एलियन (Alien) ऐसे जीवों को कहा जाता है जो पृथ्वी के बाहर किसी अन्य ग्रह, तारे या गैलेक्सी में रहते हैं. ये हमारे जैसे दिखते हों या पूरी तरह से अलग, इस पर अभी तक कोई निश्चित प्रमाण नहीं मिला है. विज्ञान के अनुसार, एलियन जीवन के लिए वही चीज़ें जरूरी हैं जो पृथ्वी पर जीवन के लिए हैं.
एलियन के अस्तित्व की खोज पिछले 70 सालों से चल रही है. दुनिया भर के वैज्ञानिक, अंतरिक्ष एजेंसियां और खगोलशास्त्री इस विषय पर शोध कर रहे हैं. NASA, ESA (European Space Agency) और ISRO जैसी संस्थाएं लगातार ग्रहों पर जीवन के संकेत ढूंढने में लगी हैं.
मंगल ग्रह (Mars) पर बर्फ के रूप में पानी की खोज की गई है, जो जीवन की संभावना को बढ़ाती है. Europa (ज्यूपिटर का चांद) और Enceladus (शनि का चांद) पर भी बर्फ के नीचे पानी के महासागर पाए गए हैं. 1977 में, एक रहस्यमय “Wow! Signal” मिला था जिसे कुछ वैज्ञानिकों ने एलियन रेडियो सिग्नल बताया था.
2023 में James Webb Space Telescope (JWST) ने कुछ ऐसे ग्रहों का पता लगाया है जिनके वातावरण में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें मिली हैं, ये जीवन के संकेत हो सकते हैं.
कई देशों में लोगों ने UFO (Unidentified Flying Object) देखने का दावा किया है. अमेरिका, रूस, चीन और भारत में भी ऐसी घटनाएं दर्ज हुई हैं.: 1947, Roswell (USA): एक रहस्यमय उड़न तश्तरी के गिरने की खबर से पूरी दुनिया में हलचल मच गई थी.
2017 में, अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ने तीन वीडियो जारी किए जिनमें अज्ञात उड़न वस्तुएं दिखाई दीं - इन्हें आधिकारिक रूप से “UAPs - Unidentified Aerial Phenomena” कहा गया. हालांकि, अब तक किसी भी सरकार या संस्था ने एलियन के अस्तित्व की पुष्टि नहीं की है.
विज्ञान मानता है कि एलियन जीवन के कई रूप हो सकते हैं -
सूक्ष्मजीव (Microbes) – बैक्टीरिया जैसे छोटे जीव, जो पानी या बर्फ में हो सकते हैं.
वनस्पति या जीव-जंतु जैसे प्राणी – किसी अन्य ग्रह पर विकसित जीवन.
उन्नत सभ्यताएं (Advanced Civilizations) – जो हमसे ज्यादा तकनीकी रूप से विकसित हो सकती हैं.
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर ऐसी सभ्यताएं हैं, तो वे लाखों साल आगे होंगी और शायद हमें पहले से देख रही हों.
भारत में भी कई बार एलियन देखे जाने की खबरें आई हैं-
2013 में लद्दाख में कुछ सैनिकों ने आसमान में चमकती हुई वस्तु देखी थी.
2018 में मध्य प्रदेश के कुछ गांवों में लोगों ने “आसमान से उतरते अजीब प्रकाश” की रिपोर्ट की.
हालांकि इनमें से किसी भी घटना की वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हो पाई.
11 साल बाद MH370 की नई तलाश 30 दिसंबर 2025 से शुरू होगी. ओशन इन्फिनिटी कंपनी 15,000 वर्ग किमी क्षेत्र में विमान को ढूंढेगी. मलबा मिला तो मलेशिया सरकार 600 करोड़ रुपये देगी. अब तक पायलट सुसाइड, अमेरिकी-रूसी साजिश, एलियन किडनैपिंग जैसी थ्योरीज चर्चा में रहीं, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं है. परिवारों को अभी भी जवाब का इंतजार है.
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3I ATLAS Interstellar Comet Tracker: 3I/ATLAS धूमकेतु तीसरा इंटरस्टेलर मेहमान अब 19 दिसंबर को धरती के नजदीक आएगा. 29 अक्टूबर को सूरज के सबसे पास पहुंचा था. तब इसकी चमक 16 गुना बढ़ी थी. नीला रंग हो गया था. अवि लोएब ने कहा कि ये 40% एलियन है. वैज्ञानिक कहते हैं ये प्राकृतिक है. लेकिन इस धूमकेतु ने दुनिया को रहस्य में डाल दिया है.
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