तारीख थी 2 जून 2025, इस एक दिन में दो स्टार क्रिकेटर ने अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया था. पहले खबर आई ग्लेन मैक्सवेल को लेकर, उन्होंने वनडे इंटरनेशनल से संन्यास लेने की घोषणा की और कहा कि वो टी20 क्रिकेट पर फोकस करेंगे. 36 साल के मैक्सवेल 2015 और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे.
इस खबर के महज कुछ घंटे बाद एक और खबर साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम से जुड़ी आई. 33 साल के हेनरिक क्लासेन ने तो इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. और इन क्रिकेटर्स के संन्यास के हफ्तेभर बाद एक और चौंकाने वाली खबर निकोलस पूरन से जुड़ी हुई आई है. उन्होंने भी महज 29 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया.
खास बात यह रही कि इन सभी क्रिकेटर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट से तो किसी ने किसी फॉर्मेट से तो हटने का फैसला किया है. लेकिन इनमें से किसी भी क्रिकेटर्स ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट से हटने का फैसला नहीं किया है. ऐसे में यह बात साफ है कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट में पैसा ज्यादा और महज कुछ दिनों में ही खिलाड़ी मोटा पैसा बना लेते हैं, ऐसे में वो इंटरनेशनल क्रिकेट क्यों खेलेंगें?
8 दिनों में हुए इन 3 संन्यासों को देखा जाए तो एक चीज नोटिस करने वाली ही कि चाहे मैक्सवेल हों, क्लासेन हों या फिर पूरन... ये तीनों ही फ्रेंचाइजी क्रिकेट के बड़े नाम हैं. तीनों ही टी20 क्रिकेट में जबरदस्त खेलते हैं.
केवल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ही बात की जाए तो इनको एक सीजन खेलने के लिए खूब पैसे मिले थे. क्लासेन को सनराइजर्स हैदराबाद ने 23 करोड़ रुपए में रिटेन किया था. पूरन को लखनऊ सुपरजायंट्स ने 21 करोड़ रुपए में रिटेन किया. वहीं मैक्सवेल को पंजाब किंग्स ने 4.20 करोड़ रुपए में खरीदा था. वैसे भारतीय क्रिकेट में भी रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन ने भी क्रिकेट के अलग-अलग फॉर्मेट छोड़े हों, लेकिन वो भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट जमकर खेल रहे हैं.
बोर्ड की फीस पर भारी फ्रेंचाइजी क्रिकेट की फीस
एक रिपोर्ट के मुताबिक- क्लासेन को प्रति वनडे लगभग 1,900 डॉलर (करीब 1 लाख 60 हजार रुपए) और प्रति टी20 मैच 911 डॉलर (करीब 77 हजार) की मैच फीस मिलती थी. वहीं सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के तहत 55 लाख से लेकर 1 करोड़ 30 लाख तक का भुगतान होता था.
cricket.com.au की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में हर साल टॉप कॉन्ट्रैक्ट अर्नर को प्रति वर्ष 3 मिलियन डॉलर (करीब 25 करोड़) से अधिक की कमाई तय थी, जिसमें दौरा भुगतान और मैच फीस को छोड़कर न्यूनतम रिटेनर राशि संभवतः 367,000 डॉलर (3 करोड़) तय की गई थी.
वहीं वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड में कम से कम दो फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) खेलने वाले खिलाड़ी प्रति वर्ष न्यूनतम 240,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.97 करोड़ रुपये) कमा सकते हैं. तीन प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ी प्रति वर्ष 300,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.5 करोड़ रुपये) तक कमा सकते हैं. टेस्ट मैचों के लिए मैच फीस लगभग 5,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 4 लाख रुपए) प्रति गेम है. वहीं सेंट्रल क्रिकेट के तहत वेस्टइंडीज में खिलाड़ियों को हर साल तय सैलरी मिलती है, जो उनकी रैंक के हिसाब से अलग-अलग होती है.
यानी एक बात तो साफ है कि हाल फिलहाल में जिन भी क्रिकेटर्स ने संन्यास लिया है, वो फ्रेंचाइजी क्रिकेट तो खेलना चाहते हैं, लेकिन देशहित से जुड़ा क्रिकेट नहीं खेलना चाहते हैं. क्योंकि कोई भी क्रिकेटर क्यों ना हो, वह ज्यादातर मौके पर पहले रिटायरेंट इंटरनेशनल क्रिकेट से ले रहा है और फ्रेंचाइजी क्रिकेट को कंटीन्यू कर रहा है.
क्या सब कुछ पैसा है, देश कुछ नहीं
क्लासेन ने जनवरी 2024 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन वो टी20 इंटरनेशनल और ओडीआई में एक्टिव थे. इस साल अप्रैल में क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) के सेन्ट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए उनकी अनदेखी की गई थी. 2 जून (सोमवार) को ही ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भी वनडे इंटरनेशनल को अलविदा कह दिया. अब वैसा ही निकोलस पूरन ने किया है. इन सब में एक बात कॉमन है कि ये सभी फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे, इनमें से हटने का फैसला किसी ने नहीं किया है.
ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के इतर तो वेस्टइंडीज की टीम तो कई द्वीपों का समूह हैं, जहां कई द्वीप मिलकर एक टीम बनाते हैं. वेस्टइंडीज में लीवार्ड द्वीप, विंडवार्ड द्वीप, बारबाडोस, त्रिनिदाद और टोबैगो, जमैका, गुयाना आदि शामिल हैं. इन द्वीपों के क्रिकेट बोर्ड संयुक्त रूप से वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम बनाते हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व करते हैं.
ऐसे में केवल पूरन ही नहीं विंडीज के कई क्रिकेटर ऐसे हैं जो इंटरनेशनल क्रिकेट ना खेलकर फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं. इनमें आंद्रे रसेल और सुनील नरेन जैसे नाम भी शामिल हैं.