गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे टेस्ट मैच में ऋषभ पंत की अगुवाई वाली भारतीय टीम बैकफुट पर नजर आ रही है. साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत की पहली इनिंग्स 201 रनों पर सिमट गई. पहली पारी के आधार पर भारत 288 रनों से पिछड़ गया.
भारत की बल्लेबाजी बेहद खराब रही. मार्को जानसन (6 विकेट) और साइमन हार्मर (3 विकेट) के सामने भारतीय बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. गेंदबाजी भी भारतीय टीम की इस टेस्ट मैच में संघर्ष करती दिखी है. भारतीय टीम की गिरावट सिर्फ बल्लेबाजी या गेंदबाजी से जुड़ी नहीं है, बल्कि टीम की रणनीति और सेलेक्शन में हुई गलतियां भी इसकी बड़ी वजह हैं.
अब टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने मौजदूा कोच गौतम गंभीर के कुछ चौंकाने वाले फैसलों पर सवाल उठाए हैं. शास्त्री ने कोलकाता टेस्ट का जिक्र किया, जहां वॉशिंगटन सुंदर ने सिर्फ 1 ओवर फेंका था, तब सुंदर को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने भेजा गया था. भारत ने उस मैच में चार स्पिनर्स खिलाए, लेकिन सुंदर को एक तरह से गेंदबाजी दी ही नहीं गई.
इस तरह के फैसले कैसे लिए गए: शास्त्री
रवि शास्त्री का कहना है कि या तो अक्षर पटेल या फिर वाॉशिंगटन सुंदर में से किसी एक की जगह टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाना चाहिए था. शास्त्री ने गुवाहाटी टेस्ट मैच में कमेंट्री के दौरान कहा, 'इसका कोई मतलब ही नहीं बनता. मैं बतौर कोच समझ नहीं पा रहा कि इस तरह के फैसले लिए कैसे गए. कोलकाता में एक स्पिनर ने सिर्फ एक ओवर फेंका. ऐसी स्थिति में एक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज को खिलाना ज्यादा सही होता.'
रवि शास्त्री ने कहा कि जब वॉशिंगटन सुंदर को कोलकाता टेस्ट मैच में नंबर तीन भेजा गया तो उन पर भरोसा बनाए रखना चाहिए था. शास्त्री का मानना है कि शुभमन गिल चोटिल थे और प्लेइंग-11 में साई सुदर्शन आए, लेकिन सुंदर नंबर-4 पर भी खेल सकते थे. सुंदर ने कोलकाता टेस्ट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन 60 रन (29 & 31) बनाए थे. इसके बाद भी उन्हें गुवाहाटी टेस्ट में नंबर आठ पर उतारा गया.
रवि शास्त्री ने आगे कहा, 'पिछले टेस्ट में वॉशिंगटन नंबर तीन पर खेले थे, तो इस टेस्ट में आपके पास जब नंबर-3 है, तो वो नंबर चार पर आसानी से खेल सकते थे. वह नंबर आठ के खिलाड़ी नहीं हैं. वह उससे कहीं बेहतर हैं.'
वॉशिंगटन सुंदर ने गुवाहाटी टेस्ट में भारत के लिए पहली पारी में दूसरे सबसे ज्यादा रन (48) बनाए. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि टीम चयन, बल्लेबाजी क्रम और खराब रणनीति ने भारत की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.