उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 के लिए विकास मॉडल पर विशेष सत्र बुलाया, जिसमें हर वर्ग को भागीदार बनाने की चर्चा हुई. इसी दौरान फतेहपुर में 300-400 साल पुराने मकबरे की सुरक्षा के लिए छह-सात जिलों की पुलिस तैनात करनी पड़ी, जहां 11 अगस्त को बीजेपी और बजरंग दल के नेताओं समेत कई नामजद आरोपियों द्वारा तोड़फोड़ की गई. पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे, क्योंकि घटना के दौरान पुलिस मौजूद थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हिंदूवादी संगठनों ने जन्माष्टमी पर ठाकुर जी मंदिर जाने का दावा किया और मकबरे के अंदर हिंदू धार्मिक चिन्ह होने की बात कही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दल के कार्यकर्ता शामिल थे और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही.