मध्य प्रदेश के गुना से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. गढ़ा गांव में मुक्तिधाम की कमी के कारण ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में स्थानीय पत्रकार सुदामा प्रसाद शर्मा के निधन के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए पहाड़ चढ़कर और नाले पार करके ले जाना पड़ा. अंत्येष्टि खुले आसमान के नीचे की गई.
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से गांव में मुक्तिधाम और टीनशैड की कमी के कारण ऐसी कठिनाइयां आती रहती हैं. बारिश में हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरपंच और अधिकारियों की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता.
सालों से गांव में मुक्तिधाम की मांग
ग्राम पंचायत के आंकड़ों के अनुसार मुक्तिधाम के सुधार के लिए 8 अगस्त 2024 को 40 हजार रुपये स्वीकृत किए गए थे. ग्राम सभा ने शांतिधाम की मरम्मत का निर्णय लिया था, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. मरम्मत न होने के कारण ग्रामीणों को पहाड़ चढ़कर अंतिम संस्कार करना पड़ता है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि शव को लेकर ग्रामीणों को कितनी कठिनाई झेलनी पड़ी. जनपद पंचायत के अधिकारियों से सवाल करने पर उन्होंने चुप्पी साध ली, हालांकि जांच करवाने की बात कही गई है.
अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों की मांग है कि गांव में जल्द ही स्थायी मुक्तिधाम बनाया जाए ताकि भविष्य में कोई भी अंतिम संस्कार इस तरह की कठिनाइयों के बीच न करना पड़े.