फतेहपुर जिला मुख्यालय के अबू नगर, रेडिया इलाके में स्थित एक मकबरा इन दिनों में विवाद का केंद्र बन गया है. हिंदू संगठनों, विशेषकर "मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति" और भाजपा के स्थानीय नेताओं ने दावा किया कि यह असल में शिव और ठाकुरजी का प्राचीन मंदिर है, और इसमें शिवलिंग और त्रिशूल जैसे प्रतीक मौजूद हैं. कुछ वीडियो में समूह द्वारा मकबरे को तोड़ा गया और स्थल पर भगवा झंडा फहराने की कोशिश की गई (Fatehpur Tomb Dispute).
कोतवाली पुलिस ने लगभग 160 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है जिनमें से 10 की पहचान हो चुकी है, और 150 अन्य अज्ञात हैं. आरोपों में राजनैतिक हिंसा, तोड़फोड़, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराध शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भाजपा पर इस विवाद को राजनीतिक रूप देने का आरोप लगाया, जबकि यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा धर्म-उन्माद फैला रही है.
धर्मगुरु इमरान मसूद ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि यदि वहां मौजूद लोग मुस्लिम होते तो उनकी गोली मार दी जाती, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई.
प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस और पीएसी बल तैनात किए और इलाके में तनावपूर्ण माहौल के बीच शांति स्थापित करने में जुटा हुआ है.
फतेहपुर के मकबरा-मंदिर विवादित स्थल पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा करने गईं 20 से अधिक महिलाओं को पुलिस ने रोक दिया. कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण पुलिस की तैनाती थी. रोके जाने पर महिलाओं ने पुलिसकर्मियों के साथ झड़प और गाली-गलौज की, जिसका वीडियो वायरल हुआ है. पुलिस ने पप्पू सिंह चौहान की पत्नी समेत 21 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है.
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरे को ठाकुर जी का मंदिर मानकर पूजा करने के बाद हुए बवाल पर शासन को एक रिपोर्ट भेजी गई है. यह विस्तृत रिपोर्ट प्रयागराज कमिश्नर और आईजी रेंज प्रयागराज ने शासन को भेजी है.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 11 अगस्त को हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस की मौजूदगी में मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की थी. इस मामले में 10 नामजद समेत 150 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति देखकर आरोपियों पर कार्रवाई और उनके नाम छिपाने का आरोप लगा है. फतेहपुर में मकबरा बनाम मंदिर विवाद में हुई हिंसा के चार दिन बाद भी मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. इस पर अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि सदन में आरोपियों के नाम लेने से रोका गया.
फतेहपुर के एक मकबरे में हुए हंगामे और तोड़फोड़ की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. वीडियो में लोग लाठी-डंडा लेकर मकबरे में घुसते और कानून को कुचलते दिखे. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन कई स्पष्ट चेहरों पर कार्रवाई नहीं हुई.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास मॉडल पर विशेष सत्र बुलाया, जिसमें हर वर्ग को भागीदार बनाने की चर्चा हुई. इसी दौरान फतेहपुर में 300-400 साल पुराने मकबरे की सुरक्षा के लिए छह-सात जिलों की पुलिस तैनात करनी पड़ी, जहां 11 अगस्त को बीजेपी और बजरंग दल के नेताओं समेत कई नामजद आरोपियों द्वारा तोड़फोड़ की गई.
बहस में यूपी के संभल में हुई फायरिंग की घटना पर चर्चा की गई, जहां फॉरेंसिक सबूतों से पता चला कि दंगाइयों ने गोली चलाई थी, पुलिस ने नहीं. यह भी बताया गया कि दंगाइयों ने निर्दोष मुसलमानों की हत्या कर पुलिस पर दोष मढ़ा. फतेहपुर में मकबरा विवाद का भी जिक्र हुआ.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुई हिंसा पर चर्चा की गई. इस चर्चा में विकास के मॉडल पर सियासत या मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों पर सियासत होने का सवाल उठाया गया. यह भी पूछा गया कि क्या मस्जिद, मकबरों और मजारों में मंदिर तलाशने की सियासत विकास के विजन में बाधक है.
ये बहस उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास मॉडल और मस्जिद-मंदिर मॉडल की सियासत पर केंद्रित है. एक तरफ मुख्यमंत्री योगी ने विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए हर वर्ग की भागीदारी से नया विजन पेश किया जा रहा है. दूसरी तरफ, फतेहपुर में मकबरे की सुरक्षा में पुलिस तैनात करनी पड़ी.
उत्तर प्रदेश में शहर-शहर मंदिर खोजने की लहर चल रही है. फिरोजाबाद के सिकंदरपुर में मजार हटाने के लिए चालीसा हो रही है. शिकोहाबाद के मलखानपुर में कथित मजार के अंदर मूर्ति रख दी गई और फतेहपुर में तो ऐसा उपद्रव हुआ है कि यूपी पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थे. फतेहपुर के सैकड़ों साल पुराने मकबरा-ए-संगी तक पहुंच रोकने के लिए पुलिस ने जबरदस्त सुरक्षा कर रखी है.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 के लिए विकास मॉडल पर विशेष सत्र बुलाया, जिसमें हर वर्ग को भागीदार बनाने की चर्चा हुई. इसी दौरान फतेहपुर में 300-400 साल पुराने मकबरे की सुरक्षा के लिए छह-सात जिलों की पुलिस तैनात करनी पड़ी, जहां 11 अगस्त को बीजेपी और बजरंग दल के नेताओं समेत कई नामजद आरोपियों द्वारा तोड़फोड़ की गई. पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे, क्योंकि घटना के दौरान पुलिस मौजूद थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हिंदूवादी संगठनों ने जन्माष्टमी पर ठाकुर जी मंदिर जाने का दावा किया और मकबरे के अंदर हिंदू धार्मिक चिन्ह होने की बात कही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दल के कार्यकर्ता शामिल थे और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा विवाद मामले में पुलिस ने नामजद 10 आरोपियों को पकड़ने के लिए पांच टीमें बनाई हैं, लेकिन अभी तक एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाया है. खबर है कि आरोपियों के मोबाइल फोन बंद हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस करने में मुश्किल हो रही है. यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा, जहां सत्र के दौरान लगातार हंगामा हुआ.
सुरेश रैना से ईडी दफ्तर में पूछताछ की गई. ईडी का आरोप है कि अवैध तरीके से कमाए गए पैसे का एक हिस्सा उन्हें भी मिला था. वहीं, हरियाणा के नूंह में पार्किंग विवाद हिंसक झड़प में बदल गया, जहां पथराव हुआ. इसके अलावा, यूपी के फतेहपुर मामले में कार्रवाई ना होने पर सपा ने योगी सरकार को घेरा.
फतेहपुर में उपद्रव के बाद बाजार के बाहर पुलिस बल तैनात है. सवाल है कि घटना के दौरान पुलिस ने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की. हिंदू संगठनों ने मजार पर तोड़फोड़ की, बैरिकेड तोड़कर अंदर घुसे और भगवा झंडा फहराया. वायरल वीडियो में तोड़फोड़ रोकने का प्रयास नहीं दिखा.
यूपी के फतेहपुर में कल एक मकबरे पर तोड़फोड़ के बाद तनाव फैल गया. हिंदू संगठनों द्वारा मकबरे को मंदिर बताकर पूजा अर्चना की कोशिश की गई थी, जिसके बाद फसाद हुआ. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर योगी सरकार पर सवाल उठाए. अखिलेश ने पूछा कि मजाक में करने वालों पर एक्शन कब होगा?
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक मकबरे को लेकर विवाद गरमा गया है. जहां हिंदू संगठन मकबरे को हजारों साल पुराना शिवाजी या श्री कृष्ण जी का मंदिर बता मकबरे में पूजा-पाठ करने की जिद्द पर अड़े हैं. स्थिति को देखते हुए पुलिस ने मकबरे की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग कर दी और अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बात कर उन्हें विश्वास दिलाया कि कानून व्यवस्था बनी रहेगी.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक इमारत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. हिंदूवादी संगठनों और भाजपा के लोगों का दावा है कि यह भगवान शिव का मंदिर है, जिसे बदलकर मकबरा बना दिया गया है. उनका कहना है कि वहां से शिवलिंग गायब कर दिया गया है और उसकी जगह मजार रख दी गई है. देखें हिंदू पक्ष क्या बोला.
फतेहपुर में एक मकबरे में कुछ लोगों के घुसने और पूजा अर्चना करने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई जबकि इस घटना से पहले प्रशासन ने संबंधित पक्षों से बातचीत की थी. एफआईआर में 10 लोगों को नामजद किया गया है, जबकि लगभग 150 लोग अज्ञात हैं. पुलिस का कहना है कि बातचीत के दौरान कानूनी विकल्प दिए गए थे, लेकिन लोगों ने उन्हें नहीं माना.