडर हिडमा के पोस्टर दिखने से विवाद बढ़ गया. पुलिस ने दो थानों में FIR दर्ज कर 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो थानों में एफआईआर दर्ज की गई हैं.
दिल्ली के इंडिया गेट पर 23 नवंबर की शाम वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे एक प्रदर्शन ने उस समय बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के पोस्टर और नारे लगा दिए.
दिल्ली के इंडिया गेट पर पॉल्यूशन विरोध प्रदर्शन उस वक्त विवादों में घिर गया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगा दिए. पुलिस से भिड़ंत, मिर्ची स्प्रे और बैरिकेड तोड़ने के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया. दिल्ली पुलिस ने सरकारी काम में बाधा सहित कई धाराओं में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
हिडमा और मटुरे जैसे दुर्दांत नक्सल कमांडरों के सफाए के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल मोर्चे पर सबसे बड़ा दबदबा कायम किया है. लेकिन दंडकारण्य के जंगलों में अब भी ऐसे खूंखार चेहरे बचे हैं, जो बस्तर से झारखंड तक हिंसा की जड़ बने हुए हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने की डेडलाइन तय की है.
कुख्यात नक्सली सरगना माडवी हिडमा को आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली जंगल में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया. 1 करोड़ इनामी और झीरम घाटी हमले का मास्टरमाइंड हिडमा कैसे बना सबसे बड़ा नक्सली चेहरा? जानें पूरी कहानी.
हिडमा की मौत के बाद सवाल—नक्सलियों तक AK-47 जैसे हथियार कैसे पहुँचते हैं? लूट, तस्करी, देशी फैक्ट्री और सरेंडर से जुड़ी पूरी जानकारी.
Top Maoist Commander Madvi Hidma killed: छत्तीसगढ़ के सुकमा में चल रही मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली हिडमा और उसकी पत्नी राजे के मारे जाने की खबर है. हिडमा पर 50 लाख रुपए का इनाम था. अब तक 6 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
नक्सलियों के खिलाफ आने वाले दिनों में और भी बड़े ऑपरेशन होंगे. नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश में सुरक्षा बल जुटे हुए हैं. हिडमा की तलाश के लिए 125 से ज्यादा गांवों की टेक्निकल मैपिंग की जा रही है. सिक्योरिटी फोर्स छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित करीब 125 गांव का थर्मल इमेजिंग करवा रही है.
नक्सली कमांडर हिडमा के क्रिमिनल बायोडाटा में कई ऐसे कांड है जिसे सुनकर ही सिहरन पैदा हो जाती है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों छिप-छिपकर रहने वाला माडवी हिडमा ने सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने हिडमा के ऊपर 45 लाख का इनाम रखा है. अगर आपको 25 मई 2013 की खूनी नक्सली वारदात याद है तो आपको झीरम घाटी की घटना भी याद होगी.