2026 में आने वाली जिन फिल्मों के लिए इंटरनेशनल सिनेमा कम्युनिटी सबसे ज्यादा एक्साइटेड है, उनमें से एक है स्टीवन स्पीलबर्ग की अगली फिल्म. स्पीलबर्ग जिन्होंने E. T. The Extra-Terrestrial, ‘जुरासिक पार्क’ और ‘सेविंग प्राइवेट रायन’ जैसी फिल्में बनाई हैं. उनकी इस नई फिल्म का न तो टाइटल सामने आया है, न टीजर या ट्रेलर. और न कहानी का कोई ऑफिशियल हिंट. हाल ही में इसका एक पोस्टर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में सामने आया— रहस्यमयी इमेज, और नीचे एक लाइन: “ALL WILL BE DISCLOSED.” यानी ‘सारे रहस्य से पर्दा उठेगा.' साथ में तारीख भी है― 6.12.2026.
फिल्म के पोस्टर्स में ऐसा क्या है?
2024 में अनाउंस किया गया था कि स्पीलबर्ग की फिल्म UFO पर बेस्ड है. UFO यानी Unidentified Flying Objects. UFO को एलियंस का एयरक्राफ्ट माना जाता है. जैसे— बॉलीवुड फिल्म ‘कोई मिल गया’ में जैसी एलियन शिप है, उसे UFO कहा जाएगा.
स्पीलबर्ग की नई फिल्म का पोस्टर UFO, एलियंस पर और सस्पेंस पैदा करने वाला है. इसके सेंटर में एक उल्टी इंसानी आंख दिखाई देती है. इस आंख में आपको गोल आकृति में कुछ लाइट्स दिखेंगी. लाइटें देखकर लगता है ये आंख UFO देख रही है. आंख के ठीक ऊपर एक पक्षी जैसी आकृति नोटिस की जा सकती है. जो पहली नज़र में कौए या रेवेन के साए जैसी लगती है.
इस पक्षी जैसी आकृति के बाहर गोल आकृति में कुछ डॉट्स हैं. इस तरह की इमेज भी साइंस कम्युनिटी में UFO से जोड़कर देखी जाती रही हैं. पूरे पोस्टर में एक रहस्यमयी सा फील है— जैसे किसी सच को देखा तो जा रहा हो, लेकिन जानबूझकर छिपाया भी जा रहा हो. पोस्टर पर न फिल्म का नाम है, न कलाकारों की जानकारी— सिर्फ नीचे लिखा है: “ALL WILL BE DISCLOSED. 06.12.2026”.
बस, इतना सा इशारा… और इंटरनेट पर जैसे सिनेमा, साजिश और साइंस-फिक्शन का मेला लग गया. ये सिर्फ एक फिल्म को लेकर एक्साइटमेंट नहीं है. ये UFO और एलियंस की मौजूदगी, इंसानों से उनके संपर्क और अंतरिक्ष में हमारे जैसे दूसरे प्राणियों के अस्तित्व का सवाल भी है. स्पीलबर्ग ने कुछ कहा नहीं, लेकिन लोगों ने उनके पोस्टर को इस सवाल का जवाब मान लिया है. ये अनुमान कई वाइल्ड कॉन्सपिरेसी थ्योरीज की शक्ल ले चुके हैं.
थ्योरी नंबर 1: ये फिल्म नहीं, ‘डिस्क्लोज़र’ है
सबसे ज़्यादा चलने वाली थ्योरी यही है कि स्पीलबर्ग की फिल्म एलियंस पर बनी एक आम साइंस-फिक्शन नहीं होगी. बल्कि ग्लोबल डिस्क्लोज़र की कहानी होगी— यानी वो पल जब दुनिया की सरकारें मान लेंगी कि इंसान अकेला नहीं है. “ALL WILL BE DISCLOSED” को लोग सिर्फ टैगलाइन नहीं मान रहे, बल्कि एक स्टेटमेंट मान रहे हैं. इसकी बहुत बड़ी वजह है कि हालिया कुछ सालों में UFO और एलियंस को लेकर, दुनिया भर में बहुत कुछ एक्साइटिंग (और भयानक) घट चुका है.
2022-23 में यूएस कांग्रेस, एक सरकारी संस्था ने पहली बार UAP (Unidentified Aerial Phenomenon) पर पब्लिक हियरिंग्स की. यूएस मिलिट्री, इंटेलिजेंस एजेंसीज ने UAP एनकाउंटर पर खुलासे किए. इसके अलावा UFO पर पेंटागन रिपोर्ट्स, व्हिसलब्लोअर्स की रिपोर्ट्स— पिछले कुछ सालों में एलियन थ्योरीजज मेनस्ट्रीम चर्चा का हिस्सा बनी हैं. दर्शकों को लगता है कि स्पीलबर्ग इसी सस्पेंस को पर्दे पर उतारने वाले हैं.
स्पीलबर्ग ने अपनी फिल्म E.T. (1982) में इंसानों और एलियंस के रिश्ते को ऐसा एक्सप्लोर किया कि उन्हें इस मामले का एक्सपर्ट माना जाता है. कुछ वाइल्ड थ्योरीज ये भी कहती हैं कि स्पीलबर्ग को यूएस में सरकारी समर्थन से ये जिम्मा मिला है कि आम जनता को, एलियंस के प्रति एक मानवीय नजर से देखने के लिए तैयार करें. क्योंकि एलियंस हैं, उनका अस्तित्व अब और छुपाया नहीं जा सकता और एकदम से इंसानों के सामने ये रहस्य खुलना अराजकता फैला सकता है. और स्पीलबर्ग का नया प्रोजेक्ट इसी काम का हिस्सा है. ये थ्योरी साजिश नहीं, बल्कि टाइमिंग से पैदा हुई कल्पना है.
थ्योरी नंबर 2: ‘Close Encounters’ का अनकहा अगला चैप्टर?
E.T. से पहले स्पीलबर्ग की फिल्म Close Encounters of the Third Kind (1977) में इंसानों और एलियंस की पहली मुलाकात नजर आई थी. सिनेमा लवर्स का ये भी मानना है कि स्पीलबर्ग की नई फिल्म, 1977 वाली 'Close Encounters' का स्पिरिचुअल सीक्वल है.
सीक्वल नहीं, यूनिवर्स नहीं— बल्कि वही सवाल, अलग दौर में. 1977 में स्पीलबर्ग ने एलियंस को जिज्ञासा और आशा के प्रतीक की तरह दिखाया था. आज एलियंस को लेकर डर, सतर्कता और अविश्वास का माहौल है. माना जा रहा है कि नई फिल्म एलियंस के साथ ह्यूमन कॉन्टैक्ट को, आज की मानसिकता के साथ देखेगी. नई फिल्म के पोस्टर से जन्मा कौतूहल और सस्पेंस इसी मानसिक का सबूत दे रहे हैं.
थ्योरी नंबर 3: क्या स्पीलबर्ग फिर से ARG खेल रहे हैं?
पॉप कल्चर में गले तक डूबा एक बड़ा तबका मानता है कि स्पीलबर्ग के पोस्टर सिर्फ फिल्म मार्केटिंग नहीं, बल्कि एक ARG (Alternate Reality Game) की शुरुआत है.
स्पीलबर्ग ऐसा पहले कर चुके हैं. 'A.I. Artificial Intelligence' (2001) के समय उन्होंने महीनों चलने वाला ARG बनाया था— फेक वेबसाइट्स, न्यूज रिपोर्ट्स, कोडेड मैसेजेस. अब फिर वही पैटर्न दिख रहा है: कोई कन्फर्म कास्ट नहीं, कोई स्टोरी नहीं, कोई लोगो नहीं— बस रहस्य.
लोग पोस्टर के फॉन्ट, इमेज, लोकेशन तक को डिकोड कर रहे हैं. सवाल ये नहीं कि ARG है या नहीं— सवाल ये है कि ऐसी क्या दिलचस्पी और बेचैनी है कि दर्शक हर चीज को पहेली मान रहे हैं.
थ्योरी नंबर 4: एलियंस नहीं, इंसानों की कहानी?
एक ज्यादा समझदार और सिनेमाई थ्योरी ये है कि फिल्म एलियंस पर कम और इंसानों पर ज्यादा होगी. स्पीलबर्ग के सिनेमा में स्पेक्टेकल हमेशा बैकग्राउंड में रहा है. असली कहानी इंसानों के रिएक्शन, डर और रिश्तों की होती है. कभी एलियंस के साथ, कभी AI के साथ, कभी डायनासोर के साथ.
संभव है कि फिल्म एलियंस दिखाए ही न— या बहुत कम दिखाए. और सारा फोकस इस बात पर हो कि जब “एलियंस का सच” सामने आता है, तो समाज कैसे बिखरता है.
इस नज़रिए से “ALL WILL BE DISCLOSED” इंसानों और उनमें अपने जैसे दूसरे प्राणियों के अस्तित्व के डर पर एक व्यंग्य भी हो सकता है.
थ्योरी नंबर 5: और हां… इंटरनेट यहां भी पहुंच गया
स्पीलबर्ग के पोस्टर्स पर निकली ये सबसे वाइल्ड थ्योरी है. ऑनलाइन कॉन्सपिरेसी थ्योरी विशेषज्ञों ने एक तगड़ा मुजस्समा रचा है— कि स्पीलबर्ग ने फिल्म में असल एलियंस या नॉन-ह्यूमन प्राणियों को कास्ट किया है.
दरअसल, स्पीलबर्ग की फिल्म का टाइटल पहले ‘द डिश’ रखा गया था. फरवरी में टाइटल बदलकर ‘डिस्क्लोजर’ रखा गया. टाइटल चेंज की खबर को, यूएस कांग्रेस के कई ऐसे सदस्यों ने रहस्यमयी तरीके से शेयर किया, जो यूएस के एलियंस और UFO कनेक्शन पर बहुत ओपन रहे हैं. कांग्रेस-वुमन एना पॉलीना लूना ने टाइटल चेंज की खबर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, ‘आप इसे बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहेंगे.’
एलियन थ्योरी पर खूब चर्चा करने वाले पॉपुलर जादूगर क्रिस रामसे ने ऐसी एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी हाईलाइट करते हुए X पर लिखा- ‘क्या ऐसा नहीं हो सकता कि स्पीलबर्ग को UAP का अप्रत्याशित एक्सेस दिया गया हो? या फिर एक रियल UFO का?’
ये बात, फिल्म के जरिए जनता को एलियंस के प्रति पॉजिटिव बनाने की कोशिश वाली, पहली थ्योरी को पूरा भी करती है. अपनी पोस्ट में क्रिस ने लिखा था- ‘जिस मीडियम (फिल्मों) ने हमें एलियंस के होने पर यकीन करना सिखाया है, उसी के जरिए उनके अस्तित्व का खुलासा करने से बेहतर और क्या होगा!’
इन थ्योरीज की बड़ी वजह स्पीलबर्ग की संगत भी है. ‘Close Encounters’ बनाते वक्त स्पीलबर्ग ने जे. एलेन हाईनेक की मदद ली थी. हाईनेक, यूएस एयरफोर्स के लिए, UFO मामलों के वैज्ञानिक सलाहकार रहे हैं. अपनी फिल्मों में UFO और एलियन लाइफ को ‘विश्वसनीय’ बनाने का क्रेडिट स्पीलबर्ग ने हाईनेक को ही दिया है. दोनों में अच्छी दोस्ती भी है.
बोनस थ्योरी: इंसान ही एलियंस हैं!
इस टॉपिक पर तीन फिल्में बना चुके स्पीलबर्ग को दुनिया भर में इसके बेस्ट एक्सपर्ट्स में भी गिना जाता है. ‘डिस्क्लोजर’ को लेकर एक दिलचस्प थ्योरी ये भी है कि स्पीलबर्ग ने भविष्य के मानवों को ही एलियन दिखाया है.
वजह: स्पीलबर्ग ने 2023 के एक इंटरव्यू में एलियंस के अस्तित्व पर बात करते हुए कहा था― ‘ये भी तो हो सकता है कि वे (एलियंस) हम (मनुष्य) ही हैं. 5 लाख साल बाद, भविष्य से आए हुए! 20वीं सदी के सेकंड हाफ और 21वीं सदी का मनुष्य जीवन डॉक्यूमेंट करने के लिए… क्योंकि वे एंथ्रोपोलॉजिस्ट हैं? और उन्हें कुछ ऐसा पता है, जो हमें अभी नहीं पता कि आगे घटने वाला है. शायद वे हमारे इतिहास के आखिरी 100 सालों के ब्यौरा दर्ज करने आए हों?’
कहानी पोस्टर या एलियंस की नहीं… दर्शकों की है
सबसे दिलचस्प बात ये नहीं है कि कौन-सी थ्योरी सही है. असली मजा इसमें है कि स्पीलबर्ग ने मात्र एक पोस्टर भर से इतना शोर पैदा कर दिया है.
आज जब हर फिल्म ट्रेलर, टीज़र और एक्सप्लेनेशन पहले ही दिखाने लगती है, वहां एक इमेज और एक लाइन ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. स्पीलबर्ग फिल्म नहीं बेच रहे— उन्होंने रहस्य बेचा है. एलियंस-UFO-UAP को लेकर दुनिया में माहौल ऐसा है कि लोग मोटे पैसे खर्च करके फिल्म के टिकट खरीदेंगे.
और शायद यही स्पीलबर्ग की सबसे बड़ी कामयाबी है. फिल्म रिलीज होने पर, इसकी टैगलाइन “ALL WILL BE DISCLOSED” सच भी साबित हो सकती है, झूठ भी. पर इतना तय है इस ‘डिस्क्लोजर’ को तगड़ी ऑडियंस मिलने वाली है.