जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बना चिनाब रेल ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. 1315 मीटर लंबा यह पुल हिमालय की कठिन जमीन पर खड़ा है. सैटेलाइट तस्वीरों और 3D तकनीक ने इसके निर्माण को और रोमांचक बनाया. आइए इस इंजीनियरिंग चमत्कार के बारे में जानें...
चिनाब रेल ब्रिज का निर्माण: सैटेलाइट तस्वीरों की कहानी
सैटेलाइट तस्वीरों से चिनाब ब्रिज की कहानी साफ दिखती है...
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2017: चिनाब नदी के दोनों किनारों पर धरोट में निर्माण शुरू हुआ। तस्वीरों में सहायक संरचनाएं दिखीं.
2022: 1,315 मीटर लंबा स्टील का आर्च लगभग पूरा हो गया, बस एक छोटा हिस्सा जोड़ना बाकी थां
फरवरी 2025: सैटेलाइट तस्वीरों में ब्रिज पूरी तरह तैयार दिखा, जो 25,000 टन धातु से बना है—एफिल टावर से तीन गुना ज्यादा!
क्या है चिनाब रेल ब्रिज?
चिनाब रेल ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो चिनाब नदी से 359 मीटर ऊपर है.
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हिमालय एक युवा पर्वत श्रृंखला है, जिसकी जमीन पूरी तरह समझी नहीं गई. यह इलाका भूकंप जोन-5 में है, जहां बड़े भूकंप का खतरा रहता है. भारतीय रेलवे ने इसके लिए खास तैयारी की...
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निर्माण की मुश्किलें
चिनाब ब्रिज बनाना आसान नहीं था. हिमालय की दुर्गम घाटियों में काम करना चुनौतीपूर्ण था. भारी मशीनें और सामान लाना मुश्किल था। सड़कें संकरी थीं और मौसम खराब रहता था. हिमालय की अस्थिर मिट्टी और चट्टानों ने डिज़ाइन को जटिल बनाया. आतंकी हमलों के खतरे के बीच इसे विस्फोट-रोधी बनाया गया.3D मॉडलिंग और सैटेलाइट तस्वीरों ने डिज़ाइन और निर्माण में मदद की. एफकॉन्स ने इन चुनौतियों को पार कर 10 साल में यह पुल बनाया.
सैटेलाइट और 3D तकनीक का कमाल
सैटेलाइट तस्वीरों ने निर्माण की हर स्टेज को कैद किया. 2017 से 2025 तक की तस्वीरें दिखाती हैं कि कैसे यह विशाल ढांचा तैयार हुआ. 3D मॉडलिंग से इंजीनियरों ने पुल की हर छोटी डिटेल को परखा, जैसे आर्च का आकार और खंभों की मजबूती. सैटेलाइट से इन तस्वीरों ने निर्माण की प्रगति को ट्रैक करने और हिमालय की जमीन को समझने में मदद की.