चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स द्वारा एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) शुरू किए हुए करीब 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पास इस स्वैप के लिए मंजूरी की कोई आधिकारिक अर्जी नहीं पहुंची है.
यही वजह है कि चर्चाओं के बावजूद यह ट्रेड फिलहाल कागजों पर अटका हुआ है और अंतिम स्वीकृति का इंतजार है.
यह डील अब तक क्यों रुकी हुई है? यह है वजह
क्रिकबज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक- रवींद्र जडेजा, संजू सैमसन ट्रेड में देरी की मुख्य वजह इस डील में एक तीसरे खिलाड़ी का शामिल होना है. यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करन हैं. समस्या यह है कि राजस्थान रॉयल्स के पास पहले से विदेशी खिलाड़ियों का कोटा पूरा है, और जब तक वह किसी विदेशी खिलाड़ी को रिलीज नहीं करते, तब तक करन को टीम में शामिल नहीं किया जा सकता.
मामला यहीं नहीं रुकता. रॉयल्स के पास पर्स में भी सिर्फ 30 लाख रुपये बचे हैं, जबकि करन की मौजूदा वैल्यू 2.4 करोड़ रुपये है. 11 नवंबर (मंगलवार) तक राजस्थान की टीम में 8 विदेशी खिलाड़ी मौजूद हैं. इनमें जोफ्रा आर्चर, शिमरॉन हेटमायर, वानिंदु हसरंगा, महीश तीक्ष्णा, फजलहक फारूकी, क्वेना मफाका, नांद्रे बर्गर, ल्हुआन-ड्रे प्रिटोरियस है. इसके अलावा 14 भारतीय खिलाड़ी भी टीम में शामिल हैं.
जडेजा–सैमसन स्वैप में कोई दिक्कत नहीं
जडेजा और सैमसन की अदला-बदली (ट्रेड) अपने आप में आसान प्रोसेस है, क्योंकि यह दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच सीधा स्वैप है. रॉयल्स की स्क्वॉड में फिलहाल 22 खिलाड़ी हैं और वह अधिकतम 25 तक जा सकती है, बशर्ते पर्स बैलेंस और विदेशी खिलाड़ियों की सीमा का ध्यान रखा जाए.
अब समाधान क्या है?
इस डील को आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान को कम से कम 2.4 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा कीमत वाले किसी विदेशी खिलाड़ी को रिलीज करना होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रेंचाइचाइज़ी पहले से ही अपने दो श्रीलंकाई स्पिनर्स वानिंदु हसरंगा (₹5.25 करोड़), महीश तीक्ष्णा (₹4.40 करोड़) को रिलीज करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो न केवल विदेशी स्लॉट खाली हो जाएगा, बल्कि पर्स में भी पर्याप्त रकम आ जाएगी.
कब तक सुलझेगा मामला?
ये बदलाव संभवतः 15 नवंबर की रिटेंशन डेडलाइन के बाद होंगे, जब सभी टीमें अपने रिलीज और रिटेन किए गए खिलाड़ियों की घोषणा करेंगी. हालांकि, अगर राजस्थान चाहे तो डेडलाइन से पहले भी इसे अंजाम दे सकता है.
क्या डील टूट सकती है?
एक सूत्र ने कहा- इस मोड़ पर डील रुक भी सकती है, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती. लेकिन जहां तक बात है पीछे हटने की, तो संभावना बहुत कम है. अब गेंद पूरी तरह राजस्थान रॉयल्स के पाले में है. अगर फ्रेंचाइजी जडेजा को टीम में लाने के लिए गंभीर है, तो जल्द ही विदेशी खिलाड़ी रिलीज कर प्रोसेस तेज करनी होगी.