
Tennis great Boris Becker: अपने जमाने के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर दिवालियापन से जुड़े अपराधों के कारण ब्रिटेन की कुख्यात वैंड्सवर्थ जेल में बिताए गए 8 महीनों को याद करके रो पड़े. बेकर को जेल में अलग सेल में रखा गया था, जहां वह खुद को अकेला महसूस कर रहे थे और उन्हें अपने परिजनों और दोस्तों की कमी खल रही थी.
बेकर ने जर्मन प्रसारक एसएटी.1 से कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में खुद को कभी इतना अकेला महसूस नहीं किया.’ तीन बार के विम्बलडन चैम्पियन बेकर को दिवालिया घोषित किए जाने के बावजूद अवैध रूप से बड़ी मात्रा में धन हस्तांतरित करने और संपत्ति छिपाने के आरोप में अप्रैल में 30 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी.
बेकर ने 1985 में 17 साल की उम्र में सुर्खियां बटोरी थीं, जब वह विम्बलडन सिंगल्स खिताब जीतने वाले पहले गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी बने थे. दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी को जून 2017 में दिवालिया घोषित किया गया था.

बेकर को रिहाई की पात्रता हासिल करने के लिए कम से कम आधी सजा काटने की जरूरत थी, लेकिन विदेशी नागरिकों के लिए फास्ट ट्रैक निर्वासन कार्यक्रम के तहत उन्हें जल्दी रिहा कर दिया गया. बेकर को 15 दिसंबर को उनके देश जर्मनी निर्वासित किया गया था.
इस स्टार खिलाड़ी ने कहा कि वह रोज प्रार्थना करते थे तथा उन्हें दूसरे कैदियों से हमले की आशंका रहती थी. जेल के अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें अलग सेल में रखा था.
बेकर को जेल में रहते हुए पहली बार पता चला कि भूख क्या होती है. जेल में उन्हें अक्सर चावल, आलू और सॉस ही मिलता था. इस 55 साल के खिलाड़ी ने कहां, ‘भूख क्या होती है इसका मुझे अपनी जिंदगी में पहली बार अहसास जेल में हुआ.’
जेल में रहते हुए बेकर के कुछ दोस्त भी बने, जिन्होंने नवंबर में चॉकलेट केक मंगाकर उनका जन्मदिन मनाया था. बेकर ने कहा, ‘मैंने आजाद दुनिया में भी कभी इस तरह की एकजुटता का अनुभव नहीं किया था.’