गुना
गुना (Guna) भारतीय राज्य मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का एक जिला और एक नगर पालिका है. यह जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है (Guna Administrative Headquarter) जो पार्बती नदी के किनारे पर स्थित है. इसका क्षेत्रफल 6,390 वर्ग किलोमीटर है (Guna Area).
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक गुना की जनसंख्या (Population) 12.42 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 194 लोग रहते हैं (Guna Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 912 है. इसकी 63.23 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 74.05 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 51.36 फीसदी है (Guna literacy).
स्वतंत्रता से पहले गुना तत्कालीन ग्वालियर राज्य (Gwalior) का हिस्सा था. इसका पुराना नाम इस्सागढ़ था. 1909 में कुछ जिलों का पुनर्गठन किया गया जिसके परिणामस्वरूप इस्सागढ़ जिले के मुख्यालय को इस्सागढ़ से बजरंगगढ़ में स्थानांतरित कर दिया गया, हालांकि, गुना को 5 नवंबर 1922 को जिले का मुख्यालय बनाया गया था, क्योंकि यह बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के मामले में बजरंगगढ़ से अधिक उपयुक्त था. गुना से गुजरने वाली आगरा-मुंबई सड़क पहले से ही थी और मिडलैंड रेलवे ने 1897 में गुना से गुजरने वाली रेलवे लाइन का निर्माण किया था (Guna History).
यहां का गोपी कृष्ण सागर डैम प्रमुख स्थलों में से एक है (Guna Tourism).
MP News: खाद वितरण केंद्र पर यूरिया लेने पहुंची आदिवासी महिला भूरिया बाई ने दम तोड़ दिया तो दूसरी ओर उसके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा.
गुना जिले के बागेरी खाद वितरण केंद्र पर दो दिनों से लाइन में लगी आदिवासी महिला भूरियाबाई की ठंड और तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. एंबुलेंस नहीं मिलने पर उसे किसान ने निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया, जहां हालत गंभीर होने पर रेफर किया गया. प्रशासन ने मौत का कारण शुगर बताया, जबकि घटना से किसानों में आक्रोश है.
MP Guna Road Accident: रात में घना कोहरा होने के कारण कार चालक को सामने से आ रहा तेज रफ्तार ट्रक दिखाई नहीं दिया, जिससे यह टक्कर हुई. कार को वेटनरी डॉक्टर नमो नारायण चला रहे थे.
MP News: गुना जिले में कड़ाके की सर्दी के बावजूद यूरिया लेने के लिए किसान लंबी कतारों में रात गुजारने को मजबूर हैं, जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ गई है.
भांजा आरजेडी (RJD) का समर्थक था, जबकि दोनों मामा जेडीयू (JDU) के समर्थक थे. तीनों के बीच शराब के नशे में राजनीतिक चर्चा शुरू हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई. इसी बीच RJD समर्थक की हत्या कर दी गई.
मध्य प्रदेश से दो महीने पहले लापता हुई लड़की को राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के पास से सुरक्षित बरामद कर लिया गया. ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और मुखबिरों की मदद से 1000 किलोमीटर दूर तक पीछा कर यह रेस्क्यू किया है. लड़की को कानूनी प्रक्रिया के बाद परिवार को सौंप दिया गया.
मध्य प्रदेश के गुना में ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह की मौत का 10 साल पुराना मामला फिर खुला है. जांच में सामने आया कि बर्खास्त दारोगा रामवीर सिंह ने अवैध वसूली के लिए ड्राइवर को थाने में टॉर्चर कर मार डाला था. जिस महिला की मौत बताकर केस बंद किया गया था, वो जिंदा निकली. आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
मध्य प्रदेश के गुना में कैनरा बैंक पर गरीब एक परिवार ने पीएम आवास योजना की सब्सिडी हड़पने का आरोप लगाया है. कर्ज न चुकाने पर बैंक ने परिवार के मकान पर कब्जा कर लिया, जिससे वे बेघर हो गए. भोगीराम सेन ने परिवार संग बैंक के गेट पर धरना दिया. बैंक ने कार्रवाई को सरफेसी एक्ट के तहत बताया और जांच की बात कही.
मध्य प्रदेश के गुना से बैंक की मनमानी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां कैनरा बैंक ने कर्ज न चुकाने पर एक गरीब परिवार के मकान पर कब्जा कर लिया. आरोप है कि बैंक ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिली 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी भी हड़प ली. मकान छिनने से बेघर हुए भोगीराम सेन परिवार समेत बैंक के गेट पर धरने पर बैठ गए.
MP के गुना जिले में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण एक मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ी. मरीज को म्याना स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन नेशनल हाइवे पर बीच रास्ते में ही सरकारी एंबुलेंस का टायर पंचर हो गया.
मध्यप्रदेश के गुना में एक मरीज सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ गया. दरअसल, ब्लड प्रेशर और सीने में दर्द होने के बाद 65 साल के जगदीश ओझा को म्याना स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन जिस सरकारी एंबुलैंस में जगदीश को अस्पताल भेजा गया था वो बीच रास्ते में ही नेशनल हाईवे 46 पर पंचर हो गई . हद तो उस वक्त हो गई जब एंबुलैंस में स्टेप्नी ही नहीं थी. वाहन लगभग 1 घंटे तक सड़क के किनारे खड़ा रहा. इस बीच मरीज की हालत खराब हो गई और उन्होंने दम तोड़ दिया.
गुना में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से 65 वर्षीय जगदीश ओझा की मौत हो गई. उन्हें अस्पताल ले जा रही सरकारी एंबुलेंस बीच रास्ते में पंचर हो गई और स्टेपनी न होने से एक घंटे तक खड़ी रही. इलाज में देरी से मरीज की मौत हो गई. मामले पर विधायक ऋषि अग्रवाल ने जांच और कार्रवाई की मांग की है.
गुना में किसान रामस्वरूप नागर हत्याकांड का मुख्य आरोपी महेंद्र नागर 55 घंटे बाद गिरफ्तार हुआ. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने उसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया और बिजली चोरी की लाइनें तोड़ीं. अब तक चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं. भाजपा ने आरोपी को पार्टी से निष्कासित किया, जबकि बाकी की तलाश जारी है.
गुना किसान हत्याकांड में पुलिस ने दो और आरोपियों जितेंद्र नागर व हरीश नागर को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी महेंद्र नागर अब भी फरार है. भाजपा ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और परिजनों से मुलाकात की. धाकड़ समाज ने भी नागर को पद से बेदखल कर दिया.
मध्य प्रदेश के गुना जिले में किसान की हत्या के आरोप में भाजपा ने नेता महेंद्र नागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया. नागर फिलहाल फरार बताया जा रहा है. आजतक और इंडिया टुडे ने इस मामले की सुबह से लगातार कवरेज की, जिसके बाद पार्टी ने तुरंत कार्रवाई की. मामला प्रदेश में सियासी हलचल का केंद्र बना हुआ है.
Guna Farmer Murder: थार गाड़ी से कुचलकर किसान की हत्या करने के मामले का मुख्य आरोपी BJP नेता महेंद्र नागर फिलहाल फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है. इस बीच आरोपी के एक के बाद एक अवैध कारनामों का खुलासा हो रहा है.
मध्य प्रदेश के गुना जिले में बीजेपी नेता की दबंगई का मामला सामने आया है. यहां जमीन कब्जाने गए बीजेपी नेता का जब किसान ने विरोध किया तो उसकी पिटाई कर दी. फिर थार चढ़ा दी. जिससे किसान की मौत हो गई. वहीं आरोपी बीजेपी नेता ने किसान की बेटियों के कपड़े भी फाड़ दिए.
मध्य प्रदेश के गुना में बीजेपी नेता ने रविवार को एक किसान पर थार चढ़ा कर निर्ममता से हत्या कर दी. मामला फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव का है. जानकारी के अनुसार रामस्वरूप जब अपनी पत्नी के साथ खेत पर जा रहे थे, तभी बीजेपी नेता ने उन्हें घेर लिया और हमला कर दिया.
MP कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते हुए उनकी तुलना 'मगरमच्छ' से कर दी.
26 जुलाई को ही मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने चाचौड़ा पहुंचकर पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना का शिलान्यास किया था. CM ने इस योजना को किसानों के लिए लाभदायक बताया था, लेकिन परियोजना शुरू होने से पहले इलाके के किसान सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
गुना के गढ़ा गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण स्थानीय पत्रकार सुदामा प्रसाद शर्मा के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को पहाड़ चढ़कर नाले पार करना पड़ा. खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार किया गया. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. 20 वर्षों से गांव में मुक्तिधाम न होने से ग्रामीणों को बार-बार कठिनाई झेलनी पड़ती है.