TRAI का नया नियम लागू हो चुका है और सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स अब भी अपनी परेशानियां बता रहे हैं. DTH को लेकर TRAI के नए नियम को इस मकसद से लागू किया गया है कि यूजर्स को टीवी चैनल्स देखने पर कंट्रोल मिल सकेगा. इसके साथ ही इससे सस्ते होने की उम्मीद जगी. लेकिन कई लोगों के लिए ये नियम उल्टा पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
TRAI का मानना है कि इससे कस्टमर्स का बिल कम हो जाएगा, क्योंकि कस्टमर्स सिर्फ उन्हीं चैनल्स के लिए पैसे देंगे जिसे वो देखना चाहेंगे. हालांकि ऐसे कई लोगों के लिए नहीं है. ग्लोबल अनालिटिक्स और रेटिंग कंपनी Crisil के अनुमान के मुताबिक टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा लागू किए गए इस DTH नियम से कस्टमर्स को अब पहले से ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं.
बेस पैक, ऐड ऑन्स, नेटवर्क कैपेसिटी फी और टैक्सेस मिला कर कस्टमर्स का बिल पहले से ज्यादा आ सकता है. ऐसा इस रेटिंग एजेंसी का अनुमान है और बताया जा रहा है कि TRAI के वादे से उल्टी स्थिति बन सकती है और कस्टमर्स का बिल बढ़ सकता है.
TRAI की नई रेग्यूलेशन के तहत ब्रॉडकास्टर्स ने काफी स्ट्रैटिजी के साथ प्राइसिंग की है. ज्यादा पॉपुलर और रीच वाले चैनल्स की कीमत ज्यादा हैं. कुछ पॉपुलर चैनल्स की कीमत 19 रुपय है और इस अगर इस तरह के 10 चैनल भी आपने चुन लिए तो आपका बिल पहले के पैक से ज्यादा आ सकता है.
Cirsil के सीनियर डायरेक्टर सचिन गुप्ता ने कहा है, ‘इस रेग्यूलेशन के प्रभाव को लेकर हमारी अनालिसिस ये दिखाती है कि मंथली टीवी बिल पर असर पड़ सकता है. मौजूदा प्राइसिंग के आधार पर मंथली बिल 25 फीसदी तक बढ़ सकता है. पहले 230-340 रुपये था तो अब 300 रुपये प्रति महीने हो सकता है जो व्यूअर 10 चैनल ऑप्ट करते हैं. हालांकि अगर 5 चैनल लेते हैं तो कीमत कम हो जाएगी’ .
इस नए नियम की वजह से कस्टमर्स को ज्यादा पैसे देने के बाद भी कम चैनल मिल रहे हैं. आला कार्ट बेसिस निश्चित तौर पर आपको छूट देता है कि आप कौन से चैनल के देखना चाहें और किसके लिए पैसे दें. लेकिन दूसरी तरह देखें तो नंबर और चैनल काफी कम हो जाएंगे और च्वॉइस कम हो जाएगी ऑप्शन्स भी कम होंगे.