यूरोपियन यूनियन ने Apple और Meta पर बड़ा फाइन लगाया है. दोनों कंपनियों पर EU ने 70 करोड़ यूरो (लगभग 6823 करोड़ रुपये) का फाइन लगाया है. ऐपल पर 50 करोड़ यूरो (लगभग 4874.25 करोड़ रुपये) और मेटा पर 20 करोड़ यूरो (लगभग 1949.70 करोड़ रुपये) का फाइन लगाया गया है. ये फाइन यूरोपियन यूनियन एंटीट्रस्ट रेगुलेटर की ओर से लगाया गया है.
बड़ी टेक कंपनियों के पंख कतरने की दिशा में ये एक बड़ा कदम है. यूरोपियन यूनियन के फाइन के बाद अमेरिका और यूरोप के रिश्ते प्रभावित भी हो सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ फाइन लगाने वाले देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी.
ये फाइन डिजिटल मार्केट ऐट के तहत लगाया गया है. ये कानून मार्केट में मौजूद बड़ी कंपनियों की धाक के बीच छोटे प्लेयर्स की एंट्री को सुनिश्चित करता है. इस मामले में ऐपल ने कहा है कि वो EU के फाइन को चुनौती देंगे.
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ऐपल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'आज का फैसला यूरोपीय कमीशन की ओर से ऐप्पल को गलत तरीके से टार्गेट किए जाने का एक और उदाहरण है. यह एक ऐसी सीरीज का हिस्सा है जो हमारे यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए नुकसानदायक है, हमारे प्रोडक्ट्स के लिए खराब है और हमें अपनी टेक्नोलॉजी फ्री में देने के लिए मजबूर करता है.'
मेटा ने भी EU के फैसले की आलोचना की है. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'यूरोपियन कमीशन सफल अमेरिकी बिजनेसेस को विकलांग बनाने की कोशिश में लगा है, जबकि चीनी और यूरोपीय कंपनियों को अलग स्टैंडर्ड के तहत काम करने दिया जा रहा है.'
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मेटा ने कहा, 'ये फाइन के बारे में नहीं है, कमीशन हम पर बिजनेस मॉडल को बदलने का दबाव डाल रहा है. मेटा पर करोड़ों डॉलर का टैरिफ लगाने के साथ हम से घटिया सर्विस लाने देने की उम्मीद की जा रही है.'