आईसीसी वूमेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय चुनौती समाप्त हो चुकी है. केपटाउन के न्यूलैंड्स क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को पांच बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ ही करोड़ों भारतीय फैन्स की उम्मीदों पर भी तुषारापात हो गया.
देखा जाए तो आईसीसी इवेंट्स के दौरान बड़े मुकाबलों में भारतीय टीम का प्रदर्शन कुछ सालों से काफी निराशाजनक रहा है. भारतीय खिलाड़ी बड़े मुकाबलों में प्रेशर नहीं झेल पाते हैं और उन्हें बल्ले से सही शुरुआत भी नहीं मिल पा रही है. इस सेमीफाइनल मुकाबले में भी भारत के पास ऑस्ट्रेलिया को 150 रनों के अंदर रोकने का मौका था, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने फील्डिंग और डेथ ओवर्स में लचर प्रदर्शन से यह मौका गंवा दिया. दबाव के क्षणों में फास्ट बॉलर रेणुका सिंह की गेंदबाजी भी बिखरती हुई दिखाई पड़ीं.
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... और जब बैटिंग की बारी आई तो भारतीय टीम ने 28 रनों पर ही शुरुआती तीन खिलाड़ियों के विकट गंवा दिए. इस दौरान शेफाली वर्मा (9 रन), स्मृति मंधाना (2 रन) और यास्तिका भाटिया (4 रन) कुछ खास नहीं कर पाईं. फिर हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने 69 रनों की पार्टनरशिप करके जरूर भारतीय पारी को ट्रैक पर ला खड़ा कर दिया था, लेकिन कप्तान का ऐन मौके पर रन-आउट होना भारत को भारी पड़ गया.
...जब इंग्लैंड के सामने बेबस दिखी टीम इंडिया
पिछले साल हुए मेन्स 20 वर्ल्डकप को याद करें तो सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को इंग्लैंड ने 10 विकेट से धो डाला था. उस मुकाबले में भारतीय टीम के लिए आगाज सही नहीं रहा और दूसरे ही ओवर में केएल राहुल चलते बने थे. फिर कप्तान रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे. हालांकि विराट कोहली और हार्दिक पंड्या ने अर्धशतकीय पारी खेलकर भारत को 168 रनों का स्कोर बनाने में मदद की, जो उस पिच पर नाकाफी था. गेंदबाजी की बारी आई तो भारतीय प्लेयर्स प्रेशर में दिखाई दिए और वह एक विकेट तक नहीं चटका पाए.
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान गोल्ड मेडल मैच में भी भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ जीता हुआ मुकाबला गंवा बैठी थी. एजबेस्टन के मैदान पर खेले गए उस मुकाबले में भारत ने खराब शुरुआत से उबरते हुए एक समय दो विकेट पर 118 रन बनाए थे और उसकी जीत निश्चित लग रही थी. लेकिन इसके बाद जो कहानी लिखी गई उसे भारतीय फैन्स भूलना पसंद करेंगे. अंत में भारतीय टीम उस मुकाबले को 9 रनों से गंवा बैठी थी.
न्यूजीलैंड ने दो मौकों पर दिया है गहरा जख्म
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप 2021 के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया कीवी टीम के खिलाफ धराशायी हो गई थी. साउथम्पटन में खेले गए मुकाबले में भारतीय बल्लेबाज काइल जेमिसन, ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी की कहर बरपाती गेंदों का सामना नहीं कर पाए थे. दोनों ही पारियों को मिलाकर भारतीय टीम चार सौ रन भी नहीं बना पाई, ऐसे में गेंदबाजों से उम्मीद रखना बेईमानी होती. न्यूजीलैंड की टीम उस मुकाबले को आठ विकेट से जीतने में सफल रही थी.
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2019 में इंग्लैंड में आयोजित वनडे वर्ल्ड कप भी इससे अछूता नहीं था, जहां सेमीफाइनल मैच में भारत को जीत के लिए न्यूजीलैंड ने 240 रनों का टारगेट दिया था. भारतीय फैन्स मानकर चल रहे थे कि यह मुकाबला आसानी से उनकी टीम जीतने जा रही है, लेकिन 2015 वर्ल्ड कप की तरह ही जीत की ख्वाहिश फिर से अधूरी रह गई. भारत की शुरुआत इतनी खराब हुई थी कि सौ रनों के अंदर ही उसके छह विकेट गिर गए थे. इसके बाद एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा के बीच 116 रनों की पार्टनरशिप से भारत ने मुकाबले में जबरदस्त वापसी की थी. लेकिन धोनी-जडेजा के ऐन मौके पर आउट होने से भारत टारगेट तक नहीं पहुंच पाया था.
कब खत्म होगा आईसीसी खिताब का सूखा?
भारतीय पुरुष टीम लगभग दस सालों से कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत पाई है. आखिरी बार साल 2013 में टीम इंडिया ने एमएस धोनी की कप्तानी में आईसीसी खिताब जीता था. तब उसने चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को शिकस्त दी थी. भारतीय टीम उसके बाद से खिताब जीतने में असफल रही है. दूसरी ओर भारतीय महिला टीम को अब भी आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार है. इस साल भारत को वनडे वर्ल्ड कप में भाग लेना है और टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी भारत के पहुंचने की संभावना है. उम्मीद है कि आईसीसी खिताब जीतने का सूखा जल्द ही पूरा होगा.