भारतीय टीम 20 जून से इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलेगी, जो उनके वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 के सफर की भी शुरुआत होगी. हालांकि इस बार टीम काफी युवा और अनुभवहीन है, लेकिन इसके बावजूद टीम में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो टीम इंडिया का सफर आसान कर सकते हैं.
इंग्लैंड का दौरा हमेशा भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है. इस बार यह दौरा टीम के बड़े बदलाव के दौर के बीच में आ रहा है. भारत न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट सीरीज़ हार चुका है. इसलिए, अगर टीम को इस WTC चक्र की अच्छी शुरुआत करनी है और उसे अच्छे अंजाम तक पहुंचाना है, तो टीम इंडिया को इन जरूरी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है.
गेंदबाजी आक्रमण में सुधार की जरूरत
2016 से 2021 तक भारतीय टीम की टेस्ट क्रिकेट में बादशाहत का सबसे बड़ा कारण था उसका मजबूत पेस अटैक. लेकिन पिछले दो WTC चक्रों में गेंदबाजी आक्रमण में लगातार बदलाव होते रहे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में टीम जसप्रीत बुमराह पर ही निर्भर दिखी, जो इकलौते गेंदबाज थे जो विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे.
मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाजों की चोटें और टीम से अंदर-बाहर होते रहने वाले गेंदबाजों ने गेंदबाजी को कमजोर कर दिया. वहीं, रविचंद्रन अश्विन के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद स्पिन अटैक भी कमजोर दिख सकता है. रविंद्र जडेजा भी अपने करियर के अंतिम दौर में हैं. ऐसे में टीम को अपना मजबूत गेंदबाजी कोर तैयार करना होगा, जो फिलहाल काफी कमजोर नजर आता है.
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कोहली का विकल्प तलाशना होगा और केएल राहुल...
केएल राहुल भारतीय टीम के सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाजों में से एक हैं. हालांकि, उनके लिए एक निश्चित बल्लेबाजी क्रम तय करना बेहद जरूरी है. राहुल को कभी ओपनिंग करते हुए देखा गया है, तो कभी मिडिल ऑर्डर में. विराट कोहली और रोहित के संन्यास के बाद अब उनका भी विकल्प तलाशना होगा.
केएल टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में से एक हैं, तो उनके लिए एक स्थिर क्रम तय करना जरूरी है ताकि वह अपनी विश्वस्तरीय बल्लेबाजी दिखा सकें और टीम के लिए भरपूर रन बना सकें. यह भारत के WTC फाइनल 2027 में जगह बनाने के लिए बेहद अहम होगा.
नई लीडरशिप को मजबूत बनाना, लेकिन ज्यादा निर्भरता न रखना
भारतीय बल्लेबाजी क्रम रोहित शर्मा और विराट कोहली पर ही टिका था, लेकिन दोनों दिग्गजों के संन्यास के बाद टीम को आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक मजबूत लीडरशिप यूनिट की जरूरत है. शुभमन गिल को कप्तान और ऋषभ पंत को उपकप्तान और विकेटकीपर बनाया गया है. उनकी अहम भूमिका टीम के फैसलों को भारतीय टीम के पक्ष में मोड़ने में होगी.
हालांकि, सिर्फ कप्तान और उपकप्तान पर ही निर्भर रहना सही नहीं होगा. क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां मैदान पर उतरने वाले सभी ग्यारह खिलाड़ियों की जीत-हार में जिम्मेदारी होती है. ऐसे में जूनियर खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी और एकजुट होकर प्रदर्शन करना होगा ताकि टीम जीत की राह पर लौट सके.