चेनाब नदी (Chenab River) भारत और पाकिस्तान की एक प्रमुख नदी है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला से निकलती है. और पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिल जाती है. इसे संस्कृत में "चंद्रभागा" भी कहा जाता है क्योंकि यह चंद्र और भागा नामक दो नदियों के संगम से बनती है. चेनाब नदी का धार्मिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्व है.
चेनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित बारालाचा दर्रे के पास से निकलती है. नदी की कुल लंबाई लगभग 960 किलोमीटर है. चंद्र और भागा नदियां हिमाचल प्रदेश के तांदी नामक स्थान पर मिलकर चेनाब बनाती हैं. यह नदी जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों से होकर गुजरती है. चेनाब नदी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से गुजरते हुए सिंधु नदी में मिलती है.
यह नदी सिंधु जल संधि (1960) के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच बांटी गई नदियों में से एक है. इस संधि के अनुसार, चेनाब नदी का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान के उपयोग के लिए है.
भारत में चेनाब नदी पर बगलीहार बांध (जम्मू-कश्मीर) जैसे कई पनबिजली और सिंचाई परियोजनाएं बनाई गई हैं. चेनाब नदी का प्राचीन इतिहास और साहित्य में उल्लेख मिलता है. यह नदी कई कहानियों और लोक कथाओं का हिस्सा रही है, विशेष रूप से हीर-रांझा की प्रेम कहानी में इसका जिक्र आता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज और पहले केबल-स्टे अंजी ब्रिज का उद्घाटन कर कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत पीठ का जवाब पत्थर से देना जानता है', वहीं विपक्ष ने पहलगाम आतंकियों के न पकड़े जाने और संसद का विशेष सत्र न बुलाने पर प्रश्न उठाए.
चिनाब रेल ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, हिमालय में बना है. 1315 मीटर लंबा यह पुल 25,000 टन स्टील से तैयार हुआ. सैटेलाइट तस्वीरों से इसका निर्माण दिखा. यह भूकंप और 40 किलो TNT विस्फोट सह सकता है. कश्मीर को जोड़ने वाला यह पुल भारत की इंजीनियरिंग का चमत्कार है.
जम्मू कश्मीर में वादी-ए-कश्मीर भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है, जिससे कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे नेटवर्क हकीकत बन गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब ब्रिज, और भारत के पहले केबल सपोर्टेड रेलवे ब्रिज, अंजी ब्रिज, का लोकार्पण हुआ, साथ ही दो नई वंदे भारत ट्रेनें जम्मू कश्मीर को मिलीं और जम्मू में नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया। 'जम्मू कश्मीर के आप सभी लोगों को और आप सबसे नरेंद्र मोदी का वायदा है, मैं यहाँ विकास को रुकने नहीं दूंगा,' यह बात कही गई, और क्षेत्र के विकास के लिए 46,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और घाटी के विकास को नई रफ्तार दी. उन्होंने चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम का जम्मू कश्मीर का ये पहला दौरा है. इसके साथ ही उन्होंने कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई. देखें 'ब्रेकिंग न्यूज.'
आज श्रीनगर सीधे दिल्ली और देश से रेल सेवा के जरिए जुड़ जाएगा. ये संभव होगा उस चिनाब रेल ब्रिज से जिसे पीएम मोदी आज देश को समर्पित करेंगे. ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है. ये ऐतिहासिक पुल ना केवल कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई रफ्तार देगा. देखें ये स्पेशल शो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शुक्रवार) को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. पहली बार अब लोग कश्मीर से सीधे श्रीनगर की यात्रा अब किसी भी मौसम में ट्रेन के जरिए कर पाएंगे.
भारत ने रचा इतिहास! chenab नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज eiffel tower और दिल्ली के कुतुबमीनार से भी है 35 मीटर ऊंचा 359 मीटर ऊंचा, एफिल टॉवर से भी विशाल- चिनाब ब्रिज ना सिर्फ भारत का, बल्कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को जोरदार सबक सिखाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी आज जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं. जहां वो चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. पीएम वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे. फिर वो कटरा में 46 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं को देश के नाम समर्पित करेंगे. देखें ये खास शो.
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को जम्मू कश्मीर को विकास की नई रफ्तार देने जा रहे हैं. वो आज यहां 46 हजार करोड़ की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएम चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज और देश के पहले केबल-स्टे अंजी ब्रिज का उद्घाटन करने वाले हैं. देखें न्यूज बुलेटिन.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के एक कॉन्ट्रैक्ट में धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. यह पावर प्रोजेक्ट चेनाब नदी पर बन रहा है जिसके इस साल तक पूरा होने की उम्मीद है.
तेज बारिश के कारण चिनाब नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसके चलते डैम के गेट खोलने पड़े. पानी के तेज बहाव से पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. भारत सरकार की तरफ से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना के बाद सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते बगलिहार और सलाल डैम के गेट खोले गए हैं. इससे पाकिस्तान की ओर पानी का प्रवाह बढ़ गया है. भारत ने सिंधु जल संधि के बाद पाकिस्तान पर जल कूटनीति तेज की है.
भारत ने चिनाब नदी पर सलाल और बगलिहार बांध के गेट बंद किए. पाकिस्तान में जलस्तर 61% गिरा, कृषि संकट की आशंका.
पाकिस्तान के सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) के आंकड़ों से पता चलता है कि पानी के प्रवाह में भारी गिरावट आई है, जो 23 अप्रैल को 29,675 क्यूसेक से घटकर 5 मई तक 11,423 क्यूसेक रह गया. यानी 61 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
अगर भारत पश्चिम की ओर बहने वाली पाकिस्तान की नदियों पर अपना कंट्रोल मजबूत कर देता है और मौजूदा हालात बने रहते हैं, तो खरीफ सीजन के दौरान पाकिस्तान को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है. यही नहीं अगर भारत ने अचानक पानी छोड़ दिया तो पड़ोसी देश में बाढ़ आ जाएगी.
भारत ने चिनाब नदी पर बने डैम बगलिहार और सलाल डैम के सभी गेटों बंद कर पाकिस्तान की ओर जाने वाली पानी को पूरी तरह से रोक दिया है. डैम के बंद होने के बाद नदी का जलस्तर करीब 2 फीट के आसपास पहुंच गया है. इसे पहले भारत ने सिंधु जल संधि समझौते को रद्द कर दिया था.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के बाद अब भारत ने चिनाब नदी पर दो बड़े हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स – सलाल और बगलिहार – पर काम शुरू कर दिया है. NHPC और जम्मू-कश्मीर सरकार मिलकर जलाशयों की क्षमता बढ़ा रही हैं. यह कदम पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका है क्योंकि अब भारत चिनाब के पानी का अधिकतम उपयोग कर सकेगा.
भारत ने जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल डैम के गेट बंद कर पाकिस्तान जा रहा पानी रोक दिया है, जिसे 'जल प्रहार का राउंड टू' कहा जा रहा है. इसके चलते पाकिस्तान की ओर बह रही चिनाब नदी सूख गई है, जबकि भारत का कहना है, "हिंदुस्तान की धरती पर खून बहेगा तो पाकिस्तान में पानी की एक बूंद नहीं बहेगी." पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर यूएन में गुहार लगाई है. देखें...
रामबन के पास बगलिहार डैम के गेट बंद होने के बाद चेनाब नदी का पानी काफी घट गया है, जिससे नदी के पत्थर दिखने लगे हैं. यह पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद के घटनाक्रम से जुड़ा है. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "इसको देख के तो हम लोग काफी डर जाते हैं." देखें...
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद अब इसका असर दिखने लगा है. रामबन के पास बगलिहार डैम के गेट बंद होने के बाद चेनाब नदी का पानी काफी घट गया है. नदी का पानी इतना कम हो गया है कि लोग इसे पैदल पार कर पा रहे हैं. देखें रिपोर्ट.
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था. लेकिन इस बार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरकार ने इस संधि को रोक दिया है, जिससे पड़ोसी मुल्क की हालत खराब हो गई है.